-नगर निगम का दावा नहीं होगी शहर में कहीं भी वाटर लॉगिंग, हो गयी है पूरी तैयारी

- दशाश्वमेध एरिया के लोगों को सता रहा है जल-जमाव का डर, जी रहे डर-डर कर

VARANASI

बारिश के चलते शहर में जल जमाव के कारण नारकीय हालात बन गये है। कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां पर जल-जमाव की शिकायत नहीं हो। अरे घबराइये मत फिलहाल शहर के ये हालात हैं तो नहीं लेकिन आने वाले दिनों में इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता है।

शहर हर साल बारिश के सुहाने मौसम का आनंद लेने के बजाए बदरंग और बदहाल हो जाता है। इसका कारण है बारिश के दौरान गली, मोहल्लों, कालोनियों और मेन रोड पर वाटर लॉगिंग होना। नगर निगम इस परेशानी से निबटने का दावा तो करता है लेकिन आने वाली बरसात ही बताएगी कि निगम ने क्या तैयारी की है? आई-नेक्स्ट शहर की इस समस्या को उठा रहा है। आज हम आपको लेकर चल रहे है काशी के हृदय गोदौलिया-दशाश्वमेध में जहां कुछ देर होने वाली बारिश के कारण लोगों को वाटर लॉगिंग की परेशानी का सामना करना पड़ता है।

काशी का हृदय हो जाता है चोक

मेन सीवरलाइन और ब्रान्च सीवरलाइन की हर साल होने वाली सफाई पिछले पांच साल से बंद है। जिसके कारण इसमें सिल्ट जमा है और यही सिल्ट बारिश के मौसम में पानी के ड्रेन को रोकते हैं और जल जमाव होता है। ये कहना है यहां के पार्षद नरसिंह दास का। वह बताते हैं कि पांच साल पहले तक सक्शन पंप लगाकर सिल्ट निकाली जाती थी। जिससे सीवर लाइन साफ रहती थी।

क्यों न हो वाटर लॉगिंग?

बारिश के दौरान वाटर लॉगिंग की समस्या कोई नई बात नहीं है। इसके लिए जिम्मेदार विभाग ही नहीं हम भी जिम्मेदार हैं। नगर निगम इन दिनों अभियान चलाकर नालों की सफाई में जुटा है। अगर ये नालियां हमेशा साफ रहे तो वाटर लॉगिंग नहीं होगी लेकिन ये नाले अतिक्रमण का शिकार हो गये हैं। वहीं अक्सर नगर निगम बारिश से पहले नाले-नालियों की सफाई करवाता है और सिल्ट किनारों पर छोड़ दी जाती है। बारिश होते ही सिल्ट नालों में वापस लौट जाती है जो वाटर लॉगिंग का कारण बनती है।

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नगर निगम की कार्यप्रणाली के बारे में क्या कहा जाए? जो मुद्दा आप उठा रहे हैं उस परेशानी को हम सालों से झेल रहे हैं। मॉनसून करीब है लेकिन निगम की कोई तैयारी नहीं दिख रही है। आज डीएम की चौपाल में इस मामले की उठाया जाएगा। जल-जमाव के लिए निगम से शिकायत की जाए लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

नरसिंह दास, पार्षद, दशाश्वमेध

हर साल बारिश होने के बाद जल भराव की परेशानी से दो चार होना पड़ता है। घर और दुकानों में भर जाता है पानी।

अजीत जायसवाल, गोदौलिया

बारिश के दौरान पानी जल जमाव तो हमारी नियति बन गयी है। हर बार जो परेशानी होती है इस बार भी झेलनी ही पड़ेगी।

सुनील कुमार, गिरजाघर

पानी तो हर साल भरता है। हल्की सी बारिश होती है और घंटो पानी भरा रहता है। ये हालात पिछले पांच-छह सालों से हम झेल रहे हैं।

अरुणा सोनी, दशाश्वमेध

जल जमाव की स्थिति ये है कि बारिश के मौसम में इस समस्या से तो हमें दो-चार होना ही पड़ता है, क्योंकि विभाग हमारी परेशानी तो दूर कर नहीं पायेगा।

विजय शंकर श्रीवास्तव

इस बार शहर में कहीं भी वाटर लॉगिंग नहीं होगी। सारी तैयारियां कर ली गयी हैं। जल जमाव होने पर दो दर्जन के करीब वाटर पंप भी तैयार हैं।

अविनाश कुमार, तहसीलदार, नगर निगम