वाराणसी (ब्यूरो)। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव इस बार काशी में 26 अगस्त को मनाया जाएगा। वहीं, 27 अगस्त को यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को कई खास थीम पर सजाया जाएगा, जिसकी झलक आपको इस्कॉन मंदिर, त्रिदेव मंदिर और तुलसी मानस मंदिर समेत काशी के कृष्ण मंदिरों में दिखेगी। सिर्फ मंदिरों में ही नहीं बल्कि घर-घर में झांकी सजाई जाएगी और विधि-विधान से श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना की जाएगी। मंदिरों को भव्यता के साथ सजाया जाएगा और लाइटिंग लगाई जाएगी। वहीं मंदिर में सजाई गई सभी मूर्तियां इलेक्ट्रिक हैं। आइये आपको बताते हैं कि मंदिरों को किस थीम पर सजाया जाएगा।
रंग बिरंगी फूलों व रंगीन बल्बों से सजाया जाएगा इस्कॉन मंदिर
जन्माष्टमी पर शहर के इस्कॉन मंदिर व गौड़ीय मठ में मुख्य आयोजन होगा। इसके अलावा अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारी है। इस्कॉन मंदिर में तैयारी जोर-शोर से चल रही है। 26 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनेगी। 27 को नंद उत्सव व इस्कॉन संस्थापक आचार्य प्रभुपाद की जयंती मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण जन्मलीला पर कई झांकियां बनी हैं। पंडाल का काम लगभग अंतिम चरण में है। पंडाल रंग बिरंगी फूलों व रंगीन बल्बों से सजाया जाएगा। 26 अगस्त की सुबह 4.30 बजे मंगल आरती, 7.30 बजे दर्शन आरती व गुरु पूजा, आठ बजे कृष्ण कथा, 12.30 बजे राज भोग और आरती होगी। शाम सात बजे गौर आरती व रात 10 बजे बजे महाअभिषेक के साथ 56 भोग लगेगा और महाआरती होगी। रात 12 बजे मटकी फोड़ व पटाखे फोड़े जाएंगे। सभी दर्शनार्थी को 18 दिन का श्रीमद्भगवद गीता सर्टिफिकेट कोर्स के लिए रजिस्टर किया जाएगा। जन्मोत्सव पालन के बाद भंडारा का आयोजन है।
बनाई गई हिम शिवलिंग
त्रिदेव मंदिर में वृंदावन के मोहक फूल बंगले के बीच विशाल झील में फुहारों के बीच राधा-कृष्ण के जल विहार की झांकी सजाई गई है। हिम शिवलिंग के साथ फूलों से बने झूले पर राधाकृष्ण की झांकी निहारने के लिए भक्तों का रेला उमड़ रहा है। राणी सती के अलावा सालासर हनुमान और खाटू वाले श्याम प्रभु के श्रृंगार के दर्शन के साथ त्रिदेवों को छप्पन भोग अर्पित किया गया। इसके बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण हुआ। कोलकाता से आए कुशल मालियों ने तरह-तरह के फूलों चमेली जूही हरी पत्तियां व पान के पत्तों से मंदिर परिसर को सजाया है। कामिनी की पत्ती, रजनीगंधा, आरकीड गुलाब की पंखुडिय़ों से बनी गुफा देखने के लिए भक्तों की भीड़ शुक्रवार को भी लगी रही। मंदिर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। 60 फीट चौड़ी झील में फुहारों के बीच रंग-बिरंगे झूले पर राधा कृष्ण की जलविहार की झांकी हर किसी के लिए आकर्षक का केंद्र बनी रही। मंदिर परिसर में चारों तरफ हरियाली के बीच फुहारों व झरनों के नीचे 12 ज्योतिर्लिंग विराजमान थे।
सजी छात्रावासों में झांकी
महामना की बगिया बीएचयू में शुक्रवार को जन्माष्टमी की रौनक नजर आई। छात्रावासों में कृष्ण की बाललीला से लेकर कृष्ण की रासलीला के मनमोहक दृश्य सजाए गए हैैं, जिसे देखने के लिए देर रात तक लोग आते रहे। छात्र-छात्राओं द्वारा द्वारा पूरे उत्साह से नंदलाला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
तुलसी मानस मंदिर का भव्य नजारा
तुलसी मानस मंदिर में हर बार की तरह इस बार भी भव्य झांकी सजाई गई है। इस बार शिव विवाह को दिखाया गया है। वहीं, दत्त यज्ञ करते हुए दिखाए गए हंै। बाल लीला करते कृष्ण दिखाई दे रहे हैं। कृष्ण जन्म के अलावा रावण जटायू युद्ध, बाली सुग्रीव युद्ध समेत दही मंथन को भी दिखाया गया है। दही मंथन में भगवान कृष्ण दही चोरी करते हुए पकड़े जाते हैं जिस पर सजा के रूप में माता यशोदा उन्हें ओखली से बांध देती हंै। झांकी में मीरा को भी दिखाया गया है, जो कि कृष्ण भजन करती हुई दिख रही हंै। ये झांकी एक महीने तक सजी रहेंगी, जिसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ जुटने लगी है।