चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में बने हज हाउस में सजी दुकानों पर मिल रहा है हर जरुरत का सामान, इबादती किताबों के भी सजे हैं स्टॉल

मुकद्दस हज का सफर शुरू हो चुका है। एक सितंबर से हर रोज तीन सौ लोगों को लेकर विमान बाबतपुर एयरपोर्ट से मदीने की उड़ान भर रहा है। जायरीनों को विदायी देने के लिए चौकाघाट स्थित हज हाउस में उनके परिजनों की भीड़ उमड़ रही है। वहां का पूरा माहौल मेले जैसा हो गया है। विदायी देने के लिए लोगों का पूरा परिवार ही हज हाउस में उमड़ रहा है।

स्टॉल्स पर है जरूरत का सामान

हज हाउस में जायरीनों के लिए हर सुविधा मुहैय्या कराने का इंतजाम है। यहां पर लगे क्म् से अधिक स्टॉल्स पर हज पर जाने वालों के जरुरत का हर सामान उपलब्ध है। इबादत से जुड़ी चीजों के भी स्टॉल लगे हैं। इबादती किताबों की दुकानें भी सजी हैं जहां लोगों की खासी भीड़ एकत्र हो रही है। जायरीनों के लिए लेदर बैग, शीशा, ताला, हाथ के पंखे आदि भी उपलब्ध हैं। हज यात्रियों के लिए जरूरी एहराम (बिना सिला हुआ एक खास पहनावा) भी यहां मिल रहा है। अलग अलग रेट के एहराम की क्वालिटी अलग अलग है। इस एहराम के बिना कोई भी हज की यात्रा नहीं कर सकता। मक्का शरीफ से तकरीबन 9ख् किलोमीटर पहले यलयलम में इस एहराम के बगैर एंट्री ही नहीं है। पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग अलग एहराम है।

जायरीनों का तीसरा जत्था भी रवाना

हज की यात्रा पर बुधवार को बनारस एयरपोर्ट से तीसरा जत्था मदीने की ओर रवाना हुआ। तीन सौ जायरीनों को लेकर विमान ने बाबतपुर से भ्.क्7 बजे शाम को उड़ान भरी। पूर्वाचल हज सेवा समिति के सेक्रेटरी डॉ अमीन ने बताया कि तीसरे जत्थे में क्म्0 पुरुष व क्ब्0 महिला हजयात्री शामिल हैं। चौकाघाट स्थित अस्थाई हज हाउस से हज यात्रियों को छह बसों के जरिये बाबतपुर एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया। हज यात्रियों को विदा करने के लिए बड़ी संख्या में परिजन भी पहुंचे।