- बैंक ऑफ बड़ौदा के कैशियर ने मौत को लगाया गले

- लंका स्थित सामने घाट के सर्वेश्वरी नगर का मामला

शराब की लत ने कई लोगों की जिंदगी बर्बाद कर दी है। शराब के नशे में इंसान अपने परिवार के भरण-पोषण तक को ताक पर रख देता है। इसी शराब ने शुक्रवार को एक हस्ते-खेलते परिवार को तबाह कर दिया। शराब की लत से न केवल एक पत्‍‌नी का सुहाग छिन लिया, बल्कि बच्चों के सर से पिता का साया तक उठ गया। मामला शहर के लंका के सर्वेश्वरी नगर कॉलोनी का है, जहां एक बैंक कैशियर ने पेड़ की डाली में फंदा लगाकर जान दे दी।

स्थानीय लोगों ने दी जानकारी

लंका के सामने घाट क्षेत्र के सर्वेश्वरी नगर कॉलोनी के रहने वाले 54 वर्षीय यदुनंदन सिंह का शव शुक्रवार की सुबह उनके घर से थोड़ी दूरी पर पेड़ की डाल के सहारे फंदे से लटकता मिला। सुबह करीब 9 बजे स्थानीय लोगों की नजर उस ओर गई तो मामले की जानकारी डायल 112 पर दी गई। सूचना मिलते ही लंका थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और परिजनों को सूचना दी। बाद में पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

शराब पीने के आदी हो गए थे

पुलिस ने इस मामले में परिजनों से जानकारी ली। यदुनंदन के बारे में परिजनों ने पुलिस को बताया कि वे पिछले कई महीनों से अवसाद में चल रहे थे, जिसके कारण शराब पीने के आदी हो गए थे। बताया कि शायद इसी वजह से अवसादग्रस्त होकर उन्होंने फांसी लगाकर जान दे दी।

थी पूरे परिवार की जिम्मेदारी

यदुनंदन सिंह बैंक ऑफ बड़ौदा, चांदपुर इंडस्ट्रियल एस्टेट स्थित शाखा में कैशियर थे। यदुनंदन के ऊपर तीन बेटों व एक बेटी के साथ पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि यदुनंदन सिंह के साथ ही उनके बच्चे भी लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं करते, वे अपने काम से काम रखते हैं।

पत्नी गंभीर बीमारी से पीडि़त

यदुनंदन मूल रूप से सोनभद्र के रहने वाले थे। वे पिछले 20 साल से सामनेघाट सर्वेश्वरी नगर में घर बनवाकर परिवार के साथ रहते थे। घर में तीन बेटे कुलदीप सिंह, संदीप सिंह, सज्जन सिंह और 19 साल की एक बेटी लक्ष्मी सिंह हैं। कुलदीप एनजीओ में खाना बांटने का काम करता है, वहीं संदीप सिंह लंका स्थित एक्सिस बैंक में कैशियर है। कुलदीप की पत्नी गंभीर बीमारी से पीडि़त है।

15 दिनों से बैंक नहीं गए थे

परिजनों ने बताया कि यदुनंदन पिछले 15 दिनों से बैंक नहीं गए थे, जिसके कारण शाखा प्रबंधक ने उन्हें फटकार भी लगाई थी। शराब में ज्यादा पैसे बर्बाद करने के कारण परिवार के लोग उन्हें उनके वेतन का काम चलने लायक ही पैसे दिया करते थे। इधर, गुरुवार की दोपहर यदुनंदन घर से अचानक लापता हो गए। परिजनों ने आसपास पता की, लेकिन देर रात तक वे नहीं मिले। इधर, शुक्रवार की सुबह उनके मौत की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।

::: कोट :::

शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। प्रथम दृष्ट्या मौत का कारण आत्महत्या प्रतीत हो रहा है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

- महेश पांडेय, प्रभारी निरीक्षक, लंका