-आरटीई के तहत 250 रुपये फीस के बदले ले लिया 450 रुपये

-प्राइवेट स्कूल की अनियमितता पर बीएसए की वार्निग, जवाब न देने पर जाएगी मान्यता

शासन ने आरटीई के लिए 250 रुपये फीस निर्धारित किया है, लेकिन कई स्कूल्स ने प्रतिपूर्ति के नाम पर 450 रुपये ले लिया। जिसमें जिले के 21 प्राइवेट स्कूल शामिल हैं। यह मामला सामने आते ही बीएसए ने उनके मैनेजमेंट को नोटिस पकड़ा दिया है। उनसे सात दिन के अंदर जवाब मांगा गया है, न देने पर स्कूल की मान्यता समाप्त कर देने की चेतावनी भी दी गई है। दरअसल, निशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार-2009 के तहत प्राइवेट स्कूल्स में प्री-नर्सरी व कक्षा-एक में सीट के सापेक्ष 25 परसेंट मुफ्त दाखिला गरीब बच्चों के लिए निर्धारित है। शासन विद्यालयों को प्रति छात्र अधिकतम 450 रुपये की मासिक दर से शुल्क प्रतिपूर्ति भी देता है। वहीं कई विद्यालयों की फीस प्रतिमाह 150 से लेकर 250 रुपये है। इसके बावजूद इन विद्यालयों ने 450 रुपये प्रतिमाह की दर से शुल्क प्रतिपूर्ति की डिमांड शासन को भेज दी। डिमांड के आधार पर शासन ने इन विद्यालयों के खाते में 450 रुपये प्रतिमाह की दर से शुल्क प्रतिपूर्ति स्थानांतरित कर दी।

शिकायत पर हुई जांच

फीस से अधिक रिम्बर्समेंट लेने की शिकायत मिलने पर पिछले दिनों एडी बेसिक प्रवीण कुमार उपाध्याय ने इस प्रकरण की जांच का आदेश दिया। जांच में आरोप सही पाया गया। एडी-बेसिक के निर्देश पर बीएसए राकेश सिंह ने ऐसे विद्यालयों से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण न देने पर मान्यता समाप्त करने की चेतावनी भी दी है। दूसरी ओर उन्होंने सभी विद्यालयों से आरटीई के पोर्टल पर फीस का विवरण भी अपलोड करने का निर्देश दिया है।

दोगुना राशि जमा करें स्कूल

एडी बेसिक ने जिले के ऐसे 21 प्राइवेट स्कूल्स से शुल्क प्रतिपूर्ति की दोगुनी राशि जमा कराने का निर्देश बीएसए को दिया है। उन्होंने बताया कि यह घोर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। ऐसे में शुल्क प्रतिपूर्ति की दोगुनी राशि जमा न करने पर मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाय।