- सीपी के रडार पर भ्रष्टाचार की जद में आने वाले पुलिसकर्मी

- छह से अधिक कर्मियों की बन रही कुंडली

खाकी को बदनाम करने वाले पुलिसकर्मी बख्शे नहीं जाएंगे। ये पिछले कुछ दिनों की कार्रवाई से स्पष्ट संकेत दिए जा चुके हैं। इतना ही नहीं अभी छह से अधिक पुलिसकर्मियों की जांच चल रही है, जो करप्शन के घेरे में हैं। इसके साथ ही अपनी ड्यूटी ईमानदारी से नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों की भी कुंडली तैयार की जा रही है। विभाग की ओर से गोपनीय रिपोर्ट भी तैयार हो रही है। जांच रिपोर्ट में मामला सही मिली तो कार्रवाई भी तय है। पुलिस कमिश्नर ए। सतीश गणेश इन मामलों की स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

शहर में अपराध को रोकने के लिए अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। अपराधियों में भी पुलिस का खौफ बढ़ने लगा है, लेकिन इस बीच कुछ पुलिसकर्मियों की अपराधियों के साथ संलिप्तता और करप्शन ने खाकी में दाग लगाने का भी काम किया है। ऐसे कर्मियों पर पुलिस कमिश्नर की भृगुटी टेढ़ी हो गई है। उन्होंने ऐसी कई कर्मियों को चिन्हिंत कराके गोपनीय जांच शुरू करा दी है। इसमें छह से अधिक पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल होने की जानकारी है। इन पर भ्रष्टाचार करने या अपनी ड्यूटी ईमानदारी से नहीं करने का आरोप है। सीपी की जांच की सूचना पर विभाग के अधिकारियों में भी हलचल तेज हो गई है।

कमिश्नरेट बनने के बाद पुलिस कमिश्नर ए। सतीश गणेश ने सभी पुलिसकर्मियों के साथ बैठक की थी। उन्होंने इस दौरान अपनी मंशा और कार्यप्रणाली के तौर तरीके साफ कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि पीडि़तों को न्याय मिले और आम जनता से पुलिस का बर्ताव बेहतर होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने स्पष्ट किया था कि अपराधियों में पुलिस खौफ हो और अपराध में कमी लाई जाए। पुलिस की साफ छवि बनाने पर भी जोर दिया था। लेकिन पुलिस की छवि में दाग लगने से सीपी के रडार में अब कई अधिकारी आ चुके हैं।

तीन पुलिसकर्मियों पर हुई कार्रवाई

चेतगंज थाने की प्रभारी निरीक्षक के अलावा थाने के एसएसआई और एक चौकी प्रभारी पर तीन दिन पूर्व ही पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई की। ये कार्रवाई एक हिस्ट्रीशीटर का साथ देकर जमीन पर कब्जा दिलाने के साथ रुपए लेन-देन के आरोप पर की गई थी।

ये भी हैं जांच की जद में

थानों में शिकायत नहीं सुनने वाले अधिकारियों की भी सूची तैयार की जा रही है। सीपी ने निर्देश दिए हैं कि थाने में पीडि़त की सुनवाई नहीं होती है, तो वह

आम जनता की समस्याओं को सुनने के लिए पुलिस कमिश्नर ने थाना प्रभारियों को निर्देश दिया हुआ है। यदि पीडि़त की वहां सुनवाई नहीं होती है तो वह एसीपी, एडीसीपी, डीसीपी के अलावा अपर पुलिस कमिश्नर मुख्यालय एवं अपराध के यहां अपनी कंप्लेंट कर सकता है। ऐसे में जिन थानों में पीडि़तों की सुनवाई नहीं हो रही है और बार-बार शिकायतें अधिकारियों के पास आ रही हैं। ऐसे थाने व पुलिस चौकी भी जांच के जद में हैं।

कोट

कमिश्नरेट में भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के लिए कोई स्थान नहीं है। कमिश्नरेट में हर एक पीडि़त को न्याय मिले और अपराधियों के अंदर पुलिस का खौफ हो। यहां आम जनता निश्चिंत होकर खुले वातावरण में खुद को सुरक्षित महसूस करे यही मेरा प्रयास है। इसमें लापरवाही बरतने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

ए। सतीश गणेश

पुलिस कमिश्नर