- स्पष्ट तौर पर नहीं हुआ किसी स्पेशल योजना का एलान

- बजट की घोषणा के दौरान पुरानी योजनाओं पर चर्चा नहीं

- पर्वतीय राज्य को एक बार फिर रखा विकास से दूर

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DEHRADUN : हाईटेक और सुविधाओं से लैस होकर दौड़ेगी 'प्रभु' की रेल। ख्00 स्टेशनों को हाईटेक बनाते हुए वाई-फाई सुविधायुक्त बनाने की भी बात की गई है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि देहरादून, हरिद्वार स्टेशन को इसमें शामिल किया जाए। एक बार फिर से रेल बजट में उत्तराखंड को नजर अंदाज किया गया। नई घोषणाएं तो दूर बल्कि पुरानी योजनाओं पर भी चर्चा तक नहीं की गई। जिस तरह से उत्तराखंड को हर बार विकास से दूर रखा जा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि केन्द्र में चाहे किसी की भी सरकार बने, पर्वतीय राज्य उत्तराखंड को हर बार विकास के लिए दूसरो का मुंह ताकते ही रहना पड़ेगा।

उम्मीदें हुई धूमिल

उत्तराखंड को रेलवे द्वारा नजरअंदाज किए जाने का सिलसिला नहीं है। यह स्वयं राज्य के लोगों की पीड़ा है जो उनके मुंह से शब्दों के रूप में निकल रही है। केन्द्र में यूपीए सरकार के सफाये के बाद बीजेपी की मोदी सरकार से उत्तराखंड की जनता को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन यह उम्मीदें उस वक्त धरासाई हो गई जब केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वर्ष ख्0क्भ्-क्म् के लिए लोकसभा में रेल बजट पेश किया। इस बजट में न तो उत्तराखंड के लिए स्पष्ट तौर पर कोई स्पेशल घोषणा हुई और न ही अभी तक पेंडिंग पड़ी पुरानी योजनाओं पर अमलीजामा पहनाने की बात हुई।

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इन योजनाओं पर नहीं हुई चर्चा

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन

वर्षो की मांग के बाद ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का शिलान्यास वर्ष ख्0क्0 में तत्कालीन यूपीए सरकार के समय सोनिया गांधी ने इस लाइन का शिलान्यास किया था। सर्वे होने के बाद रेलवे लाइन के निर्माण के लिए राजस्व विभाग को लैंड प्रपोजल और फॉरेस्ट विभाग भी लैंड प्रपोजल बनना है। लेकिन अभी तक यह मामला लटका हुआ है। इसको लेकर कोई चर्चा बजट में नहीं हुई है।

बद्रीनाथ व केदारनाथ तक ट्रेन पहुंचाने की घोषणा

वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् में मोदी सरकार के पहले रेल बजट में उत्तराखंड के तीर्थाटन को मजबूती देते हुए बद्रीनाथ व केदारनाथ तक रेल लाइन के सर्वे की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक यह सिर्फ घोषणा बनकर ही रह गई। बद्रीनाथ-केदारनाथ पर जहां पूरे विश्व के श्रद्धालुओं की नजर है। ऐसे में इस बजट में इस योजना पर काम शुरू होने की उम्मीदें थी लेकिन इस पर चर्चा तक नहीं हुई।

इन्हें भी किया नजरअंदाज

-इसके अलावा लास्ट रेल बजट में हरिद्वार से रामेश्वरम तक विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की गई थी, लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ पाया।

-साथ ही रामनगर से आगरा तक सप्ताह में एक ट्रेन चलाने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक गाडि़यां स्टेशन तक से संचालित नहीं हुई हैं।

-ऋषिकेश-डोईवाला डायरेक्ट लिंक लाइन की लंबे अरसे से मांग के बाद वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् बजट में इस ट्रैक को स्वीकृति मिली लेकिन आज तक काम आगे नहीं बढ़ा।

-लक्सर से देहरादून के बीच डबल ट्रैक बिछाने के लिए वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् बजट में हरी झंडी मिली लेकिन यह मामला भी अभी तक लटका हुआ है।

-देहरादून-विकासनगर-कालसी के बीच रेलवे लाइन बिछाने की मांग के बाद वर्ष ख्009 में रेलवे प्रशासन ने इस पर सर्वे कराया था। लेकिन यह मामला भी पेंडिंग पड़ा है।

-इसी प्रकार सहारनपुर-दून के बीच रेलवे लाइन बिछाने का भी क्99म् के करीब सर्वे पूरा हो चुका है लेकिन आज भी यह योजना फाइलों में बंद है।

