- लोगों पर चढ़ने लगा होली का रंग, रंगीन हुआ होली का बाजार

-मार्केट में आई एक से बढ़कर एक पिचकारियां और रंग गुलाल

रंगों के त्यौहार अब महज आठ दिन दूर हैं ऐसे में सिटी के लोगों में होली की खुमारी नजर आने लगी है। रंग और पिचकारियों का बाजार भी गुलजार होने लगा है। चीन में फैले कोरोनावायरस से भले ही बाजार में चीनी पिचकारी न आई हो, फिर भी रंगों और गुलाल का बाजार भी पूरी तरह रंगीन हो चुका है। इस बार होली में दिवाली के पटाखों का क्रेज देखने को मिलेगा। फर्क सिर्फ इतना हैं कि रोशनी के बजाए रंग बरसाएंगे। इतना ही नहीं इस बार भी मार्केट में मोदी फेस वाली पिचकारी और मुखौटों छाए हुए है।

इस बार होली के पटाखों का क्रेज

मार्केट में पिचकारी, गुब्बारों, रंगों और गुलाल के साथ ही होली के पटाखों का क्रेज भी देखने को मिल रहा है। होली पर मिलने वाले इन पटाखों की खासियत ये है कि इन्हें जलाने पर धमाका नहीं बल्कि हरे, नीले, पीले रंगों के गुलाल का गुबार निकलेगा। यूं तो बाजार में होली के पटाखे पहली बार आए हैं लेकिन लोग इनकी जमकर खरीदारी कर रहे हैं। इन पटाखों का रेट 25 रूपये से लेकर 100 रूपये तक है। साथ ही इन पटाखों में तीन तरह के डिजाइन बाजार में मौजूद हैं।

बर्फ के गुब्बारे

होली मनाने के लिए बच्चे एक दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर देते है। होली में बच्चों का सबसे ज्यादा आनंद गुब्बारा फेंकने में आता है, लेकिन गुब्बारे में पानी भरकर फेंकना अब पुरानी बात हो गई है। इस बार गुब्बारों से पानी की जगह बर्फ का गोला निकलेगा, खास बात यह होगी कि इसे बच्चे मिनटों में तैयार कर सकते हैं। इस बर्फ की बॉल बनाकर भी एक-दूसरे के ऊपर फेंकी जा सकती है। मार्केट में आए इस ऑर्टिफिशियल बर्फ को लेकर बच्चे बेहद उत्साहित हैं। बाजार में ये गुब्बारे 10 रुपये से लेकर 50 रूपये के बीच मिल रहे हैं।

हर पिचकारी व मास्क पर मोदी

हर साल की तरह इस बार भी रंगों के बाजार में पीएम मोदी छाए हुए है। मोदी फेस की पिचकारी, मुखौटा की खास डिमांड है। इसके अलावा बच्चों के लिए कार्टून वाली पिचकारियों की आकर्षक रेंज भी बाजार में मौजूद है। इसमें डॉरीमोन, मोटू-पतलू, स्पाइडर मैन, बार्बी और टैंक पिचकारी शामिल हैं। दालमंडी मार्केट में के व्यापारियों की माने तो बच्चों को कार्टून वाली पिचकारी खूब पसंद आ रही है, जिनकी रेंज 15 रुपये से लेकर 500 रूपये के बीच है। वहंी मोदी पिचकारी की रेंज 50 रूपये से लेकर 500 रुपये तक है तो वहीं मुखौटों का रेट 25 से 100 रुपये तक है।

रंग में न पड़े भंग

इस बार होली के रंग और गुलाल को लेकर लोगों की पसंद में बदलाव दिख रहा है। रंग में भंग न पड़े इसलिए लोग इंगलिश और कूल कलर की डिमांड कर रहे है। पहले जहां सामान्य लाल, पीला, नीला और हरा रंग पसंद किया जाता था। इस बार लेमन ग्रीन, आरेंज, लाइट पिंक, रॉयल ग्रीन और आसमानी रंग की मार्केट में सबसे ज्यादा डिमांड है। देखने में ये सामान्य रंगों से काफी अलग हैं। इसी के चलते ये लोगों की पहली पंसद बन रहे हैं। दुकानदारों की माने तो इस बार इंग्लिश कलर ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं।

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इस बार पिचकारियों के बाजार में एक से बढ़कर एक इंडिया मेड पिचकारी और रंग आए है। बच्चों में मोदी फेस की पिचकारी और मुखौटे भी खूब भा रहे है। यही नहीं बाजार में खास तरह के गुब्बारे आए है।

राकेश कुमार-पिचकारी कारोबारी