-गैलेक्सी अस्पताल के तीसरे फ्लोर पर शार्ट शर्किट से लगी आग
-अस्पताल प्रबंधन और पुलिस की तत्परता से आग पर पाया गया काबू
- मरीजों को आईसीयू से सीसीयू और दूसरे वार्डो में शिफ्ट किया गया
-फायर बिग्रेड की टीम सूचना के 45 मिनट बाद पहुंची, तबतक पा लिया गया था आग पर काबू
महमूरगंज स्थित गैलेक्सी अस्पताल में बुधवार की सुबह शॉर्ट सíकट के कारण आग लगते ही चीख-पुकार मच गई। घटना अस्पताल के तीसरे फ्लोर पर आईसीयू के बगल में डॉक्टर्स चेंजिग रूम में बुधवार की सुबह पांच बजे घटी। इधर, अस्पताल कर्मियों और मरीजों के अटेंडेंट ने जब धुंए का गुब्बारा उठते देखा तो अफरा-तफरी मच गई। बदहवास लोग अपने मरीजों के जान की दुहाई देते दिखे। तत्काल घटना की सूचना स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग को दी गई। वहीं अस्पताल के फायर फाइटिंग और मैनेजमेंट टीम ने आईसीयू का शीशा तोड़कर धुआ निकलने का रास्ता बनाया साथ ही पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया।
अस्पताल में आग लगने और धुंए के लगातार बढ़ने से अफरा-तफरी मच गई। ऐसे में परिजनों ने अस्पताल कर्मचारियों के साथ मिलकर मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया। हालांकि सूचना मिलते ही मौके पर तत्काल पुलिस पहुंच गई, लेकिन फायर बिग्रेड की टीम 45 मिनट देर से पहुंची। टीम जबतक पहुंची तबतक आग पर काबू पा लिया गया था। ऐसे में सवाल उठे की आग बड़ी होती तो संभाल पाना मुश्किल हो जाता और कई इसकी चपेट में आ जाते।
आईसीयू में भर्ती थे 10 मरीज
जिस कमरे में आग लगी वहां से 30 फिट की दूरी पर आईसीयू वार्ड था। आईसीयू वार्ड में कुल 10 मरीज भर्ती थे। हालांकि आग की सूचना मिलते ही तत्परता दिखाते हुए सभी मरीजों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।
शीशा तोड़कर निकाले गए
रविंद्र नाथ सिंह सात मार्च से अस्पताल में भर्ती थे। मंगलवार की रात करीब 11 बजे ही उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। इधर, बुधवार की सुबह लगी आग के बाद उन्हें शीशा तोड़कर नीचे उतारा गया। एक और जहां लोग बदहवास थे, वहीं ऐसी स्थिति में भी 50 वर्षीय रविंद्र सिंह के हौसले को देख सभी आश्चर्य में रह गए।
मरीजों को कराया शिफ्ट
घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल का मैनेजमेंट मरीजों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में लग गया। 10 मिनट के अंदर वेंटिलेटर के मरीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट कराया गया। बैकअप प्लान कारगर साबित हुआ। आग लगते ही एमसीबी गिर गई और लाइटें बंद हो गई थी। बैटरी बैकअप सही होने के कारण अस्पताल के सिस्टम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
:::: बॉक्स ::::
ऐसे लगी और बढ़ी आग
अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष के समीप बने इलेक्ट्रानिक पैनल में शार्ट सíकट हुआ। इसकी चिंगारी बगल में रखे सोफे पर गिरी और आग की लपटों में तब्दील हो गई। यहां से आग बढ़ते-बढ़ते आपरेशन थिएटर तक पहुंची। इसके बाद आइसीयू आग की चपेट में आने लगी। ठीक बगल में मौजूद 10 मरीजों में से छह वेंटिलेटर पर थे, जबकि बाकी की हालत भी गंभीर बताई जा रही थी।
----------
:: मरीजों के अटेंडेंट ने बयां किया हादसा:::
एक पल को लगा अब नहीं बच पाएंगे
रविंद्र नाथ सिंह अस्पताल में भर्ती थे। उनके अटेंडेंट धीरज सिंह ने बताया कि जिस समय यह घटना घटी उस समय एक पल के लिए लगा कि पिता जी अब नहीं बच पाएंगे। सभी धुएं के कारण बदहवास इधर-उधर दौड़ने लगे। हालांकि लेकिन अस्पताल प्रबंधन और अन्य लोगों की तत्परता ने कुछ समय में ही माहौल को काबू में कर लिया।
संयोग अच्छा था की सुबह का वक्त था
महमूरगंज निवासी नरेंद्र पाल को ब्रेन हेमरेज है। उनके अटेंडेंट शिवांश ने बताया कि जिस समय यह घटना हुई एक पल के लिए सभी डर गए। संयोग अच्छा था की सुबह का वक्त था। सभी लोग एक्टिव हो गए और मरीजों का सुरक्षित बगल के फ्लोर में शिफ्ट करा दिया गया। उस समय मेरे मरीज थोड़े परेशान हुए, लेकिन अब वह पूरी तरह से सुरक्षित और ठीक है।
--------------
डेढ घंटे में घटनाक्रम
-5 बजे सुबह एसी में शार्ट शर्किट ह
-5:30 स्टॉफ को हुई जानकारी
-5:34 पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू
- 5:36 सूचना दमकल कर्मियों को मिली
-5:40 तक धुएं ने डॉक्टर चेंजिग रूम को अपने आगोश में ले लिया
-5:42 बजे सिविल पुलिस पहुंच गई और भर्ती मरीजों को निकाला जा सका
- 6 बजे तक आग को काबू पा लिया गया तब जाकर दमकलकर्मी पहुंचे
6:30 बजे तक सभी मरीजों को सुरक्षित शिफ्ट कर दिया गया
- 7 बजे तक आग को पूरी तरह से काबू कर लिया गया