-संस्कृत यूनिवर्सिटी के टीआर में कटिंग व पन्ना बदले जाने के लिए जिम्मेदार कौन

संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी में गुरुवार को भी एसआइटी जांच में जुटी रही। इस दौरान एसआइटी परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी के संबंध में कर्मचारियों से पूछताछ की। टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) में कटिंग व पन्ना बदले जाने के लिए जिम्मेदार कौन है ये सवाल है। एसआइटी मुख्य रूप से इन्हीं दो बिंदुओं पर केंद्रीत रही। एसआइटी के इंस्पेक्टर वीके सिंह पूरे दिन लाइब्रेरियन के कक्ष में बैठ कर परीक्षा अभिलेखों की जांच करते रहे। इस दौरान उन्होंने वर्ष 2004 से 2014 (दस वर्ष) तक के बीएड के कई टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) तलब किया। किसी जिम्मेदार अधिकारियों के हस्ताक्षर के बगैर टीआर में कटिंग देख उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई और कटिंग किसने किया इस संबंध में कर्मचारियों से पूछताछ की। इसी प्रकार टीआर का पन्ना बदलने पर भी एसआइटी कड़ा रूख देखा गया।

वेरीफिकेशन में अंतर क्यों

प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित विद्यालयों में विश्वविद्यालय के उपाधि धारक बड़े पैमाने पर चयनित हुए थे। यूनिवर्सिटी पर सत्यापन रिपोर्ट में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरतने का आरोप है। एक बार वैध तो दूसरी बार उसी परीक्षार्थी को फर्जी बताया गया। एक की अंकपत्र के सत्यापन में अंतर कैसे आया। एसआइटी इसकी भी पड़ताल में जुटी हुई है।