- ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है

- ग्रहों के चाल बदलने से सभी राशियों पर पड़ेगा शुभ-अशुभ प्रभाव

- मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए समय है शुभ

20

से 24 जून का समय ज्योतिष नजरिए से बेहद खास

05

दिन में तीन राशियों का होगा परिवर्तन

जून का यह महीना हिंदू धर्म में त्योहारों और ज्योतिष के लिहाज से काफी खास है। इसी महीने में गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है, खासकर धर्म नगरी काशी में। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान के बाद दान से भक्तों के कष्ट कट जाते हैं। इस वर्ष गंगा दशहरा के समय 20 से 24 जून के बीच चार ग्रहों का स्थान परिवर्तन भी होना है। इस दौरान गुरु, शुक्र, सूर्य और बुध की चाल बदलेगी, जिसका असर लोगों के जीवन पर पड़ेगा। 20 जून को बृहस्पति वक्री हो जाएंगे तो 21 जून को सूर्य बिल्कुल पृथ्वी की सीध में रहेंगे। ज्योतिषाचार्यो के अनुसार ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि के दिन गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। गंगा दशहरा पर ग्रह-गोचरों का भी बेहद शुभ संयोग बना है।

आज दोपहर दो बचे से नक्षत्र में प्रारंभ

गंगा दशहरा 20 जून को चित्रा नक्षत्र व रवियोग में मनाया जाएगा। धाíमक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। ज्योतिषाचार्य पं। बब्बन तिवारी के मुताबिक जेष्ठ शुक्ल पक्ष तिथि दशमी दिन रविवार को गंगा दशहरा मनाया जाएगा। जेष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में स्वर्ग से गंगा का आगमन हुआ था। इस दिन गंगा स्नान, वस्त्र आदि दान, जप, तप, उपासना और उपवास किया जाएं तो 10 प्रकार के पाप दूर होते हैं। दशहरा तिथि का प्रारंभ 19 जून शनिवार को अपराहन 2 बजकर 8 मिनट पर हस्त नक्षत्र में प्रारंभ हो रहा है। 20 जून को दशहरा का मान दिन में 12:01 तक होगा।

गुरु हो रहे हैं वक्री

शास्त्री मीना तिवारी के मुताबिक गंगा दशहरा के दिन गुरु वक्री हो रहे हैं। धन, विवाह, ज्ञान और सत्कर्म के कारक देव गुरु बृहस्पति को सर्वाधिक शुभ एवं शीघ्र फलदाई ग्रह माना गया है। यह धनु व मीन राशि के स्वामी हैं। 20 जून को देवगुरु बृहस्पति कुंभ राशि में वक्री हो जाएंगे। वर्की होकर 120 दिन बाद 18 अक्टूबर को ये मार्गी होंगे। ज्योतिष में मानते हैं कि गुरु के वक्री होने पर कर्क राशि और मकर राशि पर भी खास प्रभाव पड़ता है। एक राशि पर अच्छा तो दूसरी पर विपरीत प्रभाव होता है। गुरु कुंभ राशि में ही वक्री हो रहा हैं इसलिए इस राशि के लोगों को खास ध्यान देने की आवश्यकता है। इनकी सेहत बिगड़ने सकती है। इसलिए सेहत का खास ध्यान रखना होगा।

22 को शुक्र का राशि परिवर्तन

22 जून को शुक्र ग्रह का भी राशि परिवर्तन होने जा रहा है। इस दिन शुक्र कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शुक्र कर्क राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं जिससे सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा, लेकिन कर्क राशि पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने जा रहा है।

23 जून को बुध होंगे मार्गी

23 जून को बुध मार्गी हो जाएंगे। यानी इस दिन से वृष राशि में बुध की सीधी चाल शुरू हो जाएगी। बुध की सीधी चाल से सभी राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ेगा, लेकिन वृष राशि पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने जा रहा है।

::: देवगुरु बृहस्पति गके वक्री होने से राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव ::::

कुंभ राशि के जातक की सेहत बिगड़ सकती है। किसी पर जल्द विश्वास न करें। धोखा मिल सकता है।

कन्या राशि के लोगों को सेहत और वैवाहिक जीवन में कुछ विपरीत प्रभाव देखने को मिलेंगे।

तुला वालों को भी इस वक्त ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है। कुछ बातें बिना सोचे समझे नहीं बोलनी है।

मेष राशि के जातकों की किस्मत खुलेगी, आर्थिक लाभ होगा, मान सम्मान बढ़ेगा। जॉब में प्रमोशन हो सकता है।

सिंह राशि में नौकरी करने वालों को लाभ हो सकता है। लाभ मिलने के जबरदस्त आसार है।

वृश्चिक राशि के जातकों के शुभ समय है। नौकरी में तरक्की मिलने के आसार हैं। बिजनेस करने वालों को भी लाभ मिल सकता है।

धनु राशि के जातकों को मेहनत का पूरा लाभ मिलेगा। वाहन सुख की प्राप्ति के आसार नजर आ रहे है।

मीन राशि के लोगों का समय शुभ है। ऑफिस में काम की तारिफ होगी। कर्ज से मुक्ति मिलेगी। मकान, वाहन सुख प्राप्त हो सकता है।