वाराणसी (ब्यूरो)। चंदौली बरहनी निरंतर बहने वाली कर्मनाशा नदी की धारा गर्मी में रुक गई हैकुछ जगहों पर धारा रुकने के समान हो गया और पानी इतना कम हो गया है कि कुछ जगह रुक भी गया हैजिससे जंगली जीवों, पशु पक्षियों को पानी पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि इस भीषण गर्मी में नदी के पानी से ही पशुओं व जंगली जानवर हिरण, नीलगाय, बंदर, पक्षियों आदि की प्यास बुझती हैअब वह भी सूखने लगी हैयही नही कर्मनाशा नदी में लगे दस लिफ्ट कैनाल भी पानी छोड़ दिए हैपानी के अभाव में किसानों की सब्जी की खेती भी सूखने की कगार पर आ गई है, जिससे सभी परेशान हैं.

सबकी प्यास बुझाती कर्मनाशा

मई माह के प्रथम सप्ताह में गर्मी व धूप अपना एहसास कराने लगी हैमानव हो या पशु, पक्षी हर शख्स के गले सूखने लगे हैंसबसे बुरा हाल पशु-पक्षियों का हैपानी के लिए दर-दर भटकते हैं, क्योंकि मैदानी भागों व गांवों के अधिकांश तालाब तो अप्रैल माह में ही सूख गए हैंऐसे में छोटी नदियों में निरंतर बहने वाली कर्मनाशा नदी सभी की प्यास बुझाती थी.

सूखने की कगार पर खेती

मई व जून माह में भी इसकी पानी की धारा नहीं रुकती थीआज उसकी भी धारा करौती के पास, अदसड़ के टीकरीं घाट, कुआ घाट व धनाइतपुर पोखरा, मुड्डा, चिरईगांव आदि के पास सूखकर रुक गई हैजबकि इसमें बराबर पानी की धारा चलती रहती थीयहीं नहीं कर्मनाशा नदी में लगे दस लिफ्ट कैनाल करौती, ककरैत, अदसड़, अरंगी, धनाइतपुर, मुड्डा, दैंथा, चिरईगाव, चारी, नौबतपुर आदि नदी में पानी न होने से पानी देना बंद कर दिए हैंपानी के अभाव में किसानों की खेती सूखने की कगार पर है.

क्या कहते किसान

कर्मनाशा नदी का पानी निचली सतह पर चले जाने और लिफ्ट कैनाल पानी नहीं उठाने से किसानों की सब्जी, मूंग, उर्दी, चारी आदि फसल सूख रही हैवही पशु-पक्षी पानी के लिए गांव के तरफ आ जा रहें हैं.च्

शिव बच्चन ङ्क्षसह, ब्लाक अध्यक्ष, किसान यूनियन

निरंतर चलने वाली कर्मनाशा नदी का पानी की धार इस समय मई माह के प्रथम सप्ताह में ही रुक गई हैइससे किसानों को काफी परेशानी हो रहीशिकायत के बावजूद अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.

सुमंत ङ्क्षसह अन्ना, तहसील अध्यक्ष, किसान यूनियन

इस समय पानी की काफी आवश्यकता है, जिससे जानवर व पशु-पक्षियों को पानी नहीं मिलने से प्यास बुझाने के लिए गांव के पास पहुंच जा रहे हैं

अंजनी ङ्क्षसह, ग्राम प्रधान, कम्हरियां

इस समय प्रचंड धूप में अमड़ा बड़ी नहर सहित गांव के छोटे बड़े तालाब भी सूख गए हैंजिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई हैइस समय नहर में पानी छोड़ देना चाहिए.

अनुज ङ्क्षसह, पूर्व प्रधान, इमलिया