-पयर्टन विभाग को कुंड के जीर्णोद्धार को मिले थे 250 लाख रुपये

-राजस्थान का गुलाबी पत्थर हो रहा धुमिल, जगह जगह टूट गए हैं पत्थर

-जुगाड़ से कुंड में भरा जा रहा पानी

सुंदरीकरण में लगे राजस्थानी गुलाबी पत्थर जगह जगह टूट गए हैं तो फर्श धंस गया है। जिससे इसके सौंदर्य पर बदनुमा धब्बा उभर आया है। देश के कोने-कोने से यहां आने वाले सैलानी इनको देखकर मन ही मन कोसते हैं। लेकिन इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। रविवार को कुंड का हाल देखने पहुंची दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम ने जैसा देखा वैसा यहां प्रस्तुत है।

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सीन-वन

समय-दोपहर 12 बजे

स्थान-सारंगनाथ शिवकुंड

टीम दोपहर में यहां पहुंची तो देखा कि कुंड के तीन ओर राजस्थान के गुलाबी पत्थर से बनी रेलिंग, दीवार व फर्श जगह-जगह टूटे हुए हैं। एक दो पत्थर नहीं बल्कि रेलिंग का एक बड़ा हिस्सा ही गायब मिला। ऐसा कुंड के दोनों ओर देखने को मिला। यही नहीं रेलिंग के ऊपर लगे पत्थर भी कई जगह से गायब हो गए हैं। बीच बीच में रेलिंग पर की गयी नक्काशी भी टूट चुकी है।

सीन-टू

समय-दोपहर 12.30 बजे

स्थान-सारंगनाथ शिवकुंड

टीम जैसे-जैसे आगे बढ़ रही थी वैसे-वैसे बदहाली नजर आती जा रही थी। कुंड के पश्चिमी छोर पर सैलानियों को बैठने के लिए बने गुंबद आकार शेड का फर्श धंस गया है। वहीं उसके गुंबद पर लगा पत्थर भी उखड़ गया है। यही नहीं इसके पास फर्श धंसने से पानी भी लगा हुआ मिला।

सीन-3

समय-दोपहर 01 बजे

स्थान-सारंगनाथ मंदिर

शिवकुंड के तीन तरफ बनायी गयी बाउंड्री पर लगे पत्थर भी अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रहे थे। देखरेख के अभाव में कई जगहों पर टीम को पत्थर उखड़े हुए मिले। अंदर ही नहीं बाहर की तरफ भी कई जगह बाउंड्री वाल से पत्थर उखड़ कर नीचे गिर गए थे। जिसके निशान भी मौके पर नहीं मिले।

250 लाख से हुआ था जीर्णोद्धार

अपना अलग पौराणिक महत्व रखने के बावजूद यह कुंड सालों तक बदहाल रहा। लंबे आंदोलन व लोगों की अपील के बाद सन् 2016 में सरकार ने सारनाथ स्थित सारंगनाथ महादेव मंदिर के सामने शिवकुंड के जीर्णोद्धार एवं सुंदरीकरण का कार्य पर्यटन विभाग को सौंपा गया। करीब 2.50 करोड़ रुपये के बजट से कार्य कराया गया है। कुंड में मंदिर की ओर सीढ़ी बनाई गई है जबकि तीन तरफ सीधी गहरी दीवार बनी है। उसके बगल में रेलिंग व बाउंड्री वाल से कवर्ड पाथ वे बनाया गया है। जिसमें पब्लिक को बैठने के लिए तीन गुंबद बनाए गए हैं।

लगे थे राजस्थान के नक्काशीदार पत्थर

पर्यटन विभाग ने शिवकुंड के सुंदरीकरण के लिए राजस्थान से खास तरह का लाल पत्थर मंगाया था, जिस पर बेहतरीन नक्काशी की गई है। अवांछनीय तत्वों ने कई जगह नक्काशीदार पत्थरों को तोड़ दिया है जिससे उसकी खूबसूरती चौपट हो गयी है। कुंड के घाट किनारे पर्यटकों व श्रद्धालुओं को बैठने के लिए बेंच लगाया जाना था लेकिन नहीं लगा। यही नहीं खूबसूरत लाइटिंग की व्यवस्था भी धरी रह गयी। स्थानीय लोगों ने बताया कि कुंड में पानी भरने के लिए ट्यूबवेल भी नहीं लगाया गया। चार साल पहले स्थानीय लोगों की मदद से एक पंप लगाया गया है जिससे तालाब में पानी भरा जाता है।

मंदिर के अस्तित्व पर खतरा

सारंगनाथ मंदिर को संरक्षित करने के लिए चुनाव के पत्थर भी लगाए गए थे। जो प्रॉपर रखरखाव न होने से जीर्ण शीर्ण हो गए हैं। हालत यह है कि पश्चिमी छोर पर मीट्टियों को रोकने के लिए लगाए गए पत्थर ढह गए हैं। जिससे मंदिर के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। समय रहते यदि इसको बनाया नहीं गया तो यह मंदिर को भी अपनी जद में ले सकता है।

::: कोट :::

इसकी मुझे जानकारी नहीं थी। मौके पर जल्द ही टीम पहुंचकर जांच करेगी। गड़बड़ी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।

कीर्तिमान श्रीवास्तव, जिला पयर्टन अधिकारी