वाराणसी (ब्यूरो)। अभी मां की प्रतिमा को आकर्षक वस्त्रों से सजाया गया है। रास्ते में मां के इस स्वरूप का दर्शन श्रद्धालु कर रहे हैं, लेकिन दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में एक और अहम जानकारी सामने आयी है। 14 व 15 नवंबर को बलुआ पत्थर से बनी मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा काशी में भ्रमण करेंगी, लेकिन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में रजत जडि़त प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। हालांकि विश्वनाथ धाम के पास मां अन्नपूर्णा मंदिर में देवी की स्वर्ण प्रतिमा है। अभी तक काशी समेत देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु इसी मंदिर में हाजिरी लगाते हैं।

अर्चक मंडल करेगा प्राण-प्रतिष्ठा
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि बलुआ पत्थर से बनी मां अन्नपूर्णा की दुर्लभ प्रतिमा को प्राण-प्रतिष्ठा से पहले चांदी से जडि़त किया जाएगा। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथ से मां अन्नपूर्णा की दुलर्भ प्रतिमा प्राप्त करने के बाद काशी विद्वत परिषद की मौजूदगी में मंदिर के अर्चक मंडल के 11 ब्राह्मण प्राण-प्रतिष्ठा कराएंगे। काशी विश्वनाथ परिसर के ईशान कोण में रानी भवानी उत्तरी गेट के बगल में मां की प्रतिमा स्थापित होगी।

प्रमुख मंदिरों से होकर गुजरेगी प्रतिमा
14 नवंबर सुबह यह प्रतिमा वाराणसी के बाबतपुर पहुंचेगी, जो मुख्य मंदिरों से होकर शोभायात्रा के रूप में दूसरे दिन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची। शोभायात्रा पिंडरा, बाबतपुर, अतुलानंद स्कूल, सर्किट हाउस, चौकाघाट, तेलियाबाग, रथयात्रा, मंडुवाडीह, बीएलडब्ल्यू, लंका मालवीय चौराहा, दुर्गाकुंड, गुरुधाम चौराहा, विजया माल, ब्रॉडवे होटल, मदनपुरा, गोदौलिया से होकर विश्वनाथ मंदिर में आकर खत्म होगी।

पिछले 22 साल से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के यहां हाजिरी लगा रहा हूं। 15 नवंबर से विश्वनाथ धाम परिसर में भगवान शंकर के साथ मां अन्नपूर्णा के रूप में माता पार्वती का दर्शन सौभाग्य की बात है। काशी के लिए यह बहुत अच्छा संयोग है।
-मुकेश तिवारी, नेमी दर्शनार्थी

बाबा के आशीर्वाद से करीब 14 साल से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन का क्रम जारी है। धाम में और भी देवी-देवताओं के मंदिर बन रहे हैं, लेकिन 15 नवंबर को मां अन्नपूर्णा के रूप में माता पार्वती की विराजमान होंगी। भगवान शंकर के साथ माता पार्वती का दर्शन काफी लाभकारी होगा।
-संजय शर्मा, नेमी दर्शनार्थी