वाराणसी (ब्यूरो)अब पड़ोसियों से रिश्ते बिगाडऩे पर लेट जन्म और मृत्यु प्रमाण बनना मुश्किल हो जाएगाएक साल से अधिक वक्त बीत जाने पर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन की जांच होगीजांच करने पहुंचे अधिकारी या कर्मचारी पड़ोसियों की गवाही और उनके आधार कार्ड भी लेंगेयदि गवाही संग आधार देने से पड़ोसी मुकर गए तो इस प्रमाण पत्र में पेंच फंस जाएगाप्रमुख सचिव द्वारा सितंबर महीने में जारी इस आदेश पर अमल के निर्देश दिए गए हैं

नया प्रारूप हुआ जारी

यह प्रमाण पत्र एसडीएम के द्वारा आरसीसीएमएस पोर्टल से जारी किए गए जाएंगेप्रमाण पत्र बनवाने के लिए एक नया प्रारूप भी जारी किया गया हैयह प्रारूप नगर निगम जोन कार्यालयों से लोग प्राप्त करके आवेदन करेंगेकिए गए आवेदन की जांच सौंपने का अधिकार भी एसडीएम को सौंपा गया हैवह जांच लेखपाल से कराएंगे या नगर निगम के कर्मचारी अथवा पुलिस से यह निर्णय एसडीएम के विवेकाधिकार पर निर्भर होगा.

पड़ोसी की भूमिका अहम

जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना अब आसान नहीं रहाइसके लिए कुछ खास तरह की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगाबताते हैं कि 31 दिन या एक साल तक विलंब होने पर रिपोर्ट नगर निगम जोनल अधिकारी लगा सकते हैंहालांकि उनकी रिपोर्ट के बाद भी प्रमाण पत्र एसडीएम ही जारी करेंगे.

साल बीतते बढ़ेगी दिक्कत

वक्त एक साल से एक भी दिन ज्यादा हो गया है तो जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए कई अग्नि परीक्षाएं देनी होंगीजारी किए गए प्रारूप पर ही आवेदन करना होगाकिए गए आवेदन की जांच एसडीएम द्वारा लेखपाल या नगर निगम कर्मचारी को सौंपी जाएगीयह कर्मचारी आवेदक के मोहल्ले में जाएंगे.

तो पड़ोसी से पूछताछ

वह सीधे प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति के पड़ोसियों से पूछताछ ही नहीं, गवाही भी लेंगेगवाही में पड़ोसी को यह बताना होगा कि आवेदक के घर बच्चा कहां पैदा हुआ था या उसके परिजन की मौत कैसे व कब हुई थीयह बात बताने के साथ पड़ोसी को आधार कार्ड और सिग्नेचर भी देने होंगे

तो नहीं बनेगा सर्टिफिकेट

यदि पड़ोसियों ने गवाही के साथ आधार कार्ड नहीं दिया तो यह बिलंबित प्रमाणपत्र बन पाना संभव नहीं होगाइस लिए अपने पड़ोसियों व मोहल्ले के लोगों से रंजिश व मनमुटाव रखने के बजाय मित्रवत रिश्ते बनाकर रखें.

नए नियम में क्या आदेश

- एक वर्ष की अवधि के उपरांत जन्म व मृत्यु के विलंबित पंजीकरण प्रकरण में एसडीएम द्वारा आरसीसीएमएस पोर्टल से आदेश निर्गत किए जाने के निर्देश हैं

- आदेश में कहा गया है कि सम्पूर्ण प्रदेश में जन्म व मृत्यु पंजीकरण का कार्य महारजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा विकसित व संचालित सीआरएस पोर्टल पर ही किया जाना हैकिसी अन्य पोर्टल या मुद्रित प्रारूप पर जारी प्रमाण पत्र मान्य नहीं होगा.

- उप जिला मजिस्ट्रेट यानी एसडीएम द्वारा जारी किए जाने वाला यह प्रमाण पत्र राज्य सरकार के आरसीसीएमएस पोर्टल से निर्गत किया जाएगा.

-आरसीसीएमएस पोर्टल से निर्गत प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश सीआरएस पोर्टल पर अपलोड करने के बाद ही जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा.

जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र में बदलाव किया गया हैआदेश की कॉपी भी आ गयी हैइसको जल्द ही लागू किया जाएगाक्योंकि अभी इसके बारे में आम पब्लिक को मालूम नहीं हैनगर निगम में जो भी लोग आएंगे उनको इस नए नियम के बारे में बताया जाएगा

डाएनपी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के नियमों में कुछ चेंज किए गए हैंप्रमुख सचिव के आदेश में कहा गया है कि एक साल से अधिक समय वाले जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र एसडीएम द्वारा जारी किए जाएंगेआवेदन की जांच वह किसी से भी करा सकते हैंजांच में पड़ोसियों की गवाही व उनके आधार भी लगेंगे.

अमरजीत यादव, जोनल अधिकारी, कटरा, नगर निगम प्रयागराज