वाराणसी (ब्यूरो)। अंतरिक्ष में जीवन की तलाश शुरू की गई है। बीएचयू के खगोल विज्ञानियों ने स्पेक्ट्रोस्कोपी माडल विकसित किया है, इसके माध्यम से तीन-पाइरोलाइन नामक अणु की पहचान की जाएगी। इस अणु में कार्बन, हाइड्रोजन और नाइट्रोजन की मौजूदगी होती है। विज्ञानियों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष में यह अणु मिल गए तो बड़े अणुओं की पहचान की तरफ बढ़ा जा सकता है। पृथ्वी में जीवित प्राणी के निर्माण में इन अणुओं की खास भूमिका होती है। ब्रह्मांड में जीवन के बीज बोने वाले अणु अंतरिक्ष में बिखरे हुए हैं, इसने अंतरिक्ष में अणुओं की खोज को और भी रोमांचक बना दिया है।
विज्ञानियों ने बताया कि यह अणु धूल के कणों पर विनाइल साइनाइड से बनता है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप जैसे स्पेस आधारित टेलीस्कोप की मदद से अणु के सबसे मजबूत इन्फ्रारेड संकेतों को देखा जा सकेगा। शोध को धरातल देने के लिए बीएचयू की शोध छात्रा अंशिका पांडेय ने यूनिवर्सिटी आफ वर्जीनिया, अमेरिका में काम शुरू किया है। शोध में भौतिकी विभाग के प्रो। अमित पाठक, डा। अल्केंद्र ङ्क्षसह और शोधार्थी सत्यम श्रीवास्तव ने भी अहम भूमिका निभाई है। अनुसंधान केंद्र नासा के विज्ञानी डा। एकांत वत्स भी सहयोगी हैं।
प्रो। अमित ने बताया कि अध्ययन का उद्देश्य अंतरिक्ष में उन रहस्यमय अणुओं का अध्ययन करना है, जो जीवन की उत्पत्ति के लिए आवश्यक तत्व हो सकते हैं। उच्च प्रेसिजन सैद्धांतिक स्पेक्ट्रोस्कोपी और कंप्यूटर माडङ्क्षलग का उपयोग करके इन अणुओं की पहचान और उनके निर्माण के संभावित रास्तों का विश्लेषण किया जा सकता है। जीवन के बीजों की संभावनाओं को बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा। हाल ही में अंतरिक्ष में खास तरह के एरोमैटिक्स योगिक की खोज की गई है। उल्का ङ्क्षपडों और अन्य अंतरिक्षीय ङ्क्षपडों में इनकी उपस्थिति ने संकेत दिया है कि ये यौगिक ब्रह्मांड में कहीं न कहीं मौजूद हैं। 3-पाइरोलाइन का घूर्णीय संक्रमण ठंडे अंतरिक्षीय क्षेत्रों में पता लगाने के लिए संभावित उपकरण हो सकता है। यह शोध विश्व के ख्यात जर्नल मंथली नोटिस आफ द रायल एस्ट्रोनामिकल सोसाइटी ने प्रकाशित किया है। बीएचयू, भारतीय विज्ञान संस्थान, विज्ञान और इंजीनियङ्क्षरग अनुसंधान बोर्ड और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की तरफ से वित्तीय सहायता मिली है।
आईआईटी बीएचयू का नवाचार दिवस, 51 संकाय सदस्य पेटेंट मिलने पर सम्मानित
वाराणसी : आइआइटी बीएचयू की तरफ से गुरुवार को स्वतंत्रता भवन में आयोजित अनुसंधान और नवाचार दिवस पर एक वर्ष में पेटेंट प्राप्त करने वाले 51 संकाय सदस्यों को सम्मानित किया गया। एसोसिएट डीन (आर एंड डी) प्रो। संतोष कुमार ङ्क्षसह ने विशिष्ट शोधकर्ताओं के नामों की घोषणा की। कार्यक्रम में निदेशक प्रो। अमित पात्रा, पूर्व निदेशक प्रो। राजीव संगल, प्रो। विद्याशंकर एम और प्रो। विकास कुमार दुबे ने संकाय सदस्यों को सम्मानित किया। निदेशक ने संस्थान के मिशन को आगे बढ़ाने में अनुसंधान और नवाचार के महत्व पर जोर दिया। देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ।