- प्रदेश स्तर की रैंकिंग में वाराणसी पहुंचा 61वें से 50वें पायदान पर

मार्च महीने की रैंकिंग हुई है जारी, कुशीनगर जिला है टॉप पर

पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में विकास को गति देने के लिए आईएएस अफसरों को फौज लगाई गई है। पीएमओ की नजर रहती है। विकास परियोजनाओं का जायजा लेने के लिए सीएम योगी आदित्यानाथ भी समय-समय पर आते हैं। बावजूद इसके वाराणसी में विकास की गाड़ी सरपट दौड़ नहीं पा रही है। स्मार्ट सिटी योजना समेत समस्य विकास कार्यो की गुणवत्ता भी बहुत अच्छी नहीं है। जुलाई में कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की ओर से मार्च माह की जारी रैंकिंग में यह खुलासा हुआ है। वाराणसी के अलावा लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर व आगरा की स्थिति भी रैंकिंग अच्छी नहीं है। अभी कुछ दिन पहले शहर उत्तरी विधायक एवं राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल ने स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्यो की स्थलीय समीक्षा की थी। मैटेरियल खराब मिला था। उन्होंने शिकायत लखनऊ जाकर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ की थी।

पूरी दुनिया की रहती है नजर

वाराणसी के विकास पर देश-दुनिया की नजर है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान हजारों की संख्या में एनआरआई वाराणसी आए थे। वाराणसी भ्रमण के दौरान सभी ने शहर में हुए विकास कार्यो की तारीफ की थी। पर्यटन नगरी होने के नाते ही बड़ी संख्या में टूरिस्ट वाराणसी आते हैं, लेकिन मार्च की रैंकिंग में बनारस को टॉप-10 में दूर टॉप-25 में जगह नहीं मिली। हालांकि जनवरी की अपेक्षा मार्च में कुछ प्रगति हुई है। जनवरी में 61वीं थी, जबकि मार्च में कुछ सुधार के साथ 50वीं रैंकिंग आयी है।

कुशीनगर अव्वल

लॉकडाउन की वजह से रुकी हुई रैंकिंग को कार्यान्वयन विभाग ने जुलाई में मार्च माह के आधार पर जारी किया है। इसके पूर्व जनवरी की रैंकिंग फरवरी में की गई थी। मार्च की रैंकिंग में 97.67 फीसद अंक लेकर कुशीनगर अव्वल है। कुशीनगर ने जिले में संचालित 120 कार्यक्रमों में से 117 में 'ए' ग्रेड हासिल किया है। वहीं, वाराणसी ने 540 में 81.41 फीसद अंक प्राप्त कर प्रदेश में 50वां स्थान प्राप्त किया है। जिले में संचालित 119 कार्यक्रमों में 91 में ए ग्रेड, 11 में बी, चार में सी और 13 में डी ग्रेड मिला है। जिला फरवरी में 61वें स्थान पर था।

1200 करोड़ की मिली थी सौगात

पीएम नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल से लेकर अब तक बनारस के विकास पर धन की बरसात हुई है, लेकिन मशीनरी की सुस्ती की वजह से वो फलक नहीं मिला जो उम्मीद की जा रही थी। पीएम की ओर से अभी बीते फरवरी माह में ही जिले को करीब 1200 करोड़ की सौगात मिली। इसमें करीब एक हजार करोड़ की बिजली, सड़क, पेयजल, स्वास्थ्य, पानी, उद्यान, फ्लाईओवर की योजनाओं को प्रधानमंत्री ने जनता को समíपत किया। इसी तरह 200 करोड़ की 14 योजनाओं का शिलान्यास भी किया। जिन पर अभी कार्य शुरू ही नहीं हुआ है। कई पुरानी परियोजनाएं अभी मूर्त रूप नहीं ले सकीं हैं। वाराणसी को पिछले पांच साल में रिंग रोड, बाबतपुर, आजमगढ़ व गाजीपुर फोरलेन के लिए हजारों करोड़ रुपये मिले हैं। रोड की इन योजनाओं का कार्य अभी प्रगति पर है। यदि इन योजनाओं ने आकार ले लिया तो एक नया बनारस देखने को मिलेगा।