वाराणसी (ब्यूरो)श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर स्थित महाकाल मंदिर के पास अंडरग्राउंड सीवेज पंङ्क्षपग स्टेशन मंगलवार को काम करने लगाइसके साथ ही जलासेन घाट स्थित पंङ्क्षपग स्टेशन ध्वस्त किया जाने लगाइसकी क्षमता 3.5 एमएलडी था जबकि नए पंङ्क्षपग स्टेशन को चार एमएलडी का बनाया गया हैवास्तव में जलासेन घाट पर विशाल ढांचा धाम के गंगा छोर की भव्यता प्रभावित हो रही थीऐसे में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण व सुंदरीकरण परियोजना का खाका खींचते समय ही अंडर ग्राउंड पंप लगाने और इसे ध्वस्त करने का निर्णय लिया गया थाकार्यदायी एजेंसी लोकनिर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय गोरे के अनुसार पंङ्क्षपग स्टेशन काम करने लगा हैइसके ढांचे की फिनिङ्क्षशग से संबंधित बचे काम चल रहे हैंकाशी विश्वनाथ मंदिर व विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि नए सीवेज पंङ्क्षपग स्टेशन की क्षमता बढ़ाई गई हैहालांकि लगभग 400 घरों के हट जाने से भी इस पर लोड कम होगा.

चार दशक पहले निर्माण

गंगा निर्मलीकरण के लिए चार दशक पहले गंगा एक्शन प्लान के तहत गंगा में गिर रहे शाही नाले की पांच ब्रांच लाइनों को बंद किया गयाइसके सीवेज को लिफ्ट कराने के लिए जलासेन समेत पांच घाटों पर पंप लगाए गए, तब से पांच घाटों पर तने खड़े ये पंप गंगा किनारे की धरोहरों के लिए दाग बने हुए हैंअब नई तकनीक के उपयोग से पंप की कार्य क्षमता पर भी कोई प्रभाव नहीं आएगाघरों से निकलने वाला सीवेज पंप कर सीधे दीनापुर स्थित ट्रीटमेंट प्लांट चला जाएगा.

वाराणसी के इन घाटों पर लगे पंप

-हरिश्चंद्र घाट

-डाराजेंद्र प्रसाद घाट

-जलासेन घाट

-मानसरोवर घाट

-त्रिलोचन घाट