वाराणसी (ब्यूरो)टेक्नोलॉजी के इस युग में युवाओं की सोच बदल रही हैअगर आपके दिमाग में नए-नए आइडियाज जन्म लेते हैं तो खास शैक्षिक योग्यता और प्रशिक्षण भी नहीं चाहिएबस सोच, हुनर और लगन होना चाहिएकुछ इसी तरह से तकनीक के पंखों पर युवाओं की सोच परवान भर रही हैआज की इनकी मेहनत में कल की उज्जवल तस्वीर झलक रही हैदैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर ऐसे ही कुछ युवाओं से उनके इनोवेशन और आइडियाज के बारे में बात की, जिनकी सोच तकनीक से मिलकर खास बनीसिटी के अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट के छात्रों ने एआईटीएम फाउंडेशन ऑफ इनक्यूबेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप में अपने चार स्टार्टअप को रजिस्टर कियाइसमें से एक स्टार्टअप को स्टार्टअप इंडिया ने मान्यता भी दे दी है

इमरजेंसी हेल्थ एप

इंस्टीट्यूट के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के स्टूडेंट उत्कृष्ट वर्मा ने मेडएक्सप्रेस नाम से एक ऐसा एप तैयार किया है, जो इनमरजेंसी हेल्थ इश्यू में अहम रोल अदा करता हैउत्कृष्ट ने बताया कि यह एप इमरजेंसी हेल्थ की स्थिति में लाइफ सेव करने और वर्तमान व्यवस्था में सुधार करने के लिए बनाया गया हैस्मार्ट हेल्प के साथ इसे यूजर्स को सही संसाधनों से जोड़ा गया हैएप यह सुनिश्चित करता है कि लोगों को हेल्थ से संबंधित वे सभी सुविधाएं मिले जब किसी की लाइफ सेव करने के लिए एक-एक सेेकेंड मायने रखता हैइस मेडएक्सप्रेस एप की खासियत ये है कि इसमें कुछ भी टैप कर यूजर मेडिकल हेल्प मांग सकता हैमेडएक्सप्रेस नजदीकी अस्पतालों और अन्य चिकित्सा सुविधाओं से जोड़ता हैइसमें यूजर्स के आसपास में उपलब्ध सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधाओं को डेटाबेस उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया हैइमरजेंसी के दौरान जैसे ही आप अपने एरिया को इस एम में मेंशन करते है, यह उसी तरह से ये वास्तविक समय अपडेट और नेविगेशन प्रदान करता हैउत्कृष्ट ने बताया कि आने वाले समय में इस एप में डॉक्टर्स और टेली हेल्प की सुविधा जोड़ी जाएगी

आयुषचैन एप

इंस्टीट्यूट में फार्मेसी के स्टूडेंट रामानंद मिश्रा ने एक ऑनलाइन बिजनेस टू बिजनेस प्लेटफॉर्म आयुषचैन का इनोवेशन किया गयाइसमें फार्मेसी बाजार में दवाओं और ब्यूटी प्रोडक्ट और अन्य मेडिकल प्रोडक्ट की आपूर्ति की श्रृंखला को पारदर्शी बनाया गया हैरामानंद ने बताया कि फार्मेसी का बड़ा बाजार होने के साथ बड़ा एरिया हैकुछ ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में लोग दवाओं की अनुपलब्धता से पीडि़त हैंनकली दवाएं फार्मेसी क्षेत्र में बड़ा मुद्दा और चिंता का विषय हैंफार्मेसी में कभी-कभी मरीज जेनरिक दवाओं और उनके विश्वास से होते हैं, इसलिए उन्हें दुकानों पर अन्य विकल्प को तलाशने पड़ते हैंदवा दुकानदारों को बिचौलियों के बीच में रहने से उन्हें काफी नुकसान भी सहना पड़ता हैलेकिन इस एप में ऐसा सिस्टम बनाया गया है, जहां दवा कंपनी और दुकानदार के बीच आने वाले डिस्ट्रीब्यूटर को साइड करने या यह बताने का प्रयास किया गया है, कि उनके और कंपनी के बीच परचेजिंग में कितने रूपए का फर्क हैयदि कोई दुकानदार डायरेक्ट कंपनी से प्रोडक्ट खरीदता है तो उसे डिस्ट्रीब्यूटर की जरूरत नहीं होगीइससे उसका प्रॉफिट भी बढ़ जाएगा

होलिस्टिक आयुर

वहीं फार्मेसी के स्टूडेंट अमीषा सिंह ने एक वेब एपीपी बनाया हैयह एक होलिस्टिक आयुर वेब ऐप है जो आपकी शारीरिक प्रकृति को उन्नत एआई तकनीक की मदद से पहचानने में मदद करेगाअमीषा ने बताया कि इसमें कई सारी सुविधाएं हैं, जैसे ग्रुप फोरम जहां लोग एक-दूसरे के साथ जुड़ सकते हैं, वे अपनी प्रकृति के अनुसार निर्धारित कार्य करके स्ट्रीक बना सकते हैं और सहयोगी कंपनियों से सामान खरीदने के लिए क्वाइंस रिडीम कर सकते हैंइसके साथ ही उन्हें हमारे एजुकेशन फोरम से भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगाहोलिस्टिक आयुर के प्रीमियम सदस्यों के लिए व्यक्तिगत, सहायक और डॉक्टर सलाहकार भी हैंयह उन्हें अपनी स्वास्थ्य से संबंधित सवालों के लिए और भी अधिक सहायक बनाता है

डिजिटेक एप

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के छात्र विकास सिंह ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद इस दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए अपना एक स्टार्टअप स्टार्ट किया हैविकास ने बताया कि इसे एमकेवी डिजिटेक प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर्ड हैयह आईटी सर्विसेज और डिजिटल मार्केटिंग की सर्विसेज प्रोवाइड करती हैइस स्टार्टअप के जरिए वेबसाइट डिजाइन, ऐप डेवलपमेंट, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, डिजिटल विज्ञापन, डिजिटल मार्केटिंग आदिविकास का कहना है कि उनके स्टार्टअप को को भारत सरकार के स्टार्टअप इंडिया ने मान्यता दे दी है

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ये बच्चों के इनोवेशन को देते पंख

इंस्टीट्यूट के इन बच्चों के आइडियाज और इनोवेशन को सफल बनाने और सही दिशा प्रदान कराने में इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल के संयोजक एसएन सिंह और अध्यक्ष सज्जाद अली, उपाध्यक्ष राजीव यादव और स्टार्टअप कोऑर्डिनेटर पंकज श्रीवास्तव की अहम भूमिका रहती है.

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हम अपने बच्चों को इस तरह से तैयार कर रहे हैं कि उनमें इनोवेशन के साथ नए-नए आइडियाज जन्म ले सकेवहीं इंस्टीट्यूट का प्रयास रहता है कि यहां के बच्चे एक अच्छे उद्यमी और बिजनेस मैन बनकर देश की इकोनॉमी बढ़ाने का काम करेंइनके आइडियाज को धार देने के लिए संस्था भी इन्हें हर तरह की फैसिलिटिज प्रोवाइड करा रही है.

डॉसारिका श्रीवास्तव, डॉयरेक्टर, अशोक इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट