वाराणसी (ब्यूरो) बलिया छपरा रेलखंड पर शनिवार सुबह बांसडीहरोड स्टेशन पर डाउन-१५०८४ उत्सर्ग एक्सप्रेस के इंजन के पेंटो (पेंटोग्राफ) में फंसकर एक युवक जिंदा जल गया। मौके पर पहुंचे यांत्रिक इंजीनियर ने किसी तरह शव को बाहर निकाला। इस दौरान तीन घंटे तक ट्रेन खड़ी रही। इससे यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। देर शाम तक शव की शिनाख्त नहीं हो सकी थी। युवक बोगी के ऊपर कब और कैसे चढ़ा, इसकी जानकारी नहीं हो सकी।

डाउन उत्सर्ग एक्सप्रेस सुबह छह बजकर ५१ मिनट पर बलिया से छपरा के लिए रवाना हुई थी। इमृतपाली से लेकर आमघाट तक ट्रेनों का परिचालन काशन पर किया जा रहा है। ट्रेन रघुनाथपुर गांव के पास पहुंची तो रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे एक कर्मचारी ने बोगी के ऊपर एक युवक को बैठे देखा। इसके बाद उसने उसे आवाज लगाई, लेकिन गाड़ी आगे बढ़ गई। इसके बाद कर्मचारी ने स्थानीय रेलवे क्रासिंग पर तैनात गेटमैन को इसकी सूचना दी। गेटमैन ने इसकी जानकारी बांसडीह रेलवे स्टेशन मास्टर को दी। सूचना मिलते ही स्टेशन मास्टर ने सक्रियता दिखाते हुए ट्रेन को स्टेशन पर रोक दिया। यात्रियों के अनुसार गाड़ी रुकने के बाद स्टेशन मास्टर व ड्राइवर-गार्ड और अन्य कर्मी ऊपर बैठे युवक को नीचे उतारने के लिए आवाज लगाने लगे, लेकिन वह नीचे उतरने के बजाय इंजन की ओर भागने लगा। इंजन के पास पहुंचते ही पेंटो में प्रवाहित २५ हजार वोल्ट की विद्युत तार की चपेट में आ गया और वह जिंदा जल गया। घटना के बाद स्टेशन मास्टर ने कंट्रोल व यांत्रिकी विभाग को इसकी सूचना दी। मौके पर यांत्रिक यान लेकर बलिया से पंहुचे यांत्रिक विभाग के कर्मचारियों ने ट्रेन के ऊपर चढ़कर युवक के शव को पेंटो से बाहर निकाला। जीआरपी ने शव का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।

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तीन घंटे विलंब से रवाना हुई उत्सर्ग एक्सप्रेस

पेंटो में शव फंसने से विद्युत संयोजन में खराबी आ गई। विद्युत व यांत्रिक विभाग के कर्मियों द्वारा खराबी को ठीक किया गया। इसके पश्चात ओवरहेड इक्विपमेंट्स के सुधार के लिए टीआरडी (ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूटर) को मौके पर बुलाया गया। खराबी में सुधार की गुणवत्ता प्रमाणित करने के बाद कंट्रोल रूम द्वारा ट्रेन को आगे जाने की अनुमति दी गयी। इस दौरान ट्रेन लगभग तीन घंटे तक बांसडीहरोड रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही।