-फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य किसी मैसेंजर पर किसी भी परिचित द्वारा रूपये की मांग किये जाने पर बिना फोन काल कन्फर्म किये रूपये न भेजें

- पुलिस आयुक्त ए। सतीश गणेश ने साइबर क्राइम को रोकने के लिए शुरू की अनूठी पहल

-जानकारी ही बचाव के तहत कमिश्नरेट पुलिस लोगों को करेगी जागरूक

कोविड जैसी आपदा को अवसर समझकर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए ठगों ने अब डिजिटल प्लेटफॉर्म का सहारा लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते जरूरतमंदों को आíथक हानि पहुंच रही है। इससे जनता को जागरूक कर घटनाओं को रोके जाने के लिए पुलिस आयुक्त ए। सतीश गणेश ने लोगों को जागरूक करने के लिए एक पहल शुरू की है। उनके नेतृत्व में एक अनूठी पहल जानकारी ही बचाव प्रारम्भ किया गया है। इस पहल के पहले दिन शुक्रवार को पम्पलेट व ई फॉर्म जारी कर पब्लिक को जागरूक करने का प्रयास किया गया। जिसका मकसद डिजिटल स्पेस और डिजीटल फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके।

इन बातों का रखें ध्यान

पुलिस आयुक्त ए। सतीश गणेश ने पब्लिक से अपील की है कि कोई भी ऑनलाइन खरीददारी/ट्रांजेक्शन करते समय इन बातों का पूरा ध्यान रखें।

-आनलाइन खरीदारी करते समय अपने पिन नम्बर एवं ओटीपी की जानकारी किसी को न दें और सावधानीपूर्वक इसका इस्तेमाल करें।

-आनलाइन खरीदारी के लिये अग्रिम भुगतान करने से पहले विक्रेता का नाम व जीएसटी सहित अन्य नम्बर की अवश्य जानकारी प्राप्त करें। इसके बाद ही भुगतान करें।

-सरकारी पोर्टल पर जीएसटी को सत्यापित करें (वैध होना चाहिए और व्यावसायिक नाम के साथ मेल खाना चाहिए)।

- ऑनलाइन खरीदारी अपने स्वयं के मोबाइल/कम्प्यूटर/लैपटाप से ही करें।

- आरबीआई की गाईडलाइन के अनुसार किसी बैंक, संस्था द्वारा काल कर आपसे कार्ड नम्बर, सीवीवी पिन आदि के सम्बन्ध में नहीं पूछा जा सकता है, ऐसे फोन कॉल करने वालों से हमेशा सावधान रहें।

-यदि आपको कोई फोन करके यह बताए कि वह किसी बैंक या आरबीआई से बोल रहा है और आपसे कहे कि आपका एटीएम कार्ड या आपका खाता ब्लॉक हो गया है तो सावधान हो जाइए। वह आपसे आपका कार्ड नम्बर, पिन नम्बर इत्यादि जानकारी लेकर तुरन्त आपके खाते से रूपये निकाल लेगा।

-किसी भी अनजान व्यक्ति के हाथों में अपना एटीएम कार्ड न दें।

-आपके साथ कोई फ्राड हो जाये तो उसकी जानकारी तत्काल नजदीकी पुलिस स्टेशन पर दें।

-कोविड के नाम पर मददगार बनकर धोखा देने वालों से सावधान

- फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य किसी मैसेंजर पर किसी भी परिचित या मित्र द्वारा रूपये की मांग किये जाने पर बिना फोन काल कंफर्म किये रूपये न भेजें।

- ईएमआई में छूट देने के नाम ठगी।

-प्रधानमन्त्री केयर फण्ड के नाम पर ठगी।

-केवाईसी के नाम पर एसएमएस भेजकर ठगी।

- प्रोमोकार्ड, रिवार्ड प्वाइंट रीडीम के नाम पर ठगी।

- फर्जी हेल्प लाईन नम्बर के नाम पर ठगी।

-रोजमर्रा के सामानों की आनलाईन डिलीवरी के नाम पर ठगी।

-फ्री इन्टरनेट, रिर्चाज, आनलाइन मूवी चैनल पर पंजीकरण के नाम पर ठगी।

-सरकारी योजनाओं में सब्सिडी के नाम पर।

- वाहन पास के नाम पर ठगी।

- मेडिकल एक्सपर्ट की जानकारी देने के नाम पर ठगी।

- साइबर ठग रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक छोटी राशि जमा कराने का लालच देकर आपसे आपके बैंक डिटेल्स प्राप्त कर सकता है।

कोविड महामारी में कुछ लोग जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं, लेकिन वहीं ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले भी इसे अपना प्रमुख हथियार बना चुके हैं। ऐसे में जरूरतमंदों के पास कॉल या मैसेज कर मदद के नाम पर ठगी करने का प्रयास किया जा रहा है। बनारस की जनता को इससे बचने की आवश्यकता है और यह जागरूकता से ही सम्भव है। इसके लिए कुछ एडवाइजरी जारी की गई है अगर किसी के साथ ठगी होती है तो तत्काल स्थानीय थाने में जाकर संपर्क करें, उनकी समस्याएं सुनकर मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यदि कोई भी प्रभारी निरीक्षक मुकदमा दर्ज नहीं करता है तो इसकी जानकारी उन से ऊपर के अधिकारियों को दें। साइबर क्राइम को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।

ए। सतीश गणेश

पुलिस आयुक्त

वाराणसी कमिश्नरेट