-बच्चों को ऑनलाइन क्लास की सुविधा से वंचित करने की धमकी, बीएसए ने एक प्राइवेट स्कूल को दी मान्यता समाप्त करने की नोटिस

सरकार ने निर्देश जारी करते हुए सभी प्राइवेट स्कूलों के सत्र-2021-22 में शुल्क वृद्धि पर रोक दी है। इसके बावजूद कई विद्यालयों ने फीस बढ़ा दी है। वे जारी गाइडलाइन के बाद भी बढ़ी शुल्क को वापस लेने को तैयार नहीं है। इसे लेकर कई अभिभावकों ने विद्यालय में शिकायत की है। वहीं दूसरी ओर फीस न जमा करने पर बच्चों को ऑनलाइन क्लास की सुविधा न देने की भी धमकी दे रहे हैं। बता दें कि शासन ने निजी विद्यालयों से सत्र 2019-20 का ही शुल्क लेने का निर्देश दिया है। विद्यालय बंद रहने की अवधि में परिवहन शुल्क, क्रीड़ा, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी शुल्क लेने पर भी रोक लगा दी है। यही नहीं अभिभावकों से तीन माह का अग्रिम शुल्क जमा करने के लिए बाध्य न करने का भी निर्देश है। वहीं ाुल्क बढ़ाने वाले विद्यालयों से तीन माह के अंदर बढ़ी शुल्क समायोजित करने का भी निर्देश है। हालांकि निर्देशों की अनदेखी कर कई विद्यालय अब भी बढ़ी शुल्क की वसूली कर रहे हैं। परेशान होकर कई पैरेंट्स ने बीएसए व डीआइओएस से शिकायत भी की है। बीएसए राकेश सिंह ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने अखरी स्थित एक प्राइवेट स्कूल को इस संबंध में नोटिस भी दिया है। बढ़े शुल्क को समायोजित न करने पर मान्यता समाप्त करने की चेतावनी भी दी गई है।

फीस की जांच को बनी कमेटी

इस संबंध में बीएसए ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी भी गठित कर दी है। समिति में काशी विद्यापीठ ब्लॉक के बीईओ वृजेश कुमार राय, चिरईगांव ब्लॉक के बीईओ रामटहल व चोलापुर ब्लॉक के बीईओ लालजी शामिल हैं। उन्होंने कमेटी से तीन सालों का शुल्क विवरण का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट तलब की है।