वाराणसी (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने नवनिर्मित देवाधिदेव महादेव के भव्य दरबार का अवलोकन किया, जिसमें एक और खास तस्वीर सामने आयी। गर्भगृह की परिधि में 22 मंदिरों की मणिमाला तैयार हो रही है, जिसकी अद्भुत छटा भक्तों को निहाल करेगी। गंगा घाट से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के चारों तरफ में फैली इस मणिमाला की परिक्रमा भी भक्त करेंगे।

मंदिरों का इतिहास बताएगा एप
पीएम के हाथों से 13 दिसंबर को श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने के बाद भक्तों को परिक्रमा के जरिये मणिमाला में शामिल 22 मंदिरों में विराजमान बाबा के गण और विग्रहों के दर्शन प्राप्त होंगे। सबसे अहम बात यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी इन विग्रहों की जानकारी देने वाले एप को भी 13 दिसंबर को लांच करेेंगे। दुनियाभर से आने वाले भक्त इस मंदिर मणिमाला की परिक्रमा और दर्शन के साथ ही इसका इतिहास भी जान सकेंगे।

धाम का हिस्सा हैं 22 मंदिर
54 हजार वर्गमीटर में फैले काशी विश्वनाथ धाम में 22 मंदिरों की एक खास मणिमाला भी तैयार की जा रही है। यह वे मंदिर हैं, जिनमें कुछ काशी विश्वनाथ के साथ ही स्थापित किए गए थे और बाकी समय-समय पर काशीपुराधिपति के विग्रहों के रूप में यहां बसाएं गए थे। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की परिकल्पना के साथ ही अधिग्रहीत भवनों से निकले इन मंदिरों को संरक्षित कर उन्हें विश्वनाथ धाम का हिस्सा बनाया गया है। गंगा स्नान के बाद जल लेकर चलने वाले भक्त इस मणिमाला को साक्षी मानकर ही गर्भगृह तक जाएंगे और यहां से दर्शन के बाद इन विग्रहों की परिक्रमा कर धर्मलाभ लिया जा सकेगा।

बीएचयू भी कर रहा सहयोग
धाम में शामिल मंदिर मणिमाला का इतिहास देश और दुनिया के भक्तों तक पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम किया गया है। उनके स्थापना से लेकर आध्यात्मिक महात्म्य को सहेजते हुए एक खास एप्लीकेशन की मदद से इन मंदिरों का महत्व भक्तों तक पहुंचाने की तैयारी है। इसके लिए बीएचयू के डिपार्टमेंट ऑफ हिस्ट्री के साथ ही आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का भी सहयोग लिया गया है। इसके माध्यम से कॉरिडोर में बने मंदिरों के नजदीक आते ही उस मंदिर का इतिहास ऑडियो-वॉइस के जरिए लोगों को सुनाई देगा, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। इन ऐतिहासिक मंदिरों को एक्सपर्ट टीम की मदद से कार्बन डेटिंग के जरिये संजोया गया है। साथ ही मंदिरों के बारे में पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। डिजिटल के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए मैनुअल सिस्टम भी रखा जाएगा।

178 विग्रहों के पुण्यलाभ
बाबा के दरबार आने वाले श्रद्धालुओं को शिव कचहरी, देव गैलरी, काशी खंडोक्त मंदिरों के साथ 178 विग्रह के दर्शन का पुण्यलाभ मिलेगा। धाम परिसर में निर्माण के दौरान 139 विग्रह, 39 काशी खंडोक्त विग्रह और 27 प्राचीन देवालय मिले हैं।