- सारनाथ स्थित तिब्बती यूनिवर्सिटी में तिब्बत के निर्वासित प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हुई घटना

- हॉस्टल से कैंपस में पहुंचा जलता हुआ छात्र, हालत गंभीर

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लंबे वक्त से चीन के कब्जे से खुद को आजाद करने और उसकेअत्याचार से आजिज तिब्बतियों का आंदोलन एक बार फिर उग्र होता दिख रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को सारनाथ स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ तिब्बती स्टडीज में तिब्बत की आजादी के लिए एक छात्र ने आत्मदाह की कोशिश की। घटना उस समय हुई जब निर्वासित प्रधानमंत्री डॉ लोबसांग सांगेय यूनिवर्सिटी के हॉल में चीन के खिलाफत में भाषण दे रहे थे। उसी वक्त पूर्व मध्यमा थर्ड ईयर के छात्र तेनजिंग जोंग (21 वर्ष) ने शरीर पर केरोसिन डाल कर आग लगा ली और आग का गोला बनकर हॉल की तरफ दौड़ा। जिससे हड़कंप मच गया। दूसरे छात्रों ने कंबल डाल कर किसी तरह आग बुझाई लेकिन तब तक तेनजिंग करीब 70 परसेंट झुलस चुका था। उसे मंडलीय अस्पताल भेजा गया जहां स्थिति गंभीर देखकर उसे लंका स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत गंभीर बताई गई।

कई दिनों से था तनाव में

तेनजिंग के घरवाले मूल रूप से तिब्बत के निवासी हैं लेकिन चीन के कब्जे के बाद दलाई लामा के साथ भारत आ गए थे। यूनिवर्सिटी के पद्मसंभव छात्रावास के रूम नंबर 216 में रहने वाले तेनजिंग का परिवार इन दिनों मैसूर (कर्नाटक) में रहता है। सारनाथ स्थित यूनिवर्सिटी में देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले तिब्बती आकर पढ़ते हैं। जिसमें अधिकांश पूर्वात्तर राज्यों के हैं। पिछले कुछ समय से लेह-लद्दाख, भूटान, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चल रही चीनी सेना की हरकतों को लेकर तेनजिंग तनाव में था। अक्सर वह अपने दोस्तों से कहता था कि यही दशा रही तो भूटान पर भी तिब्बत की तरह चीन कब्जा कर लेगा। वहीं उसके दोस्त ने ये भी बताया कि 13 जुलाई को हाईस्कूल का रिजल्ट निकला था। जिसमे वह तिब्बती लेंग्वेज और संस्कृत में फेल भी हो गया था।

तिब्बत को दिलाएं आजादी

यूनिवर्सिटी में तिब्बत के निर्वासित सरकार के पीएम डॉ लोबसांग सांगेय का कार्यक्रम शुक्रवार को यूनिवर्सिटी में था। सुबह करीब साढ़े नौ बजे अतिशा हॉल में वह छात्रों और विश्वविद्यालय से जुड़े लोगों के सामने भाषण दे रहे थे। वहां से करीब 50 मीटर दूर हॉस्टल से आग लगाकर तेनजिंग हॉल की तरफ भागा। आग बुझाने के बाद जिस समय उसे अस्पताल भेजा रहा था उस समय भी उसके मुंह से निकला कि आत्मदाह को छोड़ कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अब समय आ गया है कि पूरा विश्व मिल कर चीन को सबक सिखाते हुए तिब्बत को आजादी दिलाए।

प्रधानमंत्री बोले, धैर्य से लें काम

अपने सामने हुए इस घटनाक्रम से निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री डॉ लोबसांग सांगेय व्यथित दिखे। उन्होंने यूनिवर्सिटी प्रबंधन से छात्र का बेहतर उपचार कराने को कहा है। घटनाक्रम के बाबत दुख व्यक्त किया। साथ ही लोगों से अपील की कि संयम से काम लेना चाहिए।

भारत है गुरू और तिब्बत शिष्य

चीन की हरकतों से इन दिनों भारत और चीन के संबधों में चल रही तल्खी के बाबत तिब्बत के निर्वासित प्रधानमंत्री डॉ लोबसांग सांगेय ने कहा कि जरुरी है कि भारत तिब्बत की सुरक्षा पर भी ध्यान दे। क्योंकि भारत गुरु है और तिब्बत शिष्य। जब तिब्बत सुरक्षित रहेगा तो भारत भी सुरक्षित रहेगा।