वाराणसी (ब्यूरो)संकटमोचन मंदिर व कैंट स्टेशन बम धमाके के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाए जाने पर परिवारों ने खुशी जताई जिन्होंने अपने स्वजन को खोया हैउनका कहना है कि इंसानियत के दुश्मन के लिए यह बिल्कुल सही सजा हैयह सजा नजीर बनेगी और इससे उन लोगों का कलेजा कांप जाएगा दो अपने स्वार्थ में निर्दोष लोगों की जान लेते हैं

सही फैसला आया

संकटमोचन में हुए बम धमाके में पेशे से फोटोग्राफर रहे हरीश बिजलानी की मौत हो गई थीश्रीनगर कालोनी में रहने वाले उनके पिता देवीदास बिजलानी कहते हैं कि अदालत ने बिल्कुल सही फैसला सुनाया हैइससे बेटे की मौत का गम तो कम नहीं होगा लेकिन राहत इस बात है कि एक दोषी अपने अंजाम तक पहुंचा गया हैइससे दूसरे परिवार तो सुरक्षित रहेंगे.

दिल को मिला सुकून

बम धमाके में जान गंवाने वाले नगवां के गंगोत्री विहार निवासी प्रोफेसर प्रभाकर द्विवेदी के पुत्र आशीष भी अदालत के फैसले पर नजर बनाए हुए थेउनके पिता का हत्यारा फांसी के फंदे पर झूलेगा इस खबर ने दिल को सुकून पहुंचाया हैउनका कहना है कि इंसानियत और समाज को बचाए रखने के लिए ऐसे कठोर फैसले बेहद जरूरी हैंकैंट स्टेशन पर हुए बम धमाके में लहरतारा में रहने वाले लालचंद भारती की मौत हो गई थी

अंजाम तक पहुंचा

मजदूरी करने वाले लालचंद किसी काम से कैंट स्टेशन पर गए थे और धमाके के शिकार हो गएउनकी भांजी मुन्नी देवी, पोता प्रकाश को जब पता चला कि धमाके के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई गई है तो उनके चेहरे पर संतुष्टि का भाव आ गयाकहते हैं कि ऐसे फैसले ही समाज को जीने लायक बनाते हैंनिर्दोष लोगों की जान लेने वाला अपने अंजाम तक पहुंच गया

कलेजा ठंडा हुआ

वलीउल्लाह को फांसी की खबर ने असि के दांदू मठ में रहने वाले विद्याभूषण मिश्र को राहत पहुंचाई हैसंकटमोचन बम धमाके में इनकी 15 माह की मासूम बेटी शिवांगी की मौत हो गई थी। 16 साल बाद भी इसे भूल नहीं सके हैंउनका कहना है कि यदि फांसी से ज्यादा भी कोई सजा होती तो वह उस आतंकवादी के लिए कम थीआज कलेजा ठंडा हो गया हैमन बहुत खुश है.