वाराणसी (ब्यूरो)शुक्रवार को 11 सूत्री मांगों को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने धरना शुरू किया। बाद में उन्होंने वीसी से मिलने की मांग रखी। लगभग एक घंटे बाद वीसी ने मिलने का समय दिया और धरने को लेकर बातचीत की। एबीवीपी के सदस्यों ने बताया कि उन्हें यूनिवर्सिटी की अव्यवस्थाओं से अवगत कराया गया तो उन्होंने एक सप्ताह में सुधार का आश्वासन दिया।

संस्कृत के छात्रों में रोष
संस्कृत विषय से शास्त्री-आर्चाय की डिग्री लेने वाले छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अमान्य करने को लेकर आंदोलित हैं। उनका कहना है कि यदि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में नहीं बैठ सकते तो उनका भविष्य कैसे सुरक्षित होगा। उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो जाएगा। छात्रों ने बताया कि उन्होंने पूर्व में इस मामले को लेकर संकाय बंद कराया था। इसके बाद संकाय प्रमुख से मिल कर समस्या का समाधान कराने की मांग की थी, लेकिन अब तक इस मामले में कुछ नहीं किया गया।

ये हैं स्टूडेंट्स की मांगे
1. विश्वविद्यालय के सभी निर्णयों एवं योजनाओं में छात्रों की सहभागिता सुनिश्चित की जाए।
2. कृषि विज्ञान संस्थान समेत अन्य विषयों की मनमानी फीस वृद्धि तत्काल वापस हो।
3. सभी लंबित शोधवृत्ति तत्काल प्रभाव से जारी की जाए।
4. महिला छात्रावासों में मेस शुल्क वृद्धि तत्काल वापस हो।
5. आगामी सत्र के लिए छात्रावास आवंटन एवं ऑफलाइन क्लासों पर विवि अपनी योजना स्पष्ट करे।
6. एसएसएल अस्पताल में छात्रों के लिए उपचार एवं हेल्थ डायरी की पुरानी व्यवस्था बहाल हो।
7. आरईटी की अधिसूचना जल्द से जल्द जारी की जाए एवं लंबी प्रवेश प्रक्रिया को पूरी की जाए।
8. विश्वविद्यालय में हो रहे निर्माण कार्यों के मलबे के कारण हो रहे प्रदूषण पर रोक लगे।
9. शास्त्री को स्नातक एवं आचार्य को परास्नातक डिग्री की मान्यता दें।
10. सर सुंदरलाल अस्पताल में मरीजों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए।
11. विवि की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों की वेतन विसंगति को तत्काल प्रभाव से दूर किया जाए।

मैं अभी नया हूं। मेरे सामने जो मामले आ रहे हैं उनके बारे में जब तक विस्तार से जानकारी नहीं लूंगा, कुछ कह नहीं सकता। एक सप्ताह में सभी वास्तविकताओं की जानकारी लेने के बाद निर्णय लूंगा।
- प्रो। सुधीर जैन, कुलपति, बीएचयू

एबीवीपी के सदस्यों ने वीसी से मुलाकात की है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही सभी मामलों का हल निकाल लेंगे ताकि यहां के छात्रों को परेशानी न हो।
- पुनीत, सदस्य, एबीवीपी

हमने संस्कृत विषय से शास्त्री-आचार्य की डिग्री ली है, लेकिन हमें प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं मिल रही है, इस कारण हमारा भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है।
- शशिकांत, शोध छात्र

छात्रों की समस्याओं से विवि प्रशासन को लगातार अवगत कराते आए हैं, लेकिन हमारी मांगों की अनदेखी की जा रही है। ये पूरी तरह से छात्रों के साथ अन्याय है।
- शुभम, शोध छात्र