वाराणसी (ब्यूरो)श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर शहरवासियों में गजब सा उत्साह हैभक्त पूरे साल इस दिन का इंतजार करते हैैंजन्माष्टमी आ रही हो और तुलसी मानस मंदिर की बात न हो, ऐसा हो नहीं सकताजहां सभी लोग अपने-अपने घरों में झाकियां सजा रहे हैैं, वहीं मंदिरों की झांकी भी सज चुकी हैैबनारस के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक तुलसी मानस मंदिर कृष्ण जन्माष्टमी के लिए सजाया गया हैैयहां सजाई गई एक से एक झांकी आपके मन को मोह लेगीइस बार झांकी की थीम महाभारत है.

शाम होते ही उमड़ रही भीड़

शाम होते ही मंदिर में भक्तों की भीड़ दर्शन करने के लिए लग जाती हैै और अनगिनत भक्त दूर-दूर से मंदिर की सुंदर झांकी देखने आते हैैंहर बार की तरह इस बार भी मंदिर को खूब सुंदर सजाया गया हैैलोग मंदिर में झाकियां देखने के साथ ही कृष्ण भगवान से अपनी-अपनी मनोकामना भी कह रहे हैैंसभी को कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर बड़ा ही उत्साह हैैकृष्ण भगवान की झांकी के साथ ही आपको मंदिर के अंदर और भगवान की भी झांकी देखने को मिलेगीइसमें शिव-पार्वती के विवाह के साथ ही रामायण के सभी पात्रों को बड़ी ही खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया हैै.

हर बार सजाया जाता है

मंदिर की दीवारों पर चौपाइयां, दोहे,छंद और सोरठा लिखे हुए हैैंबनारस के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक तुलसी मानस मंदिर हर बार जन्माष्टमी के मौके पर सजाया जाता हैैइस मौके पर विभिन्न प्रकार की झांकी मंदिर में सजाई गई हैैमहाभारत की थीम को रखते हुए कहीं कान्हा को अर्जुन का रथ चलाते हुए दिखाया गया हैै तो कहीं पांडव और कौरव में युद्ध दिखाया गया हैैबाल गोपाल राधा रानी के साथ झूला झूल रहे हैैंबाल गोपाल के जन्म को भी बड़ी ही सुंदरता के साथ दर्शाया गया हैैवहीं मीरा कान्हा के भजन गाती हुई दिखायी गई हैैंअपने मित्रों के संग माखन चुरा रहे बाल गोपाल की झांकी को देख कर लगता हैै मानो वह सच में अपनी बाल लीला दिखा रहे होंऔर लगे भी क्यों न आखिर झाकियां सजाई ही इतनी खूबसूरती के साथ गई हैैं.

दर्शाया शिव-पार्वती का विवाह

कान्हा की झांकी के साथ ही आपको विभिन्न प्रकार की झांकी देखने को मिल जाएगीमंदिर में ऊपर जाकर झांकी देखने के लिए आपको 10 रुपए की टिकट लेनी होगी। 5 साल से कम उम्र के बच्चों की कोई टिकट नहीं लगेगीमंदिर में ऊपर सजी झांकी में शिव-पार्वती के विवाह को दर्शाया गया हैैसाथ ही रामायण के पात्र भी दर्शाए गए हैैंयह झांकी देखने के लिए शाम से ही भीड़ लगनी शुरू हो जाती हैैझांकी को इतना सुंदर सजाया जाता हैै कि लगता हैै सब कुछ आंखों के सामने ही हो रहा होबजरंगबली की मूर्ति को सीना फाड़ते हुए, अंदर बैठे भगवान राम को दिखाया गया हैै, जो मूर्ति लगातार राम-राम जप रही हैैंबड़ी ही सुंदरता के साथ झांकियों को प्रस्तुत किया गया हैै.