वाराणसी (ब्यूरो) हर किसी को जीवन के किसी न किसी मोड़ पर प्यार और भरोसे की जरूरत होती हैलेकिन, पढ़ाई-लिखाई, करियर और जॉब के समय चक्र में कभी कोई चेहरा अपना सा लगने वाला गलतफहमी और अधिक टाइम टेकिंग होने के चलते कब भीड़ में खो जाता है, इसका अहसास ही नहीं हो पाताअहसास तब होता है जब वह आंखों से ओझल हो जाता है और हर वक्त उसका चेहरा आखों के सामने नाचने लगता हैतब दिल बस उसको किसी भी तरह पाने की चाहत रखने लगता है, इस वेलेनटाइन वीक में ऐसे ही यूथ को टारगेट कर रहे हैं बनारस के ठग्स ऑफ लवये 500 रुपये में पुरानी प्रेमिका से मिलवाने का झांसा देते हैं और फिर पूजा आदि के नाम हजारों रुपये खर्च करा देते हैंइस समय शहर में ऐसे कई धोखेबाज सक्रिय हैं जो यूथ को टारगेट कर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं

इन इलाकों में हैं सक्रिय

शहर के कैंट, इंग्लिशिया लाइन, मंडुआडीह और भोजूबीर में खोए प्यार को मिलाने के नाम पर कई धंधेबाज सक्रिय हैंइस समय प्रतिदिन 30-40 युवक व युवतियां इन ठगों के ठिकानों पर पहुंच रहे हैंदैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने इन धंधेबाजों की पड़ताल की तो पता चला कि बनारस में दिल टूटे आशिकों को ठगने का यह धंधा दशकों से चला आ रहा है

500 रुपए में पाएं खोई प्रेमिका

मोहित (बदला हुआ नाम) को पढ़ाई और बाद में जॉब के लिए लगातार शहर बदलना पड़ाऐसे में उसकी कॉलेज टाइम की प्रेमिका की शादी हो गईएक दिन मोहित स्टेशन से उतरा तो किसी ने सड़क पर मनचाहा प्यार पाएं का विजटिंग कार्ड थमा दियायह कार्ड पढ़ मोहित के मन में खोई प्रेमिका को पाने की चाहत हिलोरे मारने लगीफिर एक दिन मोहित कार्ड में लिखे पते पर पहुंचा और फीस के रूप में 500 रुपए जमा कर समस्या बताईबाबा ने कुछ सोच विचार कर कहा 11 हजार पूजा पाठ का खर्चा जमा कर दोतुम्हारी प्रेमिका उल्टे पांव दौड़ी चली आएगी। 11 हजार रुपए का नाम सुनते ही मोहित को अहसास हो गया कि प्यार को मिलाने के नाम पर ठगी का खेल खेला जा रहा है

पुराने आशिक हैैं टारगेट

कॉलेज-यूनिवर्सिटी टाइम के बिछड़े प्यार, छोटी-मोटी अनबन, जादू-टोना, प्रेम विवाह, मनचाही शादी और सौतन से छुटकारा समेत कई अंधविश्वास के मुद्दों पर धंधेबाज बाबा युवक-युवतियों को ठगते हैैंबाबाओं के स्टाफ शहर के व्यस्ततम प्लेसेज जैसे-रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और ऑटो स्टैैंड पर विजटिंग कार्ड बांटते हैैंमौका देखकर रेल की बोगियों और बसों में स्टीकर भी चस्पा कर देते हैैं

दशकों पुराना है धंधा

बनारस में ठगी का ये धंधा दशकों पुराना हैइनके मठ और दुकान से पुलिस चौकी या थाना अधिक दूर नहीं हैलेकिन, ये शातिर प्यार के धंधेबाज पुलिस की नाक के नीचे बड़ी आसानी से सीधे-सादे युवक-युवतियों को लूटने में जुटे हैैं

वेलेंटाइन वीक में चांदी

दुनिया में वेलेनटाइन वीक को प्यार को कई तरीके से इजहार करने के लिए जाना जाता हैअब बनारस में ठगों ने नई तरकीब निकाली हैहालांकि यह तरकीब करीब डेढ दशक पुरानी हैलेकिन आज भी उतनी ही प्रसांगिक हैवेलेंटाइन वीक में शहर के कई इलाकों में जमकर पर्चियां और कार्ड वितरित किए जा रहे हैंफिर इनके सॉफ्ट टारगेट स्वयं इनकी चौखट पर पहुंच जाते हैंइन दिनों रोज 40-50 की संख्या में युवक-युवतियां मनचाहा प्यार, खोई प्रेमिका और प्रेम विवाह की आस में इनके यहां पहुंच रहे हैं

पब्लिक से अपील है कि ऐसे धोखेबाज ठगों के चंगुल में न फंसेअवेयर रहकर अपना समय और धन बचाएंयदि किसी भी प्रकार से कोई भी नागरिक ठगी का शिकार हुआ है, तो वह नजदीकी पुलिस चौकी या थाने में शिकायत दर्ज करा सकता हैतहरीर को संज्ञान लेते हुए पुलिस कार्रवाई करेगीसीधे-सादे नागरिकों को ठगने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी

सुभाष चन्द्र दुबे, ज्वाइंट सीपी (क्राइम एंड हेडक्वॉर्टर), वाराणसी