- वीडीए के सीमा क्षेत्र में चिह्नित हुए हैं 22 हजार अवैध निर्माण

विकास शुल्क लेकर अवैध निर्माण को वीडीए करेगा वैध

बीते दो दशक में शहर और आसपास क्षेत्रों में तेजी से आबाद हुई अवैध कालोनियों को लेकर शासन की नई नीति और फरमान से हजारों भवन स्वामियों में राहत की उम्मीद जगी है। पब्लिक हित में शासन की पहल अच्छी है, लेकिन सवाल यह है कि वीडीए का रवैया कब तक ऐसे ही चलता रहेगा। उसकी नाक के नीचे अधिकृत क्षेत्र में बिना इजाजत अवैध रूप से 366 कालोनियां बस गई और 22 हजारों से अधिक बिल्डिंग भी खड़ी हो गई, लेकिन वीडीए को इसकी भनक तक नहीं लगी। ये अवैध विकास किसके इशारे और किसकी मौजूदगी में हुई, जिसकी भी जांच जरूरी है। 366 अवैध कालोनियों के गुनाहगारों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि भविष्य में प्लानिंग और वीडीए की अनुमति के बाद ही वाराणसी में कालोनी की शुरुआत हो।

राडार पर जिम्मेदार

शासन की ओर से वाराणसी में अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए बनाई जा रही नई नीति में अवैध निर्माण करने वाले भवन मालिकों और गुहानगारों पर एक्शन की बात आ रही है। आईएएस अधिकारी के अनुसार भविष्य में अवैध कालोनियां न बसाई जाए, इसके लिए शासन ने आवास विकास परिषद और प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों पर शिकंजा कसने की योजना बनाई है। पूर्व में जिस भी अधिकारी के कार्यकाल में मानक से अधिक अवैध निर्माण पाए गए तो संबंधित जोनल अधिकारी, अवर अभियंता समेत अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

भवन स्वामियों को राहत

आवासीय क्षेत्रों में अवैध रूप से बढ़ीं कमर्शियल गतिविधियों को रोक पाना मुश्किल होने के बाद उसे कानूनी जामा पहनाने का रास्ता तलाश लिया गया है। जहां 50 प्रतिशत से अधिक जगह पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं, वहां कॉलोनी का लैंड यूज बदलकर कमर्शियल कर दिया जाएगा। अवैध कॉलोनियों से 25 प्रतिशत विकास शुल्क वसूल कर वैध किए जाने की तैयारी है। आवासीय कॉलोनियों में चल रहीं बहुत-सी गतिविधियों को अमलीजामा पहनाने के लिए नई पॉलिसी भी बनी है।

212 की भेजी थी रिपोर्ट

अवैध निर्माण कम करने के साथ आम लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शासन ने एक मई-2016 तक के अवैध कालोनियों को वैध करने के लिए पिछले माह रिपोर्ट मांगी थी। पूर्व वीडीए वीसी राजेश कुमार ने 212 अवैध कालोनियों की सूची बनाकर शासन को भेजी थी। हालांकि अवैध कालोनियों की संख्या 366 है लेकिन वे मानक के विपरीत है, उन कालोनियों को वैध नहीं किया जा सकता है।

यहां आबाद हुई कालोनियां

सारनाथ, तिलमापुर, लेढूपुर, उमरहा, संदहा, हिरावनपुर, फरीदपुर, शक्तिपीठ आश्रम, घुरहूपुर, ¨रग रोड, हरहुआ, शिवपुर, बाबतपुर, लोढ़ान, रोहनिया, राजातालाब, लंका, बीएचयू के पीछे, सामने घाट, मुगलसराय, रामनगर, हाइवे आदि क्षेत्रों में पिछले दो दशक में ज्यादा कालोनियां आबाद हुई।

फिलहाल अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए शासन ने नई नीति बनाई है। शासनादेश के आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। हालांकि भविष्य में अवैध निर्माण न हो, इसके लिए शासन की ओर से अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार पर भी एक्शन भी लिया जा सकता है।

-राहुल पांडेय, उपाध्यक्ष वीडीए