-स्कूल से यूनिवíसटी तक ऑनलाइन पढ़ाई से दूर भाग रहे स्टूडेंट्स

-होमवर्क भी नहीं करते कम्प्लीट

-रजिस्टर्ड लाखों बच्चे, ऑनलाइन से जुड़े रहे केवल कुछ हजार

स्कूल से लेकर यूनिवíसटी तक के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लास स्टार्ट की गई है। स्कूल के स्तर से बच्चों के लिए व्हॉट्सएप ग्रुप भी बनाये गये और टीचर्स के द्वारा तैयार एजुकेशन कंटेंट को लोड किये जाने लगा है। लेकिन शहर के कुछ स्कूल व कॉलेजेज के ग्रुप को छोड़कर बड़ी संख्या में पढ़ाई के दौरान स्टूडेंटस रूचि लेते नहीं दिख रहे हैं। एक स्कूल के ग्रुप पर टीचर ने कंटेंट डाला और बच्चों से कहा कि आप लोग इसी के आधार पर नोट्स तैयार करें। ग्रुप में 140 बच्चे जुड़े हुये थे लेकिन सुबह से शाम तक सिर्फ चार बच्चों का ही रिप्लाई आया। इसी तरह एक अन्य स्कूल के क्लास 11 के व्हॉट्सएप ग्रुप पर टीचर ने बच्चों से होमवर्क किये जाने को लेकर सवाल किया। इसमें भी 150 में से 75 छात्र जुड़े हुये थे लेकिन सिर्फ 50 बच्चों ने ही रिप्लाई दिया। एक ग्रुप पर टीचर ने जब कंटेंट डाला तो 70 परसेंट से अधिक बच्चों ने मैसेज देखा ही नहीं। वहीं यूपी बोर्ड में सिर्फ 25 से 30 परसेंट स्टूडेंट ही व्हॉट्सएप ग्रुप से जुड़ पाये हैं और जो जुड़े हैं उनमें भी पढ़ाई में रूचि कम ही दिख रही है।

जुड़ते ही गायब हो जाते हैं स्टूडेंट

सरकारी स्कूल्स में जहां स्टूडेंट ऑनलाइन क्लास से भाग रहे हैं तो वहीं प्राइवेट स्कूल जो व्हॉट्सएप व ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का प्रयोग कर पढ़ाई करा रहे हैं। वहां भी दिक्कते कम नही हैं। शहर के कई फेमस स्कूल में भी बच्चों का ऑनलाइन अटेंडेंस बहुत कम है। नाम न लिखने की शर्त पर एक टीचर ने बताया कि 7 के क्लास में सिर्फ गुड माìनग मैम के ही मैसेज आते हैं और इसी से पढ़ाई पूरी मान ली जाती है। मतलब उनका अटेंडेंस हो गया। वे क्लास में नजर नहीं आते हैं।

बड़े भी कम नहीं

जहां एक ओर ऑनलाइन क्लास में इंटर तक के बच्चे रूचि नहीं दिखा रहे हैं तो कॉलेज व यूनिवíसटीज में पढ़ने वाले भी पीछे नहीं है। ऑनलाइन क्लास में किसी दिन पांच तो किसी दिन दस बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। बाकि कनेक्ट तो होते हैं और कोई न कोई बहाना बनाकर गायब हो जा रहे हैं। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि ऑनलाइन क्लास से भी स्टूडेंटस बंक मार रहे हैं।

कोट

यूनिवíसटी की ओर से स्टूडेंटस को कंटेंट अवेलेबल कराने की पूरी कोशिश हो रही है। ऑनलाइन क्लास से बहुत बच्चे अपीयर नहीं हो पा रहे हैं। इसके पीछे कुछ बच्चों को परेशानी तो है लेकिन कई टेक्निकल गड़बड़ी का बहाना भी बना रहे हैं।

प्रो। टीएन सिंह, वीसी

काशी विद्यापीठ

ऑनलाइन क्लास की कुछ अच्छाई है तो कुछ प्रॉब्लम भी है। हमारे पास कोई स्टैंडर्ड प्लेटफॉर्म न होने का बच्चे फायदा उठा रहे हैं। केवल व्हॉट्सएप के अलावा अन्य प्लेटफार्म पर क्लास से उन्हें बहाना का मौका मिल जा रहा है।

संगीता कुमार, प्रिंसिपल

उदय प्रताप पब्लिक स्कूल

क्लास स्टार्ट होते ही बहुत सारे स्टूडेंट्स कनेक्ट होते हैं, लेकिन कुछ देर बाद आवाज नहीं आ रही है या और कोई बहाना बनाकर अपने को डिस्कनेक्ट कर लेते हैं।

प्रो। जितेंद्र मणि त्रिपाठी, एसोसिएट प्रोफेसर

हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज