-मोहनसराय के धांगलवीर बाबा मंदिर परिसर में दो युवतियों ने रचाई आपस में शादी

-वर-वधू के रूप में दो युवतियों को देखकर हर कोई रहा अचंभित

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VARANASI :
बचपन का साथ कब प्यार में बदल गया दो युवतियों को पता ही नहीं चला। प्यार परवान चढ़ा तो साथ-जीने और मरने की कसम खा ली। यह प्यार जमाने की आंखों में खटकने लगा तो जिंदगी साथ गुजारने के लिए शादी का फैसला कर लिया। मंगलवार को जा पहुंचीं मिर्जामुराद स्थित धांगलवीर बाबा मंदिर में। ढोल नगाड़े की थाप पर झूमते-नाचते घरातियों-बरातियों के साथ जब वर-वधू के रूप में दोनों युवतियां नजर शादी कराने वाले पंडित से लेकर मंदिर परिसर में सब भौचक रह गए। सभी के लिए ऐसा वाकया जिंदगी का पहला था। एक-दूसरे को जीवन साथी मान चुकी युवतियों ने जमाने की परवाह किए बगैर शादी की और सात जन्मों के लिए साथ हो गयीं।

पंडित ने किया शादी कराने से इनकार
धांगलवीर बाबा मंदिर परिसर में आम दिनों की तरह मंगलवार को भी शादी की तैयारी चल रही थी। शादी कराने वाले पंडित और तैयारियों में लगे लोगों को पता चला कि शादी में एक पक्ष जंसा और दूसरा मिर्जामुराद एरिया का है। शाम ढलने से पहले कार से दो युवतियां जींस और टॉप पहने मंदिर पहुंची। उनके साथ कुछ महिलाएं और पुरुष भी थे। दोनों शादी की लाल चुनरी ओढ़कर एक-दूजे संग सात फेरे लेने के लिए मंडप में जाकर बैठ गई। यह देख मंदिर के पुजारी हतप्रभ रह गए। जब उन्हें पता चला कि दोनों युवतियां ही आपस में शादी कराने वाली हैं तो इनकार कर दिया। दोनों युवतियों ने किसी तरह पंडित मनाया और हिन्दू रीति-रिवाज से शादी सम्पन्न हुई।

दूल्हन की हुई विदाई
आपस में शादी करने वाली युवतियों आपस में रिश्तेदार हैं। एक कानपुर और दूसरे बनारस में रहती है। शादी के बाद दोनों कानपुर के लिए रवाना हो गयीं। शादी कराने वाले पंडित का कहना है कि मंदिर में शादी का पंजीकरण भी किया जाता है। लिखापढ़ी के दौरान वर व कन्या पक्ष का बाकायदा उल्लेख भी होता है। फिलहाल इन दोनों युवतियों की शादी को पंजीकृत नहीं किया गया है। दो युवतियों के शादी रचाने की खबर क्षेत्र में तेजी से चर्चा का विषय रही।