-शहर के होटलों में बिना आईडी के मिल जा रहा कमरा

-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग में हुआ खुलासा

बेहद संवेदनशील शहर बनारस उनके लिए बेहद मुफीद है जो खुद को सोसायटी से छुपा के रखना चाहते हैं। क्योंकि यहां मौजूद होटल, लॉज में कमरा बिना आईडी और पूछताछ के मिल जाता है। बस कुछ रुपये दीजिए और मनचाहा कमरा लेकर मनमाना कीजिए। पुलिस का भी कोई डर नहीं यह सब होटल के कर्मचारी संभाल लेंगे। यह चौंकाना वाला सच सामने आया दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के स्टिंग में। नियमों का पालन करने का दावा करने वाले वाले कई होटलों को बेनकाब करने वाली खबर आप भी पढि़ए। जानिए कैसे हुआ यह स्टिंग और क्या चल रहा शहर के होटल, लॉज में।

कोई नहीं चाहिए पहचान

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम सबसे पहले पहुंची इंग्लिशिया लाइन एरिया में। यहां कई होटल, लॉज और गेस्ट हाउस हैं। एक पुराने और फेमस होटल कालिका में दाखिल होते ही सामने रिसेप्शन के पास बैठे व्यक्ति ने बड़े अदब से पूछा। कहिए क्या चाहिए आपको? उसकी आवाज सुनकर रिपोर्टर उधर बढ़ चला और सवाल पूछने वाले से कहा मुझे एक कमरा चाहिए। उस व्यक्ति ने आईडी मांगा और रजिस्टर रिपोर्टर की बढ़ाते हुए उसे भरने को कहा। अब रिपोर्टर ने अपनी बात रखी बोला आईडी मेरे पास नहीं है क्या इससे बिना रूम नहीं मिलेगा भले रिसेप्शन के पास बैठे व्यक्ति ने पहले तो इनकार किया लेकिन रिपोर्टर के ज्यादा रुपये देने की बात कहने पर थोड़ा सोचा फिर हामी भर दी। उसने अब सामने से रजिस्टर भी हटा लिया। बोला जब आईडी नहीं है तो इस पर भी एंट्री मत कीजिए। रिपोर्टर ने सामान लाने की बात कही और होटल से बाहर निकल लाया।

जिसको चाहिए ले आइए

यहां से बाहर निकलने के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम का अगला पड़ाव था काशी विद्यापीठ रोड पर मौजूद होटल परमहंस। होटल में दाखिल होते ही रिसेप्शन दिखा। यहां दो लोग मौजूद थे उनमें से एक ने रिपोर्टर की तरफ मुखातिब हुआ। रिपोर्टर ने बिना वक्त गंवाए कहा मुझे कुछ घंटों के लिए रूम चाहिए, मगर मैं अपना आईडी लाना भूल गया हूं। होटलकर्मी जैसे चौंका और बोला कि कहां से आ रहे हैं। रिपोर्टर बोला गोरखपुर यहां एक महिला मित्र से मिलना है उसके बाद लौट जाउंगा। अब होटलकर्मी बड़े अचरज से रिपोर्टर की तरफ देखा और बोला कि क्या आपके साथ आने वाली लड़की के पास भी आईडी नहीं है। रिपोर्टर ने ना में सिर हिला दिया। होटलकर्मी ने बोला कि अच्छा आप जरा बैठिए में मैनेजर से पूछकर बताता और वहां से चला गया। लगभग 15 मिनट बाद लौटा और बोला कि बिना आईडी के रूम तो मिल जाएगा लेकिन 1500 रुपये देने होंगे। रिपोर्टर ने इसे बहुत ज्यादा बताया तो होटलकर्मी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि इससे कम में नहीं हो पाएगा। 1500 दीजिए और जिसको चाहिए रूम में ले आइए।

बेहद खतरनाक यह रवैया

होटल, गेस्ट हाउस में बिना आईडी के रूम देने का रवैये बेहद खतरनाक है। बनारस बेहद संवेदनशील शहर है। आधा दर्जन बार यहां आतंकी वारदात हो चुकी है। अमन के दुश्मन हर वक्त यहां अशांति फैलाने की फिराक में रहते हैं। ऐसे में होटल-गेस्ट हाउस में उन्हें आसानी से पनाह मिल सकता है। कई बार होटलों से दुर्दात अपराधी होटलों से पकड़े जा चुके हैं जो फेक आईडी या बिना आईडी के कमरा लेकर रह रहे थे।

