वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में पांडेयपुर स्थित मानसिक चिकित्सालय में बंद आपराधिक कैदी स्वस्थ होने के बाद भी संबंधित जेल नहीं भेजे जा रहे हैं। लंबी प्रक्रिया और प्रशासन के ढुलमुल रवैये से स्वस्थ बंदियों को अस्पताल में ही रहना पड़ रहा है। कई कैदी ऐसे हैं जो जेल जाना भी नहीं चाहते हैं। इसकी वजह से यहां कैदियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
बताया जाता है कि पुलिस कभी भी दस से बारह की संख्या में कैदियों को लेकर आ जाती है। इसके बाद मजबूरन अस्पताल प्रबंधन को कैदी रखने पड़ते हैं। इसकी वजह से अस्पताल में कैदियों की संख्या तो बढ़ रही है, लेकिन अस्पताल में अटेंडेंट की संख्या घटती जा रही है। ऐसे में आपराधिक कैदियों एवं मरीजों की देखभाल में परेशानी हो रही है.
स्वस्थ कैदी अब भी बंद
जेल प्रशासन के मुताबिक लगभग 40 आपराधिक कैदी ऐसे हैं जो फिटनेस पास कर चुके हैं और उनका पासिंग सर्टिफिकेट भी संबंधित जेलों को जा चुका है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक उन्हें संबंधित जेलों मेें शिफ्ट नहीं किया जा सका है।
एक कर्मचारी निलंबित
अस्पताल में कैदियों की संख्या अधिक है और उनकी संख्या के मुताबिक अटेंडेंट कम हैं। इसका फायदा कैदी उठा रहे हैं। गौरतलब है कि 6 जून को बैरक से बांदा जेल से लाया गया कैदी फरार हो गया। यह कैदी भी फिटनेस पास कर चुका था, लेकिन बांदा नहीं ले जाया जा सका था। घटना के बाद जेल प्रशासन ने डयूटी में लापरवाही करने वाले कर्मचारी दुर्गाप्रसाद को निलंबित कर दिया है।
इलाज कराकर लाया गया कैदी
जेल से भागे कैदी की मदद करने वाले एक अन्य कैदी की कर्मचारियों ने जमकर पिटाई की थी। उसे डीडीयू में इलाज के लिए लाया गया था, लेकिन अब उसे फिर वापस मानसिक अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है।
दवाईयों की रहती है कमी
अस्पताल प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल में दवाईयों की काफी कमी रहती है। अस्पताल में 80 प्रतिशत दवाई सीएमएसडी से मिलती है, जबकि 20 प्रतिशत अस्पताल प्रबंधन के बजट से आती है।
मानसिक अस्पताल की स्थिति
- यहां कुल 8 बैरक हैं, जिसमें मेल 6 और महिलाओं के लिए 2 बैरक हैं
- प्रत्येक बैरक में 40 मरीजों को रखने की क्षमता
- बैरकों में तीन शिफ्ट में होती है गार्डों की डयूटी
- आपराधिक कैदियों को रखने के लिए अलग है जेल
- वर्तमान में 30 गार्ड हैं
- 27 पुरुष गार्ड और तीन महिलाएं हैं तैनात
- सभी सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं
- 56 अटेंडेंट की जगह सिर्फ 20 की है तैनाती
- अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 304 है
- महिला मरीजों की संख्या 76
- पुरुष मरीजों की संख्या 226
- क्रिमिनल मरीज कुल 60
- पुरुष क्रिमिनल 57
- महिला क्रिमिनल 03
- कर्मियों की कमी के चलते 12-12 घंटे तक करनी पड़ती है डयूटी
- एक स्टाफ से तीन-तीन तरह की डयूटी कराई जाती है
- पूरे उत्तर प्रदेश की जेलों से आते हैं बंदी व कैदी
- कभी-कभी उत्तराखंड की जेलों से भी आते हैं बंदी व कैदी
- साल दो साल पर कैदियों के भागने के केस आते रहते हैं सामने
हमने कैदियों को संबंधित जेलों में शिफ्ट करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। थोड़ी लंबी प्रकिया होती है, जल्द ही स्वस्थ कैदियों को भेज दिया जाएगा। उस कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है, जिसने भागने में मदद करने वाले कैदी की पिटाई की थी.
डॉ। लिली, निदेशक