बिहार के भोजपुर तियर की रहने वाली बालिका जिला बाल संरक्षण इकाई के प्रयास से सात माह अपने परिवार के पास पहुंच गई। वह मार्च 2021 में अपने घर से निकल थी और भोजपुर से वह ट्रेन पकड़ कर वाराणसी आ गई। कैंट स्टेशन पर उसे अकेले घूमते देखकर रेलवे चाइल्ड लाइन ने अपने संरक्षण में लेकर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया था। बाल कल्याण समिति द्वारा बालिका को सबसे पहले वन स्टॉप सेंटर में आवासित कराया गया। वहां लगभग 20 दिन रहने के बाद उसे रानी राम कुमारी वनिता विश्राम काशी अनाथालय लहुराबीर में संरक्षित कराया गया।