वाराणसी (ब्यूरो)मऊ : बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को हत्या का डर सता रहा है। यही वजह है कि वह लगातार न्यायालय के समक्ष अपने जान-माल के सुरक्षा की गुहार लगा रहा है। बुधवार को एमपी-एमएलए की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी की अदालत में अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया। पत्र के माध्यम से कहा गया है कि उसको साजिश के तहत मेडिकल कालेज से फिर बांदा कारागार में भर्ती कराया गया है। ताकि उसकी हत्या की जा सके।

दक्षिणटोला थाना के शस्त्र लाइसेंस के मामले में एमपी-एमएलए की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी की अदालत में पिछले २० मार्च को वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान मुख़्तार अंसारी ने अदालत से जान का खतरा बताया था। इसके बाद उनके अधिवक्ता ने २१ मार्च को अदालत में आवेदन पत्र देकर सरकार व जेल प्रशासन सहित अन्य राजनीतिक लोगों पर षड़यंत्र कर जान से मारने व बीते १९ मार्च को जहर देने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई की गुहार लगाई थी। इस आवेदन पर अदालत ने बांदा जेल से २७ मार्च के लिए रिपोर्ट तलब की थी। किन्तु जेल प्रशासन से इस आवेदन पर कोई आख्या नहीं आई। मुख़्तार अंसारी के अधिवक्ता ने बुधवार को पुनः एक आवेदन दिया कि जेल प्रशासन द्वारा बंदी मुख़्तार को बांदा मेडिकल कालेज में भर्ती किया गया, फिर दूसरे दिन निकाल कर वापस जेल में डाल दिया गया है। उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए समुचित चिकित्सा उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है। मुख़्तार अंसारी की तरफ से कहा गया कि पिछली दरखास्त पर कोई आख्या नहीं आयी है और आरोपित की तबीयत खराब है। उसे साजिश के तहत अस्पताल से पुनः जेल भेजा गया ताकि उसकी हत्या की जा सके। बंदी की तरफ से विधिक कार्रवाई का आग्रह किया गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बंदी की तरफ से आवेदन पर सुनवाई कर आदेश सुरक्षित रख लिया है।