वाराणसी (ब्यूरो)फुटबाल की नर्सरी कहे जाने वाले बेनियाबाग पार्क की स्थिति फिलहाल बदहाल हैकहीं पत्थर उखड़े हैं तो कहीं जॉगिंग ट्रैक टूटा हैयही नहीं जगह-जगह पानी गिरने से ट्रैक भी खराब हो गया हैसूखी घास बेनियाबाग की पहचान बन गई हैइस पार्क को स्मार्ट सिटी ने एक अरब रुपए से स्मार्ट पार्क बनाया है, लेकिन मेंटेनेंस के अभाव में पार्क की स्थिति काफी खराब हैआनंद पार्क में झूले टूटे हैंबच्चे अक्सर यहां से निराश होकर लौट जाते हैंजबकि दूसरा पिशाचमोचन पार्क में न तो खेलने के लिए कोई उपकरण हैं और न ही पाथवेआनंद पार्क में जगह-जगह झूले टूटे हैं

टूट गया बिस्मिल्लाह खां का चबूतरा

बेनियाबाग पार्क पहले काफी हरा-भरा थासुबह हो या शाम, बच्चे फुटबाल लेकर खेलते थेपार्क की सबसे बड़ी खासियत थी कि बिल्मिल्लाह खां सबसे पुराना चबूतरा थाइस चबूतरे पर बैठकर बिस्मिल्लाह खां शहनाई बजाते थे

एक अरब खर्च फिर भी बेकार

बेनियाबाग पार्किंग में मॉडर्न फीचर तो दूर, वाहनों की पर्चियां भी मैनुअली काटी जा रही हैंबेनियाबाग पार्क को मॉडर्न पार्क बनाने के लिए एलईडी स्क्रीन लगाने की बात थी, ताकि कोई भी टूरिस्ट आए तो बाहर से ही एलईडी स्क्रीन पर देखकर पता कर लेगा कि पार्क में वाहन खड़ा करने के लिए कितनी जगह हैस्मार्ट सिटी ने आज तक एलईडी स्क्रीन नहीं लगवाई है.

ग्रीनरी के नाम पर सूखी घास

ग्रीनरी के नाम पर सिर्फ सूखी घास हैइस पार्क को स्मार्ट सिटी ने दो साल पहले एक अरब की लागत से डेवलप किया थाइसमें एक हजार वाहनों की पार्किंग के अलावा मॉडर्न फीचर और एप लगाने की बात कही गई थी, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं लगाया गयामाडर्न इक्विपमेंट का बजट कहां गया है, यह भी किसी को पता नहींखस्ताहाल पार्क को देखते हुए कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने पिछलेे दिनोंं निरीक्षण किया था और तमाम खामियां मिलने पर उन्होंने स्मार्ट सिटी के पार्क प्रभारी, जेई समेत कई को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था.

लगाए गए थे महंगे पौधे

बेनियाबाग पहले काफी ग्रीनरी से भरा थाइसमें लोग सुबह टहलते भी थे और दिनभर क्रिकेट और फुटबाल भी खेलते थेचारों तरफ हरियाली ही हरियाली छायी हुई थीलेकिन, जबसे स्मार्ट सिटी ने करीब एक अरब लगाकर वाहनों की पार्किंग बनाई, तबसे पार्क से ग्रीनरी गायब हो गई हैपार्क का डेवलप करते समय स्मार्ट सिटी के जीएम वासुदेवन ने कहा कि था कि चारों तरफ ग्रीनरी से भरा होगाइसके लिए लाखों रुपए के महंगे पौधे भी लगाए जाएंगेन तो अच्छे पौधे लगाए गए और न ही मॉडर्न इक्विपमेंट.

आनंद पार्क में टूटे झूले

दुर्गाकुंड एरिया स्थित आनंद पार्क भी इन दिनों बदहाल हैझूलने के लिए झूले गायब हैंट्रैक में बड़े-बड़े गड्ढे हैंस्लाइडिंग झूले का प्लेटफार्म भी टूट चुका हैटूटा ट्रैक और प्लेटफार्म बच्चों के लिए खतरा बना है

पिशाचमोचन पार्क में टूटा फव्वारा

1327 वर्ग मीटर में फैले पिशाचमोचन पार्क में बच्चों के खेलने के लिए न तो कोई उपकरण है और न ही पाथवेनिगम ने इस पार्क में एक छोर पर ट््यूबवेल व सफाई चौकी का निर्माण कराया हैइसके बावजूद पार्क में बच्चों को खेलने के लिए कोई सुविधा नहीं हैंयहां नई पोखरी, रमाकांत नगर व आसपास के मोहल्लों व कालोनियों के बच्चे आते हैंवर्तमान में फव्वारा खराब और कूड़े से पटा पड़ा है

बेनियाबाग पार्क को स्मार्ट सिटी ने खराब कर दिया हैएक अरब रुपए कहां खर्च किया गया है, यह जांच का विषय हैपार्क काफी बदहाल स्थिति में है.

आसिफ सेख, बेनियाबाग

बिस्मिल्लाह खां बेनियाबाग पार्क में ही बैठकर शहनाई बजाते थेदेश दुनिया के लोग यहां आकर उनकी शहनाई सुनते थेजहां पर बैठते थे, उस चबूतरा को हटा दिया गया.

नासिर अब्बास बिस्मिल्लाह, बेनियाबाग

बेनियाबाग पार्क में पहले जैसी सुविधा होनी चाहिएशहर के बीच पार्क होने से ग्रीनरी थी, लेकिन अब वह भी गायब हो चुकी हैइस पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है.

अब्दुल हमीन, बेनियाबाग

बेनियाबाग पार्क में आज कोई भी बच्चा खेल नहीं सकता हैअंदर जाने के लिए पैसा देना पड़ता है, तभी एंट्री मिलती हैपार्क को मेंटेनेंस की जरूरत है.

मोती लाल, क्षेत्रीय नागरिक

स्मार्ट सिटी के प्रभारी ने पूरे पार्क को चौपट कर दिया हैएक अरब रुपए भले ही खर्च कर दिया गया है, लेकिन पार्क की स्थिति ठीक नहीं है.

अल्तमश सुल्तान, क्षेत्रीय नागरिक

शहर के पार्कों का जल्दी ही मेंटेनेंस कराया जाएगाइसके लिए सभी जोन के अधिकारियो को निर्देशित किया गया है.

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त

फैक्ट एंड फीगर

100 करोड़ रुपए से हुआ था बेनियाबाग पार्क का कायाकल्प

1150 फोर व्हीलर और टू व्हीलर गाडिय़ों की पार्किंग का दावा

1327 वर्ग मीटर में फैला है पिशाचमोचन पार्क