वाराणसी (ब्यूरो)। मानकों की अनदेखी में प्राइवेट ही नहीं बल्कि सरकारी एंबुलेंस सेवा भी पीछे नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही की वजह से बिना फिटनेस दौड़ रहीं ये एंबुलेंस कभी भी मरीज की जान सांसत में डाल सकती हैं। सूत्रों की मानें तो बिना फिटनेस दौड़ रहीं एंबुलेंस कई बार मरीजों की जान से खिलवाड़ भी कर चुकी हैं। बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने जब सरकारी और प्राइवेट एंबुलेंस के दस्तावेजों की जांच की तो आंकड़े चौंकाने वाले सामने आये। पेश है एक रिपोर्ट

वूसली जाती है पेनाल्टी
परिवहन विभाग के मुताबिक एंबुलेंस को पेट्रोल और डीजल से संचालित करने के लिए परमिट दी जाती है। परमिट के दौरान एंबुलेंस की फिटनेस, पॉल्यूशन, टैक्स, इंश्योरेंस आदि दस्तावेज पूरे होने के बाद ही रोड पर संचालित की जाती है। वहीं इन सभी दस्तावेजों को समय-समय पर रिन्यूवल भी कराना होता है। अगर एंबुलेंस ओनर की ओर से समय रहते इन दस्तावेजों का रिन्यूवल नहीं कराया जाता है तो विभाग की ओर से पेनाल्टी की जाती है और फिर दस्तावेज दुरुस्त किये जाते हैं। वहीं इसको लेकर समय-समय पर अभियान भी चलाया जाता है। एंबुलेंस संचालक से अलग-अलग दस्तावेजों के लिए अलग-अलग पेनाल्टी ली जाती है।


एंबुलेंस के इनकंप्लीट पेपर
नंबर फिटनेस बीमा पॉल्यूशन
यूपी41जी1031 सही खत्म खत्म
यूपी41जी1028 फेल खत्म खत्म
यूपी32बीजी 8148 सही सही खत्म
यूपी30जी0158 फेल खत्म खत्म
यूपी41जी1890 फेल सही खत्म

परिवहन विभाग की साइट पर इन दस्तावेजों की जांच की
- फिटनेस
- पॉल्यूशन
- इंश्योरेंस
- टैक्स

कागजात पूरे न होने पर यह होती है कार्रवाई
- पहले एंबुलेंस का चालान किया जाता है
- सीज की जाती है एंबुलेंस
- रजिस्ट्रेशन भी रद कर दिया जाता है


रिटायरमेंट की दहलीज पर एंबुलेंस
सूत्रों की मानें तो शहर की रोड पर दौड़ रहीं सैकड़ों एंबुलेंस अपनी एज पूरी कर चुकी हैं। बावजूद इसके यह रोड पर बेरोक टोक चल रही हैं। कुछ की हालत तो कभी जर्जर है। इसके बाद भी अधिकारियों की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में यह बड़े को अंजाम दे सकती हैं।


रफली ड्राइविंग भी बनी परेशानी
कई एंबुलेंस चालक वाहन को रफली चलाते हैं। इससे कई बार हादसे भी हो चुके हैं। हादसे होने के बाद जिम्मेदार कुछ दिन तो एक्टिव रहते हैं फिर धीरे-धीरे ढुलमुल रवैया अपना लेते हैं। कई एंबुलेंस ड्राइवर के पास लाइसेंस तक नहीं होता है।


शासन द्वारा एंबुलेंस के फिटनेस और दस्तावेजों को अप-टू-डेट रखने के लिए अभियान चलाया जाता है। मंडलीय हॉस्पिटल की जिन एंबुलेंस की फिटनेस फेल हो चुकी हैै। इन्हें तत्काल बनवा लिया जाएगा।
डॉ। प्रसन्न कुमार, एसआईसी, मंडलीय हॉस्पिटल, कबीरचौरा

शहर के जिन भी प्राइवेट हॉस्पिटल की एंबुलेंस के दस्तावेज कंप्लीट नहीं हैं, उनके नोटिस जारी कर जल्द दस्तावेज कंप्लीट करने की निर्देश दिये जाएंगे। इसके बावजूद अगर दस्तावेज अधूरे मिले तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-संदीप चौधरी, सीएमओ, वाराणसी

कमोबेश हर जगह एंबुलेंस टैक्स फ्री होती है। इसमें भी जब फिटनेस नहीं होता है तब पेनाल्टी लगाकर कार्रवाई की जाती है। एंबुलेंस चालकों को कई मानकों का पालन करना होता है। कई ऐसा नहीं करता है तो सख्त कार्रवाई का प्रावधान है।
वाराणसी (ब्यूरो)।