-लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट की CM के समीक्षा करने के बाद वरुणा कॉरीडोर प्रोजेक्ट से जुड़े लोगों के फूले हाथ-पांव

-201 करोड़ के प्रोजेक्ट में हुई लापरवाही व रुपयों की बंदरबाट पर CM योगी की नजरें हो सकती हैं टेढ़ी

VARANASI

यूपी में सत्ता बदलने के साथ ही पुरानी सरकार के दौरान शुरू हुए कई प्रोजेक्ट्स की अब परतें खुलनी शुरू हो गई हैं। इसी क्रम में सीएम योगी ने सोमवार को लखनऊ में पूर्व सीएम अखिलेश की ओर से शुरू किए गए गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट में हुई धांधली की जांच के आदेश दिए तो बनारस में भी अफसरों में हड़कंप मच गया। वजह पूर्व सीएम अखिलेश का ड्रीम प्रोजेक्ट वरुणा कॉरीडोर बनारस में भी लंबे वक्त से चल रहा है। ख्0क् करोड़ रुपयों के इस प्रोजेक्ट को पूरा तो सरकार बनने से पहले ही हो जाना था लेकिन भ्रष्टाचार के चलते प्रोजेक्ट का वर्क अब तक मात्र क्भ् परसेंट ही पूरा हो पाया है। जिसके चलते अधिकारी व कार्यदायी संस्था इस बात को लेकर परेशान हैं कि गोमती की तरह अगर बनारस में भी योगी ने वरुणा कॉरीडोर प्रोजेक्ट की जांच करा दी तो कइयों की मुसीबत बढ़नी तय है।

अब तक सिर्फ भ्00 मीटर काम पूरा

वरुणा किनारे क्0.फ् किमी तक कॉरीडोर बनाए जाने की इस योजना में चार घाट भी बनाए जाने थे। जिस पर कुल ख्0क् करोड़ रुपए खर्च होने हैं लेकिन डेढ़ साल बीतने के बाद भी एक किमी तक का काम पूरा नहीं हो पाया है। जबकि परियोजना के नाम पर अब तक 80 करोड़ रुपए फूंके जा चुके हैं। इसके बाद भी काम अब तक फंसा हुआ है। सोमवार को एडीएम मुनीन्द्रनाथ उपाध्याय कॉरीडोर की प्रगति जांचने शास्त्रीघाट स्थित साइट ऑफिस पहुंचे थे। उन्होंने वहां दस्तावेजों को देखने के बाद प्रोजेक्ट स्थल की पड़ताल की। प्रोजेक्ट को पूरा करने की अवधि पहले ही जनवरी ख्0क्7 से बढ़ाकर मार्च ख्0क्7 कर दी गई थी। इसके बावजूद अब तक कचहरी के शास्त्रीघाट के पास महज भ्00 मीटर का मॉडल ही तैयार हो सका है।

विवादों में रहा है कॉरीडोर

- वरुणा कॉरीडोर निर्माण का काम कार्यदायी संस्था को दिए जाने के बाद से ही विरोध रहा था

-आरोप लगा था कि तत्कालीन सिंचाई मंत्री शिवपाल के करीबी को ठेका दिया गया

- जिसके बाद रुपयों की बंदरबाट का आरोप लगा

- कार्य स्थल पर दो बार आग भी लग चुकी है

-जिसमें क्फ् मार्च होली पर यहां बड़ी आग लगी थी

-इसको लेकर साजिश की बात सामने आई

अभी बहुत बचा है काम

- कॉरीडोर में कुछ ही दूर तक पाथवे बना है

- जबकि निर्माण, पौधरोपण आदि कुछ नहीं हो पाया है।

- छह घाटों में से शास्त्रीघाट विस्तार का कार्य ही पूरा हुआ है।

- डीएम आवास के पास, पीडब्ल्यूडी कॉलोनी व चौकाघाट पर बन रहा घाट अधूरा है।

- अन्य घाटों पर काम शुरू ही नहीं हुआ है।

- नालों को डायवर्ट करने के लिए डाली जा रही पाइप लाइन का कार्य चौथाई भी नहीं हुआ है

- हुए काम की गुणवत्ता भी खराब मिली है।

ये है प्रोजेक्ट

- मार्च ख्0क्म् से शुरू हुआ था वरुणा कॉरीडोर पर वर्क

-जनवरी ख्0क्7 तक पूरा होना था वर्क

- इसे बाद में बढ़ाकर मार्च ख्0क्7 तक पूरा करना था

- ख्0क्.म्भ् करोड़ रुपए की लागत से बनना है कॉरीडोर

- क्0.फ् किमी कॉरीडोर में ब् नए घाट बनने हैं

- इसमें ड्रेजिंग, कंस्ट्रक्शन, रेलिंग, चौड़ीकरण व ज्ञानपुर पम्प कैनाल से गंगा के पानी का प्रवाह शामिल है

- नदी के दोनों तरफ लंबा प्लेटफॉर्म बनना है, जिस पर लोगो के बैठने की सुविधा होगी

- दोनों तरफ पाथ वे और लाइटिंग भी लगेगी

- घाट की सुंदरता के लिए कचहरी स्थित दोनों पुल के बीच फाउंटेन लगाया जाना है

आग की जांच पहुंची है यहां तक

- क्फ् मार्च को कॉरीडोर वर्किंग प्लेस के गोदाम में आग लगी थी

- आग कैसे लगी ये सवाल अब भी बना है

- मामले की जांच कमिश्नर ने एडीएम प्रशासन को सौंपी है

- जिसमें एडीएम ने सभी विभागों और इससे जुड़े लोगों से साक्ष्य देने को कहा था

- जांच ख्फ् मार्च से शुरू हुई है

- लेकिन अब तक सिर्फ फायर ब्रिगेड ने अपनी रिपोर्ट सौंपी है

- जबकि पुलिस, कार्यदायी संस्था व सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कोई रिपोर्ट नहीं दी है

मामले की जांच के लिए कॉरीडोर का निरीक्षण किया गया है। कार्य की प्रगति बहुत स्लो है। आग लगने की भी जांच की जा रही है। अभी कुछ साक्ष्य और जुटाने हैं जिसके बाद रिपोर्ट तैयार कर आला अधिकारियों को सौंपी जायेगी।

मुनीन्द्रनाथ उपाध्याय, एडीएम प्रशासन