वाराणसी (ब्यूरो)। स्पेशल टास्क फोर्स की स्थानीय इकाई ने सेना, रेलवे सहित विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपये की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के ठग को मंगलवार की रात बिहार के पटना से गिरफ्तार किया है। उसकी पहचान बिहार के जमुई के लक्खापुर निवासी आलोक उर्फ विजय कुमार के रूप में हुई है। आवश्यक कार्रवाई के बाद बुधवार को उसे सिगरा थाने की पुलिस के हवाले कर दिया गया। बता दें कि इससे पहले रविवार को इसी गिरोह के तीन जालसाजों को एटीएफ ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आलोक इस गिरोह के सरगना अजीत प्रताप ङ्क्षसह उर्फ अमन ङ्क्षसह का मुख्य सहयोगी है। उसके पास से एक मोबाइल फोन व नौ सौ रुपये बरामद किए गए।
आठ लोगों से 41 लाख रुपये ठगे
एसटीएफ की स्थानीय इकाई के एएसपी विनोद कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि यह गिरोह साल 2007 से नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा है। साल 2019 में बनारस के आठ लोगों से नौकरी दिलाने के नाम पर इस गिरोह ने 41 लाख रुपये ऐंठ लिए थे। भुक्तभोगियों ने सिगरा थाने में इस बाबत धोखाधड़ी, जालसाजी, कूट रचना समेत विभिन्न आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरोह यहां से अपना ठिकाना बदलकर भुवनेश्वर व हैदराबाद में आफिस खोल कर दक्षिण भारत के बेरोजगारों से नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाजी कर रहा था.
मिलिट्री इंटेलीजेंस से मिले इनपुट
मिलिट्री इंटेलीजेंस से मिले इनपुट के आधार पर 20 फरवरी को गिरोह के सरगना अजीत प्रताप ङ्क्षसह उर्फ अमत समेत तीन आरोपितों को सिगरा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। जांच के क्रम में पता चला कि गिरोह का सदस्य पटना के रामकृष्ण नगर थाना की आदर्श कालोनी रोड नं। एक में मौजूद है। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर अनिल कुमार ङ्क्षसह के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम ने छापेमारी कर आलोक को दबोच लिया.