-बनारस में सुरक्षा एजेंसिया हाई अलर्ट

-लखनऊ के बाद मेरठ में आतंकी पकड़े जाने से बनारस में बढ़ा खतरा

लखनऊ के काकोरी में दो आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद से ही काशी में भी हाई अलर्ट है। यहां सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि आतंकी किसी भी वेशभूषा में आ सकते हैं। इसके लिए वे हर स्तर से अपनी तैयारियों को पूरा करने में लगे हुए हैं। वहीं 15 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे को लेकर वाराणसी में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सुरक्षा, गुप्तचर एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है। इसकी एक बड़ी वजह है कि वाराणसी में हो चुके कुकर बम विस्फोट हैं। यहां पहले दो जगहों पर विस्फोट आतंकियों द्वारा किए जा चुके हैं। जिसमें 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग जख्मी हुए थे।

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कावरियों पर भी है सुरक्षा एजेंसी की नजर

25 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो रहा है। यहां हर साल करीब पांच लाख से अधिक भक्त महादेव को जल चढ़ाने सावन में पहुंचते हैं। पुलिस के अलावा अन्य सुरक्षा एजेंसियों की नजर हर एक कावरियों पर भी होगी। इसके लिए अलग से प्लान तैयार किया जा रहा है कि कैसे एक एक व्यक्ति को चेक किया जाए और उनकी पहचान हो।

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शहर में शिव भक्तों के एंट्री के छह द्वार

काशी में श्रावण मास में हर साल पांच लाख के आसपास शिव भक्त दर्शन को आते हैं। यहां पर प्रमुख रूप से छह द्वार हैं जहां से शिव भक्त बाबा के दरबार में एंट्री करते हैं।

- प्रयागराज से आने वाले लोग रोहनिया, मढ़ौली, मंडुवाडीह, रथयात्रा होते हुए गोदौलिया से बाबा दरबार।

- गाजीपुर की तरफ से आने वाले शिव भक्त संदहा, आशपुर, पंचकोसी, कज्जाकपुरा, विशेशरगंज, मैदागिन चौक होते हुए बाबा दरबार

- आजमगढ़ की तरफ से आने वाले लालपुर, पांडेयपुर, चौका घाट, लहुराबीर, बेनिया, गोदौलिया होते हुए बाबा दरबार

- चंदौली, मिरजापुर की तरफ से आने वाले रामनगर, लंका, भेलूपुर, रेवड़ी तालाव, गिरजाघर होते हुए बाबा दरबार

- भदोही की तरफ से आने वाले लोहता, चांदपुर, मंडुवाडीह, रथयात्रा होते हुए बाबा दरबार

- जौनपुर की तरफ से आने वाले कापरिया शिवपुर, कचहरी, अंधरापुल, लहुराबीर, बेनिया होते हुए बाबा दरबार

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काशी में कुकर बम के जरिए हो चुके हैं विस्फोट

वाराणसी में सात मार्च 2006 को कुकर बम के जरिए संकटमोचन मंदिर और कैंट स्टेशन पर दो बड़े धमाके किए गए थे। वाराणसी केबाद पहली बार लखनऊ में कुकर बम की बरामदगी हुई है, जिसके बाद खुफिया इकाइयां अलर्ट हो गई हैं। वाराणसी में भी एटीएस और अन्य खुफिया इकाइयों ने सक्रियता बढ़ा दी है।

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एक नजर में काशी में कब-कब हुए आतंकी हमले

- 23 फरवरी 2005 को दशाश्वमेध घाट पर धमाका हुआ था। इसमें सात लोगों की मौत हुई थी।

- 7 मार्च 2006 को संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन में सिलसिलेवार आतंकी धमाका हुआ। इन दोनों धमाकों में 18 लोगों की मौत हुई थी।

- 23 नवंबर 2007 को कचहरी में ब्लास्ट हुआ था। घटना में नौ लोगों की मौत हुई थी।

- 7 दिसंबर 2010 को शीतला घाट पर धमाका हुआ था। जिसमें 2 लोगों की मौत हुई थी।

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साल 2010 के बाद तो कोई आतंकी घटना नहीं हुई लेकिन साल 2016 में कचहरी में एक अधिवक्ता के चैंबर के पास हैंड ग्रेनेड बरामद हुआ था।

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पीएम के आगमन के चलते हर संदिग्ध पर है कैमरे की नजर

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी संभावित दौरे और लखनऊ में पकड़े गए दो आतंकियों के तार काशी से जोड़े जा रहे हैं। एडीजी लॉ एंड आर्डर ने प्रेस वार्ता में बताया था कि यूपी के कई नेता आतंकी के निशाने पर थे।

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रेलवे, बस स्टेशन और होटलों में बढ़ी पुलिस और खूफिया एजेंसी की चौकसी

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, ज्ञानवापी क्षेत्र की सुरक्षा पहले से ही हाई अलर्ट है। अब आसपास के क्षेत्रों के अलावा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, घाटों, सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। 15 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे के पहले लखनऊ में आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद यहां और अधिक सतर्कता है। वाराणसी में आने-जाने के अलावा यहां रहने वालों पर पुलिस और खुफिया एजेंसी की नजर है।

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स्मार्ट कैमरे कर रहे चौकसी

वाराणसी स्मार्ट सिटी द्वारा शहर में लगाए गए कैमरे की भी निगरानी तेज हो गई है। इसके लिए लगे पुलिस विभाग के कर्मचारी रविवार से एक्टिव हो गए हैं। कैमरे की नजर में आने वाले हर एक व्यक्ति के बारे में ऊपर तक के अधिकारियों को सूचित किया जा रहा है।

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कोट-

कमिश्नरेट क्षेत्र पहले से हाई अलर्ट है। लखनऊ में एटीएस की कार्रवाई के बाद यहां और सतर्क रहने के निर्देश दिये गए हैं। शहर में सभी होटलों और गेस्ट हाउस में औचक निरीक्षण, सार्वजनिक स्थलों पर निगरानी रखने को कहा गया है। सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर से पूरे शहर पर निगरानी की जा रही है।

ए। सतीश गणेश

पुलिस कमिश्नर, वाराणसी