वाराणसी (ब्यूरो)इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में अंग्रेजी का पेपर छात्रों के लिए टेंशन भरा थाफिर भी जिन छात्रों को जो क्वेश्चन समझ में आया, उसको पहले किया और बाकी को बाद में करने के लिए छोड़ दियाएग्रीकल्चर पर आए निबंध ने काफी उलझाया, अंत में कई छात्रों ने आधा-अधूरा लिखा तो कईयों ने मन में जो आया पूरा लिख दियापेपर में करीब पांच परसेंट एबसेंट रहे.

दोपहर एक बजे ही पहुंचे

इंग्लिश का पेपर देने के लिए शहर के कॉलेजों में दोपहर एक बजे से ही छात्रों का पहुंचना शुरू हो गया थादो बजे से पेपर शुरू होना था, इसको देखते हुए अधिकतर छात्रों ने समय का काफी ध्यान रखाकई ऐसे भी रहे जो लेट से पहुंचे लेकिन उनको एग्जाम देेने से वंचित नहीं किया गयाकापी मिलते ही फटाफट नाम व रोल नंबर लिखना शुरू किया.

गेट पर गार्जियंस की लंबी कतार

अंग्रेजी का पेपर दिलाने के लिए कई छात्रों के साथ गार्जियंस भी पहुंचे थेछात्रों का पेपर छूट न जाए इसका विशेष ध्यान दिया गयाअपने दोपहिया वाहन से कई छात्र अपने पिता तो कई अपने भाई के साथ पहुंचे थेएग्जाम खत्म होने तक गेट के पास ही डटे रहेजब शाम को करीब 5 बजे से एग्जाम खत्म हुआ तो सेंटर गेट के पास काफी भीड़ लग गई.

कुछ को छोड़ सभी क्वेश्चन थे आसान

पेेपर देकर निकले कई छात्रों के चेहरे खिले रहे तो कईयों के चेहरे पर तनाव नजर आयाअपने दोस्तों से कहने लगे अरे यार, निबंध ने काफी उलझा रखा थासभी क्वेश्चन करने के बाद निबंध समझ में नहीं आयाकाफी देर तक सोचने के बाद एग्रीकल्चर के बारे में जो दिमाग में आया हमने लिख दियाइसके बाद कॉपी जमा कर दी.

2258 छात्र रहे एबसेंट

डीआईओएस गिरीश सिंह ने बताया कि यूपी बोर्ड के एग्जाम में प्रथम पॉली की हाईस्कूल की परीक्षा में एग्रीकल्चर का पेपर हुआ जबकि द्वितीय पॉली में अंग्रेजी का रहाएग्रीकल्चर का पेपर सिर्फ 22 सेंटरों पर हुआ जबकि इंग्लिश के पेपर सभी 139 सेंटर पर हुएहाईस्कूल के एग्रीकल्चर पेपर में 736 में से 709 छात्रों ने पेपर दिया। 27 एबसेंट रहेअंग्रेजी के पेपर में 38498 छात्र पंजीकृत थेइनमें से करीब 38267 छात्रों ने एग्जाम दिए। 2258 छात्र एबसेंट रहे.

पेपर काफी अच्छा आया थाहमने सभी क्वेश्चन किया हैहां, कुछ दिक्कत हुई लेकिन दिमाग पर जोर डाला तो मन में जवाब आया तो हमने लिख दिया.

वैष्णवी सिंह, छात्र

अंग्रेजी का पेपर काफी अच्छा गयासिर्फ एग्रीकल्चर पर जो निबंध आया था, उसको करने में थोड़ा अधिक समय लगाफिर भी हमने कर दिया.

काजल यादव, स्टूडेंट

पेपर मिलने से पहले डर लग रहा था कि कहीं कठिन सवाल न आ जाएलेकिन, जब पेपर मिला और सवाल देखा तो काफी राहत मिलीअधिकतर क्वेश्चन हमने कर दिया है.

रुबी चौरसिया, स्टूडेंट

अंग्रेजी की तरह आगे भी पेपर आता रहे तो साल्व करने में कोई दिक्कत नहीं होगीनिबंध और पत्र लिखने में समय लगता हैलिखने से पहले काफी टेंशन रहा, धीर-धीरे पूरा किए.

हरिओम मिश्रा, स्टूडेंट

पेपर तो ठीक आया था लेकिन कई क्वेश्चन समझ में नहीं आयाजो समझ में आया उसको पहले किए, जो नहीं आ रहा था उसको बाद में कियासही है या गलत यह नंबर आने पर पता चलेगा.

आकाश कुमार, स्टूडेंट