-सीबीएसई बोर्ड ने 12वीं के रिजल्ट के लिए 11वीं के मा‌र्क्स को बनाया आधार

-ज्यादातर स्टूडेंट्स फार्मूले को लेकर हैं परेशान

सीबीएसई 12वीं बोर्ड के स्टूडेंट्स के रिजल्ट को तैयार करने में जुटा हुआ है। हालांकि इसमें लगातार पेच सामने आ रहे हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि 11वीं के एग्जाम को ज्यादातर स्टूडेंट्स गंभीरता से नहीं लेते हैं। ऐसे में यदि 11वीं के रिजल्ट के आधार पर असेसमेंट किया गया तो नुकसान हो सकता है। बता दें कि इस बार 10वीं, 11वीं और 12वीं के इंटरनल असेसमेंट के मा‌र्क्स के आधार पर 12वीं का रिजल्ट बोर्ड तैयार कर रहा है। इधर, सीबीएसई की ओर से लिए गए डिसीजन से कई छात्र परेशान हैं। उनका कहना है कि 11वीं में अच्छे अंक नहीं आए थे। बोर्ड को 11वीं के 30 परसेंट मा‌र्क्स को नहीं लेना चाहिए।

फार्मूले का रिजल्ट पर पड़ेगा प्रभाव

सीबीएसई बोर्ड ने बारहवीं के लिए जो फार्मूला तैयार किया है उससे रिजल्ट पर असर पड़ने की स्टूडेंट्स आशंका जता रहे हैं। स्टूडेंट्स व एक्सपर्ट का कहना है कि दसवीं बोर्ड एग्जाम के बाद ज्यादातर छात्र प्री बोर्ड को ही सीरियस लेते हैं। ऐसे में यदि 11वीं के एग्जाम को आधार बनाया गया तो क्लास में अव्वल स्टूडेंट्स का भी नुकसान हो जाएगा। उनका परसेंटाइल खराब होना तय है। अच्छा होगा कि इसपर फिर से विचार किया जाए।

::: स्टूडेंट्स से बातचीत :::

11वीं के एग्जाम को गंभीरता से नहीं लेने के कारण उसमें कम मा‌र्क्स आए थे, लेकिन 12वीं प्री बोर्ड में अच्छे मा‌र्क्स आए हैं। 11वीं के 30 परसेंट मा‌र्क्स को 12वीं के अंकों में जोड़ने से स्टूडेंट्स को डर है कि उनका पास पसेंटेज कम हो जाएगा।

- आशुतोष सिंह

10वीं का रिजल्ट और 12वीं प्री-बोर्ड के रिजल्ट से फार्मूला बनता तो हमें फायदा होता। 11वीं की परीक्षा स्कूल स्तर पर होती है, इसके मा‌र्क्स से 12वीं के रिजल्ट का कोई मतलब नहीं होता, इसलिए इस परीक्षा को ज्यादातर स्टूडेंट हल्के में लेते हैं।

- प्रांजल कुमार

10वीं में अच्छे मा‌र्क्स आए थे। चूंकि 11वीं के मा‌र्क्स कहीं नहीं देखे जाते, इसलिए हमारा ध्यान प्रतियोगी परीक्षाओं पर होता है। ऐसे में 11वीं का एग्जाम सिर्फ पास होने के लिए स्टूडेंट देते हैं। उसको मैं ही नहीं अधिकतर स्टूडेंट सीरियस नहीं लेते।

- अदिति सिंह

बोर्ड की ओर से बनाए गए फार्मूले में से यदि 11वीं के मा‌र्क्स को हटा दिया जाए तो अच्छा होगा। इससे रिजल्ट पर असर पड़ेगा। परसेंट बहुत अच्छा नहीं रहेगा। अगर फार्मूला नहीं बदले तो मेधावी छात्रों का सबसे ज्यादा नुकसान होगा।

- उज्जवला शर्मा