- श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से चंद कदम की दूरी पर है थाना चौक, जहां हत्या, दहेज हत्या के नहीं दर्ज हुए मुकदमें

काशी भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसा हुआ है ऐसा लोगों का मानना है। काशी के कण कण में भगवान शंकर का वास होना बताया जाता है। शहर की हर एक गतिविधियां उन्हीं के इशारे पर चलती हैं, ऐसा यहां के बुजुर्ग कहा करते हैं। हालांकि शहर में चोरी, छिनैती, लूट, हत्या, बलात्कार के मामले हर रोज सुनाई देते हैं, लेकिन शहर में एक ऐसा भी थाना है, जहां पिछले एक साल से कोई भी हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं हुआ या हूं कहें कि यहां पिछले एक साल में हत्या ही नहीं हुई। जी हां हम बात कर रहे हैं श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से महज चंद कदम की दूरी पर स्थित चौक थाने की। पिछले एक साल के अंदर घटना न होना यहां के लोग इसे साक्षात महादेव की कृपा ही मानते हैं। थाने के आंकड़े इस बात को बयां कर रहे हैं।

पुलिस पर आम जनता का विश्वास होने के बाद ही वो बिना झिझक किए अधिकारियों के बीच अपनी बात को कह सकता है। यही नहीं बेहतर पुलिसिंग के लिए पुलिस का आम जनता के बीच संबंध मधुर होना आवश्यक होता है। जितनी आम जनता के बीच पुलिस बैठती है संबंध उतना ही मधुर होता चला जाता है और वही संबंध समय आने पर बड़ से बड़े विवाद को रोकने में कारगर साबित होती है। इस बात का जीता जागता उदाहरण है कमिश्नरेट वाराणसी का चौक थाना।

सादे वर्दी में भ्रमणशील पुलिस

चौक थाना क्षेत्र के घाटों पर हर रोज सैकड़ों लाशें जलाई जाती हैं, इसी दौरान भीड़ में शातिर चोर भी ताक में रहते हैं। इसको लेकर प्रभारी निरीक्षक आशुतोष तिवारी ने बावर्दी तो पुलिस को घाटों पर लगा ही रखा है, बल्कि सादे कपड़ों में भी पुलिस को क्षेत्र में बने रहने का निर्देश दिया गया हुआ है।

पुलिस मित्र का मिलता है लाभ

परिवार के बड़े जैसा करते हैं, छोटे भी उसी का आचरण अपनाते हैं, ऐसा माना जाता है। चौक थाने का भी कुछ ऐसा ही हाल है। सुबह से लेकर शाम तक प्रभारी निरीक्षक थाना परिसर में नहीं बल्कि क्षेत्र में भ्रमण किया करते हैं और जब वे बाहर से आते हैं तो अपने कक्ष के बजाय थाना परिसर में बने गोलंबर में बैठना ज्यादातर पसंद करते हैं। उनके पीछे-पीछे थाने के सभी पुलिसकर्मी क्षेत्र में रहकर लोगों के बीच पुलिस मित्रता को बढाया करते हैं।

सूचना पर पुलिस की उपलब्धता

किसी भी बड़ी घटना की जड़ छोटी सी बात हुआ करती है। अगर समय रहते मामले को शांत करा दिया जाए तो संभव है कि बड़ा विवाद हो ही न। यही थ्योरी चौक प्रभारी निरीक्षक का काम आता रहा है। प्रभारी निरीक्षक बताते हैं कि हर एक समस्याएं चाहे वो छोटी हो या बड़ी मैं उसे शून्य प्रतिशत में लाने का प्रयास करता हूं। मामला क्या है उसकी जड़ पकड़ने के बाद मामले के समाधान का प्रयास करता हूं। ऊपर के अधिकारियों से पारदर्शिता रखता हूं और उनके मार्गदर्शन में काम करता हूं।

घटनाओं पर एक नजर

वर्ष 2020

हत्या- 00

दहेज हत्या-00

लूट- 00

बलबा- 06

चेन स्नेचिंग- 01

नकबजनी- 04

अपहरण- 02

वाहन चोरी- 12

बलात्कार- 02

कोट

थाने पर आने वाले हर एक मामले को मैं गंभीरता से लेता हूं। इसके अलावा मैं प्रयास करता हूं कि जितने समय क्षेत्र में रहूं उतने समय क्षेत्र के लोगों से सुलभता से मिलता रहूं। थाने पर भी मैं प्रयास करता हूं कि बाहर बने गोलंबर में ही बैठूं, जिससे कोई भी व्यक्ति कभी भी मेरे पास आ सके।

आशुतोष कुमार तिवारी, प्रभारी निरीक्षक, चौक वाराणसी कमिश्नरेट