वाराणसी (ब्यूरो)शहर का बिजली विभाग अपनी छवि को सुधारने और साख को बचाने के लिए लाख प्रयास कर ले लेकिन उसके सारे प्रयास धरातल पर आते ही धराशाई हो जाते हंैबिजली विभाग के डिस्काम कार्यालय से अनुमति मिलने के बावजूद सर्किल प्रथम के अधिकारी और कर्मचारी ट्रांसफार्मर अपग्रेडेशन कार्य को अमलीजामा नहीं पहना पा रहे हैंकारण यह है कि जुलाई 2021 से कई बार टेंडर की प्रक्रिया को निरस्त किया जा चुका हैइसकी वजह से शहर के ट्रांसफार्मर का अपग्रेडेशन और लटकते हुए तारों से आजादी दिलाने का सपना अधूरा ही दिखाई दे रहा हैसूत्रों के हवाले से यह भी बताया जा रहा है कि अभी दो से तीन महीनों के बीच तक कोई संभावना नहीं है कि टेंडर की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाये.

तीन माह से लटका टेंडर

शासन द्वारा आदेश मिला था कि सर्दी के महीने में बिजली विभाग पर लोड कम हो जाता है जिसे देखते हुए सर्दी के ही महीने में ट्रांसफार्मर को अपडेट कर दिया जाए, लेकिन अभी तक विभाग टेंडर भी फाइनल नहीं कर पाया हैयह भी बताया जा रहा है कि एक बार टेंडर को फाइनल भी कर लिया गया था, लेकिन अधीक्षण अभियंता सर्किल प्रथम के द्वारा टेंडर को निरस्त कर दिया गया.

280 ट्रांसफार्मर का होना था अपग्रेडेशन

सर्किल प्रथम द्वारा टेंडर के माध्यम से सेलेक्टेड कंपनी द्वारा 280 ट्रांसफार्मर का अपग्रेडेशन करवाना थाबताया जा रहा था कि सर्किल प्रथम के एरिया में लंका से लेकर रामनगर होते हुए रमना प्लांट से डाफी होकर सुंदरपुर से मंडुआडीह, लहरतारा, कमच्छा, रथयात्रा का एरिया आता हैइस एरिया में ज्यादा संख्या में आफिस, होटल और सरकारी कार्यालय होने के कारण लोड ज्यादा होता हैइस कारण आये दिन समस्या होती थी, जिसकी एवज में कार्य के अनुसार चीजों और सिस्टम को दुरुस्त करवाना था.

एक माह के निकालना था टेंडर

प्रशासन द्वारा आदेश मिला था कि एक माह के अंदर टेंडर निकालकर कंपनी और ठेकेदार को फाइनल करते हुए शीत का मौसम खत्म होते हुए कार्य करवा लेना हैवहीं पर विभाग द्वारा सितंबर माह में टेंडर को निकालकर फिर से दो माह तक के लिए रोक दिया गयायहां तक प्रथम चरण में सेलेक्ट हुई कंपनियों को रिजेक्ट करते हुए टेंडर को रोक दिया गयाइसके बाद नवंबर माह में फिर से निविदा निकाली गई और फर्म कंपनी के अभाव में अभी तक टेंडर को रोक करके रखते हुए कार्य को देरी के मोड में रख दिया गया है.

रुका बांस-बल्ली दूर करने का अभियान

मंत्री रविन्द्र जायसवाल की पहल पर शहर के बिजली विभाग को खंभों की जगह लगे बांस-बल्ली को दूर करने का अभियान चलाना था जिसके तहत सर्किल प्रथम को भी कार्य करवाना थावह भी इसी टेंडर की प्रक्रिया के तहत करवाया जाना था, पंरतु अभी तक फर्म का फाइनल नहीं होने के कारण सर्किल प्रथम का यह दावा भी हवाहवाई दिखाई दे रहा है.

विभाग को टेंडर को पास करने और निरस्त करने का पूर्ण अधिकार हैसही फर्म नहीं मिलने के कारण ऐसा किया जा रहा हैइसकी सारी जानकारी विभाग के वेबसाइट पर देखी जा सकती है.

अनूप कुमार सक्सेना, अधीक्षण अभियंता, सर्किल प्रथम

कार्य को देरी से अपने चहेतो से करवाने के लिए विभाग के द्वारा ऐसा प्रयास किया जा रहा हैजो कंपनियां सेलेक्ट भी हुई थीं उन्हें भी रिजेक्ट कर दिया गया हैशिकायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से की गई हैजांच आवश्यक है.

चंचल कुमार मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष, बिजली कर्मचारी कल्याण सेवा संस्था