- सावन पूíणमा पर आज मनाया जाएगा त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन
- पूरे दिन भाई को बहनें बांध सकेंगी प्रेम सहित स्नेह का धागा
- राखी की दुकानें और स्टॉल रहे गुलजार, दुकानदारों के खिले चेहरे
- लोगों ने कतार में लगकर की स्वीट्स और राखी की खरीदारी
5:50
बजे सुबह से शाम 6.03 बजे तक रक्षा सूत्र बांधने का समय
9:34
बजे सुबह से 11.07 बजे तक रहेगा अमृत मुहूर्त
12:04
बजे दोपहर से 12.58 मिनट तक है अभिजित मुहूर्त
आज रक्षाबंधन है। सावन पूíणमा के अवसर पर मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा का धागा बांधकर जीवनभर सुरक्षा करने का वचन लेती हैं। वाराणसी में पर्व को लेकर बहनों ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मिठाई और राखी की दुकानों पर देर शाम तक उत्साह के साथ खरीदारी करती दिखीं। आज रक्षाबंधन के दिन भद्रा का साया नहीं रहेगा, ऐसे में बहनें सूर्योदय के बाद कभी भी अपने भाई को राखी बांध सकती हैं।
शुभ योग
पुरानों और विद्वत जनों के अनुसार धनिष्ठा नक्षत्र में रक्षासूत्र का बंधन होने से भाई-बहन में प्रेम बढ़ता है। आज राखी बांधने के लिए 12 घंटे 46 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा। इस बार भद्रा काल नहीं है। इस कारण सुबह 5:50 से शाम 6:03 बजे तक राखी बांधी जा सकेगी।
स्वीट्स की दुकानों पर कतार
इससे पहले रक्षाबंधन पर्व की पूर्व संध्या पर शनिवार को शहर में देर शाम तक रौनक रही। स्वीट्स की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ रही। गोदौलिया, लहूराबीर, सिगरा, पांडेयपुर, लंका रोड आदी इलाके के स्वीट्स दुकानों पर लोगों ने कतार में लगाकर मिठाई की खरीदारी की।
ये मिठाई रहे खास
स्वीट्स की दुकानों पर बेसन और मोतीचूर के लड्डू के साथ ही काजू बर्फी, काजू कतली, केसर बर्फी, काजू केसर कतली, मेवा बाइट भी खूब खरीदे गए। सूखे मेवे और चीनी की महंगाई के कारण मिठाई के दामों में करीब 10 से 20 फीसद की बढ़ोतरी भी हुई है।
खूब खरीदी गई राखियां
काशी में हरेक पर्व की रौनक देखते बनती है। इसको लेकर दुकानदार पहले से ही तैयारियां कर लेते हैं। पिछले वर्ष कोरोना का असर देखने को मिला था। लेकिन इस वर्ष संक्रमण दर कम रहने से राखियों की खूब खरीदारी हुई और बहनों ने मनपसंद और नई-नई वेरायटी की राखियां खरीदीं। भगवान की मूíतयां लगीं और ईकोफ्रेंडली राखियां भी इस बार प्रचलन में रहीं। 10 रुपये से लेकर दो सौ रुपये तक की राखियां खूब खरीदी गई। वहीं चांदी वाली राखियों के साथ ब्रेसलेट वाली राखियों की डिमांड भी देखी गई।