वाराणसी (ब्यूरो)भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था, यह पूरी दुनिया जानती है, लेकिन काशी में एक ऐसा मामला है, जिसे जानकार आप भी चौंक जाएंगेजी हां, जिनके नाम से काशी की महिमा पूरे संसार में गंूज रही है, वही भगवान शंकर अपनी ही नगरी के लंका थाने में साढ़े तीन साल से कैद हैंथाने के मालखाने में एक नहीं, बल्कि 80 से अधिक शिवलिंग हैं, जिन्हें अपनी रिहाई का इंतजार हैविश्वनाथ धाम कॉरिडोर के निर्माण के लिए वर्ष 2018 में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास एरिया में काफी गहरी खुदाई की गई थीइस दौरान कई मंदिर और बड़ी संख्या में शिवलिंग मिली थी.

मच गया था हड़कंप

लंका थाने के अंतर्गत रोहित नगर कॉलोनी में कूड़े में शिवलिंग, अरघा, नंदी मिलने पर हड़कंप मच गया थाहो-हल्ला मचने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस 80 शिवलिंग को थाने लेकर आई थीतबसे लेकर अब तक यह शिवलिंग पिछले साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से यहीं पड़े रखे हुए हैं.

खंडित का लगाया था आरोप

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और पूर्व मंत्री अजय राय ने कॉरिडोर निर्माण के दौरान मूर्तियों और विग्रहों को खंडित करने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया थाहालांकि उस समय के तत्कालीन एसडीएम विनोद सिंह ने इन आरोपों का खंडन किया थाबताया कि कॉरिडोर का सारा मलबा मीर घाट में डंप किया गया हैदिसम्बर 2018 में पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता अजय राय की ओर से धारा 295,155 और 427 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया गया थालंका थाने की पुलिस ने जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट न्यायालय में लगा दी है.

दोनों टाइम होती पूजा

लंका थाने में कैद शिवलिंग की अनदेखी होने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पूजा कराने का निर्णय लियाइन शिवलिंग की पूजा के लिए पंडित सुरेश मिश्रा को रखा गया, जो पिछले तीन साल से लगातार सुबह-शाम थाने में आते हैंपूरे विधि-विधान से सुबह-शाम शिवलिंग की पूजा और आरती करते हैंसुरेश मिश्रा बताते हैं कि सैकड़ों शिवलिंग अस्सी नाला में फेंकी गई थी, जो कॉरिडोर की खुदाई के दौरान मिले थेहालांकि शिवलिंग थाने में लाकर मालखाने में रख दिया गया हैशिवलिंग के पास बिसरा भी रखा गया है, जिससे लगातार बदबू आती है.