-स्टेशन बनाने की तैयारी में जुटा गेल इंडिया

-वाराणसी के साथ ही पटना, कोलकाता और भुवनेश्वर में भी बनाया जाएगा एलसीएनजी स्टेशन

पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने और पेट्रोल और डीजल की खपत कम करने के लिए गेल इंडिया ने कदम बढ़ा दिया है। ट्रकों से डीजल की निर्भरता कम करने के लिए गेल ने इन्हें सीएनजी से चलाने का प्लान तैयार किया है। इसके लिए देश के चार शहरों के साथ ही बनारस में लिक्विफाइड कांफ्रेहेंसिव नेचुरल गैस (एलसीएनजी) स्टेशन बनाया जाएगा। इसके लिए जमीन तलाशने का प्रयास शुरू कर दिया गया है। प्रोजेक्ट पर तीन हजार करोड़ खर्च होंगे, एक स्टेशन की क्षमता 80 हजार किलोलीटर होगी।

फ‌र्स्ट फेज के चार शहरों में बनारस

डीजल की बढ़ती खपत और बढ़ते प्रदूषण से दूषित होते पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय गैस से ट्रक और बस चलाने की तैयारी में जुट गया है। योजना के पहले चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अलावा पटना, कोलकाता और भुवनेश्वर में पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे लांच किया जाएगा। गेल इंडिया की स्थानीय इकाई को तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पत्र भेजकर 2500 वर्ग मीटर जमीन उपलब्ध कराने को कहा है। इस जमीन पर एलसीएनजी स्टेशन बनाया जाएगा। वाराणसी समेत पटना, कोलकाता व भुवनेश्वन में स्टेशनों के निर्माण पर तीन हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है। एक स्टेशन की क्षमता करीब 80 हजार किलोलीटर की होगी।

100 किमी पर एक स्टेशन

अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार की यह स्वíणम योजना है। डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में वर्ष 2035 तक वाहनों में 14 मिलियन मीट्रिक टन नेचुरल गैस खपत करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए हाईवे पर हर 100 किलोमीटर पर एक एलसीएनजी स्टेशन बनेंगे। लिहाजा, देश के विभिन्न हाइवे पर करीब 340 एलसीएनजी स्टेशन बनाया जाएगा। एलसीएनजी से लंबी दूरी के ट्रक या बस के संचालन से करीब 20 प्रतिशत खर्च की बचत होगी। साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। जमीन की उपलब्धता के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। साथ ही गेल भी अपने स्तर पर भूमि तलाश रही है।

ये है एलएनसीजी

एलसीएनजी द्रव की अवस्था में वाहनों के टैंक में भरा जाएगा। जब वाहन के इंजन चलने शुरू होंगे तो इंजन में लगी किट उसे गैस में परिवíतत कर देगी। इस प्रक्रिया में खर्च कम आएगा।

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इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। सब कुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द यहां यह सुविधा शुरू हो जाएगी। जमीन की उपलब्धता के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। साथ ही गेल भी अपने स्तर पर भूमि तलाश रही है।

गौरी शंकर मिश्रा, उप महाप्रबंधक,

गेल इंडिया