वाराणसी (ब्यूरो)कहते हैैं कि बुरी आदतें और लत जल्दी छूटती नहीं हैगांजा तस्करी में जेल की सजा काट लौट चुके अजय सिंह उर्फ पप्पू दोबारा उसी धंधे में कूदादो दशक से कम समय में ही पप्पू पूर्वांचल में धंधा जमाकर समीप के राज्यों में पांव फैलाना शुरू कर दिया थापप्पू तस्करी का नेटवर्क धीरे-धीर पूर्वांचल के बाद बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली समेत कई राज्यों में जमा लियावाराणसी कमिश्नरेट पुलिस के कान तब खड़े हो गए, जब बनारस में पिछले साल जनवरी 2021 को 40 क्विंटल और 16 क्विंटल गांजा की खेप पकड़ी गई थीइसमें पप्पू का नाम सरगना के तौर पर सामने आया थातभी से डीआरआई वाराणसी की टीम पप्पू के पीछे पड़ी थीटीम ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दियाअब भी दर्जन भर से अधिक छोटे-बड़े तस्कर पुलिस और डीआरआई के निशाने पर हैैं.

56 क्विंटल से आया था रडार पर

वाराणसी और इसकी देहरी डाफी टोल प्लाजा पर हाल के महीनों में मादक पदार्थोंंं की कई बड़ी खेप पकड़ी गईपिछले साल जनवरी 2021 को 56 क्विंटल गांजा की खेप पकड़ी गई थी तो बनारस समेत पूर्वांचल में खलबली मच गई थीइसमें चार आरोपी अरेस्ट भी किए गए थेआरोपियों से हुई पूछताछ के बाद डीआरआई की टीम हाथ धोकर तस्कर पप्पू के पीछे पड़ गई थीकाफी धूल फांकने के बाद छत्तीसगढ़ के रायपुर में लोकेशन मिलने के बाद टीम ने दबिश देकर आखिरकार अरेस्ट ही कर लिया.

बनारस में बढ़ी तस्करी

सूत्रों की मानें तो हाल के कुछ सालों में बनारस समेत आसपास के जनपदों में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ी हैइसको लेकर पुलिस के साथ राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) भी एक्टिव मोड में हैइसी की नतीजा है कि मादक पदार्थों की हैवी खेप के साथ अब तस्करों पर शिकंजा कसने लगा हैजल्द ही अन्य मादक पदार्थों के तस्कर भी रडार पर आ सकते हैैं.

कोर्ट ने माना, पूर्वांचल का सबसे बड़ा गांजा तस्कर

डीआरआई अधिकारियों के अनुसार जौनपुर के सतहरिया निवासी अजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के तस्करी का नेटवर्क पड़ोसी राज्यों में थारसूखदारों से इसकी सेटिंग की भी बातें जब-तब उजागर होती रहीपप्पू वर्ष 2010 में सिविल लाइंस प्रयागराज में गांजे की तस्करी में गिरफ्तार हुआ थालगभग एक साल जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा होकर बाहर आयाफिर से गांजा की तस्करी में लिप्त हो गयालिहाजा, अदालत उसे गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया थाफिर क्याडीआरआई अधिकारियों ने पूर्वांचल का सबसे बड़ा गांजा तस्कर घोषित कर अरेस्ट करने का अभियान छेड़ दिया था.

खाक छानी यूपी पुलिस पर रहा दूर

जेल से छूटने के बाद पप्पू दोबार पीछे मुड़कर नहीं देखावह महीने-दर महीनों गैर-कानूनी धंधे के दलदल में धंसता चला गयातब से लेकर अब तक गांजा तस्करी के कई मामलों में उसका नाम आया था लेकिन अपने रसूख के चलते वह बचता आ रहा थाइस प्रकरण में अभियुक्त के खिलाफ परिवाद पहले ही दाखिल किया जा चुका था और अदालत से गैर जमानती वारंट भी जारी हो चुका था लेकिन पुलिस उसे नहीं खोज पा रही थीवह उत्तर प्रदेश के बाहर शरण ले रखा था.

तस्करों पर कार्रवाई का विवरण

डीआरआई अधिकारियों ने बताया कि गांजा तस्करी प्रकरण में कार्रवाई लगातार जारी हैछोटे-बड़े कई नामों पर अभियान चलाया जा रहा हैजल्द ही इनको बेनकाब किया जाएगाहाल ही में बलिया के रहने वाले तस्कर रामप्रवेश यादव को दिसंबर 2021 में गिरफ्तार किया गयामिर्जापुर के रहने वाले विनोद कुमार पांडेय को भी डीआरआई ने पिछले माह ही दबोचा, जो अक्टूबर 2019 में जब्त किए गए 12 क्विंटल गांजा के मुकदमे में फरार थावर्ष 2003 में डीआरआई वाराणसी द्वारा जब्त किए गए चार किलो मार्फिन के केस में फरार बिहार निवासी दो आरोपियों अजय कुमार व अनिल कश्यप को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया गया.

मादक पदार्थों की तस्करी अपराध हैऐसे धंधों में संलिप्त आरोपियों को बक्शा नहीं जाएगातस्करों के नेटवर्क को ध्वस्त कर आरोपियों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगीइस मामले में डीआरआई वाराणसी यूनिट द्वारा कार्रवाई की गई है

आदित्य लाग्हे, डीसीपी, वरुणा जोन