- 1990 में घर में घुसकर तीन लोगों की हत्या का मामला

- दस हजार रुपये का पुरस्कार भी घोषित था

जौनपुर जिले के थाना क्षेत्र शाहगंज में वर्ष 1990 में घर में घुसकर तीन लोगों की हत्या के मामले में आजीवन कारावास से दण्डित 21 वर्ष से फरार चल रहे अभियुक्त को शनिवार वाराणसी ईकाई की एसटीएफ ने दबोच लिया। उसके ऊपर दस हजार रुपये का पुरस्कार भी घोषित था।

काफी दिनों से यूपी के विभिन्न जनपदों में वांछित पुरस्कार घोषित अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर एसटीएफ की विभिन्न टीमें लगी हुई हैं। अपराधियों के खिलाफ अभिसूचना संकलन करते हुए कार्रवाई की जा रही है। इसी क्रम में निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी की एक टीम धरातलीय अभिसूचना संकलन के लिए आजमगढ़ में मौजूद थी। शनिवार को सूचना मिली कि आजीवन कारावास की सजा से दण्डित फरार 10 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित अपराधी इन्द्र प्रकाश यादव निवासी बद्दोपुर थाना शाहगंज जनपद जौनपुर दीदारगंज पेट्रोल पम्प के पास खड़ा है और किसी का इंतजार कर रहा। इस सूचना पर एसटीएफ बताए गए स्थान पर पहुंची और इन्द्र प्रकाश यादव को गिरफ्तार कर लिया।

एसटीएफ की पूछताछ में उगले राज

एसटीएफ की पूछताछ में इंद्र प्रकाश ने बताया कि 13 दिसंबर 1990 को भूपेश कुमार सिंह पुत्र तेज बहादुर सिंह निवासी सिधाई थाना शाहगंज जनपद जौनपुर के घर पर डकैती डालने की नियत से हमला किया गया था। जिसमें दीप नरायन उर्फ बल्लर सिंह, राममूíत सिंह उर्फ नन्दू एवं हेमन्त कुमार बनर्जी की हत्या कर एसबीबीएल व डीबीबीएल बन्दूक व घर का और सामान लूट लिये थे। इस संबंध में भूपेश कुमार सिंह द्वारा थाना शाहगंज पर मुअसं 469/1990 धारा 302/396 आईपीसी के तहत अभियोग पंजीकृत कराया गया था।

हो गई थी सजा

इस मुकदमें में इंद्र प्रकाश को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-प्रथम जौनपुर के न्यायालय से 12 जनवरी 2001 को आजीवन कारावास की सजा हो गयी थी। इसमें वह जमानत पर छूटा था, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश पर जमानत निरस्त हो गई थी। तब से वह फरार चल रहा था।

गुजरात में बना रखा था अपना ठिकाना

इंद्र प्रकाश यादव घटना के बाद गुजरात राज्य को अपना महफूज ठिकाना बना रखा था। चोरी छिपे वह अपने घर आया करता था। शनिवार को उसके आने की भनक पर एसटीएफ की टीम ने पहुंचकर उसे दबोच लिया।