-ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक राष्ट्र में बन रहे हैं आíथक समस्या, प्राकृतिक आपदा के योग

-बड़े ग्रह वक्री होते हैं तो विश्व में प्राकृतिक आपदाएं आने की बढ़ जाती है आशंका

अरसे बाद यह एक साथ तीन ग्रहण लग रहे हैं। यह संकट का संदेश देने वाले हैं। बनारस के ज्योतिषियों के मुताबिक पांच जून से पांच जुलाई के अंदर तीन ग्रहण लगने से राष्ट्र के प्रमुख नेता को कष्ट होगा वहीं सेना में काफी मतभेद होगा। राष्ट्र में आíथक समस्या प्राकृतिक आपदा के योग भी बन रहे हैं। यही नहीं ग्रहण कुछ राशियों के लिए अच्छा तो कुछ के लिए कष्टकारी भी साबित होगा।

जून में दो और जुलाई में एक

पांच जून को चंद्रग्रहण लगेगा। 21 जून को सूर्य ग्रहण और फिर पांच जुलाई को फिर से चंद्र ग्रहण लगेगा।

धर्मशास्त्र के अनुसार ग्रहण सूतक विचार चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पूर्व सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पूर्व ग्रहण का सूतक होता है इसमें बच्चे, बुजुर्ग और रोगी को छोड़कर अन्य लोगों को भोजन आदि नहीं करना चाहिए। चंद्रग्रहण

ग्रहण का समय रात्रि 11.16 से 2.34 तक होगा इस छाया चंद्रग्रहण में मोक्ष का समय एवं सूतक विचार नहीं किया जाएगा वही खंड सूर्य ग्रहण आषाढ़ कृष्ण अमावस्या दिन रविवार 21 जून को खंडग्रास सूर्यग्रहण लगेगा जो भारत में दिखाई देगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में प्रारंभ होगा एवं उसकी समाप्ति मोक्ष आद्रा नक्षत्र से होगी। भारतीय मानक समय के अनुसार ग्रहण का प्रारंभ दिन में 9.16 पर, ग्रहण का मध्य दिन में 12.10 तक, तथा ग्रहण का मुख्य दिन में 3.04 पर होगा। वही काशी में खंडग्रास सूर्यग्रहण का स्पर्श दिन में 10.31 पर होगा मध्य समय 12.18 पर खंडग्रास सूर्य ग्रहण मोक्ष का समय काशी में दिन में 2.04 पर होगा।

कर सकते हैं उपाय

ज्योतिषाचार्य पंडित बब्बन तिवारी के मुताबिक 5 जून को जेष्ठ शुक्ल पूíणमा दिन शुक्रवार को छाया चंद्र ग्रहण लगेगा। इसमें चंद्रमा का कोई भी भाग ग्रस्त नहीं होगा लेकिन चंद्रमा की कांति कुछ धूमिल दिखाई देगी इसका धर्म शास्त्री प्रभाव एवं प्रतिबंध नहीं होता है। ग्रहण में धाíमक कार्य श्राद्ध ,दान, भजन ,कीर्तन, जप, इत्यादि करना चाहिए। ग्रहण में जप किया हुआ मंत्र कोटी गुना फल देने वाला होता है और मंत्र भी सिद्ध हो जाता है। अनिष्ट ग्रहण फल का निवारण स्वर्ण से निíमत सर्प कासे के बर्तन में तिल पर रखकर कपड़ा दान दक्षिणा के साथ योग्य ब्राह्मण को दान दे अपनी शक्ति के अनुसार सोने या चांदी का ग्रह बिंब बनाकर ग्रहण जनित अरिष्ट फल निवारण हेतु दान दें।

ग्रह बढ़ाएंगे मुश्किल

शास्त्री मीना तिवारी के अनुसार ग्रहण के समय मंगल मीन राशि में बैठकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु पर दृष्टि डालेगा, जो अशुभ संकेत दे रहा है। ग्रहण काल में ही शनि, बुध, गुरु और शुक्र जैसे महत्वपूर्ण ग्रह वक्री हो गए हैं। मानव सभ्यता, पर्यावरण संबंधित बड़ी क्षति होने की आशंका बन रही है। ज्योतिष शास्त्र में उल्लेख है कि जब बड़े ग्रह वक्री होते हैं, तो विश्व में महान प्राकृतिक आपदाएं आने की आशंका बढ़ जाती है। इसके साथ ही 30 दिनों में दो या दो से ज्यादा ग्रहण होना भी जनता के लिए कई मुसीबतों को लाने वाला समय रहा है। 21 जून को सूर्य ग्रहण और फिर पांच जुलाई को फिर से चंद्र ग्रहण लगेगा। इनमें से दो ग्रहण भारत में दिखाई देंगे। 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और भारत में दिखाई देगा। 21 जून को लगने वाला ग्रहण भारत के साथ ही एशिया के कई इलाकों, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा। फिर पांच जुलाई को लगने वाला ग्रहण अफ्रीका और अमेरिका में नजर आएगा। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।

शनि, मंगल और गुरु से आíथक मंदी

ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार प्राकृतिक आपदाओं जैसे अत्याधिक वर्षा, समुद्री चक्रवात, तूफान, महामारी आदि से जन धन की हानि का खतरा है। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश को जून के अंतिम माह और जुलाई में भयंकर वर्षा से जूझना पड़ सकता है। इस वर्ष मंगल जल तत्व की मीन राशि में है ऐसे में वर्षा काल में असामान्य रूप से अत्याधिक वर्षा होगी और महामारी का भय रहेगा। शनि, मंगल और गुरु इन तीनों ग्रहों के प्रभाव से विश्व में आíथक मंदी का असर साल भर बना रहेगा।

21 जून को खंडग्रास सूर्यग्रहण का राशि के अनुसार फल

-सूर्य ग्रहण मेष कन्या व मकर राशि वालों के लिए बहुत शुभ रहने वाला है

-वृष, कर्क व कन्या राशि वालों को धन व यश की हानि हो सकती है

-मिथुन राशि वालों को स्वभाव में उग्रता नहीं आने देनी होगी और वाहन दुर्घटना का भी भय रहेगा

-सिंह राशि वालों को कहीं से अचानक धन लाभ होगा

-तुला राशि वालों को वाणी पर नियंत्रण रखना होगा

-वृश्चिक राशि के लिए समय थोड़ा कष्टकारी रहेगा

-धनु राशि वालों को स्त्री के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी

-कुंभ व मीन राशि वालों को पारिवारिक व कार्यक्षेत्र में कुछ चिंताएं घेर सकती हैं