हादसे दर हादसे

रूम देने से पहले आईडी की जांच नहीं करने का नतीजा यह है कि अक्सर होटलों में हादसे होते हैं। कैंटोनमेंट के एक होटल में प्रेमी युगल फेक आईडी पर रूम लिया। उनके बीच अनबन हुई युवक ने युवती की चाकू मारकर हत्या कर दी। डाफी पर गेस्ट हाउस में युवती ने रेप का आरोप लगाया। सुसाइड के मामले तो अक्सर सामने आते हैं।

काले कारनामों की लम्बी लिस्ट

-बनारस में होटल, गेस्ट हाउस, लॉज बड़ी संख्या में हैं

-तमाम होटल, गेस्ट हाउस बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे हैं

-होटलों में बिना आईडी के आसानी से रूम मिल जाता है जिसका फायदा अपराधी उठाते हैं

-होटलों में जुए के अड्डे संचालित होते पकड़े गए हैं

-कैंट और आसपास के इलाकों में होटल, गेस्ट हाउस जिस्म फरोशी का अड्डा बन चुके हैं

-प्रेमी युगलों को घंटे के हिसाब से रूम देने का चलन बढ़ गया है

-होटलों के कमरों में नशाखोरी भी खूब हो रहा है

-गंगा किनारे मौजूद तमाम होटल, गेस्ट हाउस अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं

अभी तो बस रुपये चाहिए

कोरोना संक्रमण की वजह से हुए लॉकडाउन का सबसे बड़ा असर होटल व्यवसाय पर पड़ा है। सैलानियों के न आने से महीनों से होटलों के कमरे बुक नहीं हुए हैं। ऐसे में कोई कस्टमर मिल रहा तो होटल उसे किसी भी कीमत पर रूम देने के लिए तैयार रहते हैं। अधिकांश होटलों में कमरों का रेट कम हो गया है। जिला प्रशासन ने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए कुल 65 होटलों को ही खुलने की अनुमति प्रदान की है। हालांकि शहर में कई ऐसे होटल भी है जो प्रशासन की बिना अनुमति के खुल रहे है।

पुलिस को हम देख लेंगे

चंद रुपयों के लिए होटल कर्मचारी हर तरह की सुविधा देने को तैयार हैं। इसका अंदाजा रिपोर्टर और होटलकर्मी के बीच हुई बातचीत से लगाया जा सकता है।

रिपोर्टर - बिना आईडी के कमरा लेने में कोई परेशानी तो नहीं होगी।

होटलकर्मी-नियम तो नहीं है लेकिन सब चलता है

रिपोर्टर-अगर पुलिस आई तो क्या होगा

होटलकर्मी-आपसे रुपये इसलिए ही ज्यादा ले रहे हैं ताकि सब मैनेज कर सकें

रिपोर्टर-तो क्या पुलिस को पता होता कि बिना आईडी के रूम दिया जाता है

होटलकर्मी-भाई साहब क्या पुलिस की मर्जी के खिलाफ कुछ हो सकता है, उन्हें सब पता होता है।

रिपोर्टर-तो क्या उन्हें भी कुछ देना पड़ता है

होटलकर्मी-अब काम करना है तो पुलिस को खुश करना ही पड़ेगा

रिपोर्टर-लेकिन बिना आईडी के रूम देना तो खतरनाक भी हो सकता है

होटलकर्मी-खतरा किस काम में नहीं होता है अब कुछ कमाने के लिए रिस्क तो लेना ही पड़ेगा।

300

होटल हैं शहर के अलग-अलग इलाकों में

500

गेस्ट हाउस का होता संचालन

250

लॉज भी हैं शहर में

500

रुपये में कमरा मिल जाता है छोटे होटलों में

200

से अधिक होटल, गेस्ट हाउस अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं

होटल, गेस्ट हाउस के लिए बने हैं सख्त नियम

-रूम लेने वाले के पास आईडी होना अनिवार्य है

-आईडी की बकायदा जांच होनी चाहिए

-होटल, गेस्ट हाउस में सीसीटीवी कैमरा होना चाहिए

-फुटेज की रिकार्डिग कुछ दिनों तक सुरक्षित रखना है

-होटल, गेस्ट हाउस में अगर कोई विदेशी ठहरता तो इसकी जानकारी प्रतिदिन एलआईयू की देनी होगी

-किसी संदिग्ध की मौजूदगी की जानकारी होने पर पुलिस को सूचना देनी होगी

किसी भी होटल में बिना आईडी के कमरा देने का मामला सामने आएगा तो होटल को सील करने के साथ संचालक व प्रबंधक पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। अभी शहर में केवल उन्हीं होटलों को खोलने की इजाजत दी गई है जिनके पास परमिशन है।

मुश्ताक अहमद

एएसपी, वाराणसी