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दून स्टेशन को है इंतजार

-आज भी यहां क्फ् कोच से अधिक की गाडि़यां एक साथ खड़ी नहीं हो सकती हैं।

-प्लेटफॉर्म की संख्या भी ब् से अधिक नहीं बढ़ पाई है।

-दून-गोरखपुर राप्तीगंगा एक्सप्रेस का नियमित संचालन

-सहारनपुर-दून, चंडीगढ़-दून रेलवे ट्रैक की ब्रॉड गेजिंग,

-हर्रावाला स्टेशन का अपग्रेडेशन, उत्तर-पूर्व के लिए ट्रेन,

-मॉर्निग टाइम में दून-मुरादाबाद या दून-बरेली के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस

इन सुविधाओं से रोशन होगा उत्तराखंड

वाईफाई की सुविधा

- केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने इस रेल बजट में देश भर में ब्00 स्टेशनों को हाईटेक बनाते हुए वाई-फाई सुविधायुक्त बनाने की भी बात की है। यह सुविधा ए और बी कैटेगरी के स्टेशनों में दिए जाने की बात पर चर्चा हुई है। देहरादून और हरिद्वार स्टेशन दोनो ही ए कैटेगरी वाले स्टेशन हैं ऐसे में वाई-फाई की यह सुविधा इनमें मिल सकती है।

उत्तर रेलवे में हेल्पलाइन

- वहीं दूसरी ओर नया हेल्पलाइन नंबर क्फ्8 को इस मार्च से सबसे पहले उत्तर रेलवे से शुरू किए जाने की योजना है। इसके बाद रिस्पांस के आधार पर इस नंबर को ऑल ओवर इंडिया में लागू किया जाएगा। इसी प्रकार रेलवे के अपने मोबाइल ऐप की सुविधा भी शुरू की जा रही है। जिससे तमाम तरह की सुविधा मिलेंगी।

मनोरंजक हो सकता है सफर

- दिल्ली से चलने वाली शताब्दी ट्रेनों में मनोरंजनयुक्त सुविधाएं दिए जाने की योजना भी है। दिल्ली से देहरादून हर रोज एक ट्रेन आती-जाती हैं। ऐसे में शताब्दी से दून आने वाले और दिल्ली जाने वाले यात्रियों को यह सुविधा मिल सकती है।

चल सकती हैं सीएनजी ट्रेनें

- पर्यावरण सुरक्षा के लिहाज से नार्दर्न रेलवे के तहत अब क्00 अन्य सीएनजी युक्त ट्रेनें चलाए जाने की योजना है। ऐसे में उत्तराखंड भी नार्दर्न रेलवे के तहत आता है। यहां भी सीएनजी युक्त कुछ ट्रेने चल सकती हैं।

- टूरिज्म वाले एरिया में बढ़ावा देने के लिए स्टेशनों का आधुनिकीकरण करने की बात कही है। टूरिज्म प्रदेश की श्रेणी में उत्तराखंड को भी शुमार किया जाता है। ऐसे में हो सकता है, इसमें उत्तराखंड के भी कुछ स्टेशन शामिल किए जाएं। ख्00 स्टेशनों को हाईटेक बनाने की योजना है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि देहरादून, हरिद्वार आदि किसी स्टेशन को इसमें शामिल किया जाए।

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सीएम की मांग भी हुई दरकिनार

रेल बजट से पहले प्रदेश के सीएम हरीश रावत ने केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात करने के बाद एक प्रस्ताव रेल मंत्री को सौंपा गया था। जिसमें उत्तराखंड में रेल सुविधा के तहत विभिन्न बिंदु शामिल थे।

-पर्यटन के दृष्टिकोण से उत्तराखंड राज्य में इंटरनेशनल गंतव्य तक रेल परियोजनाएं ले जाने के लिए कौंकण व जेएंडके में उधमपुर-कटरा जैसी रेल सुविधाएं देना।

-गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए रामनगर से गैरसैंण तक रेल संपर्क मार्ग।

-ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग के लिए लैंड ट्रांसफर के बाद शीघ्र काम शुरू करना।

-ऋषिकेष-डोईवाला नए रेल लाइन पर काम शुरू करने की मांग की।

-देहरादून, काठगोदाम, रामनगर से मुंबई के लिए एक-एक नई डायरेक्ट सेवा शुरू करने मांग की।

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उत्तराखंड के लिहाज से इस बजट में कोई खास घोषणा नहीं हुई है। राजधानी के लिहाज से दून स्टेशन का आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण होना बहुत जरूरी है। यहां आज भी प्लेटफॉर्म और यार्ड की क्षमता सीमित है। क्फ् कोच से अधिक की गाडि़यां एक साथ खड़ी नहीं हो सकती हैं। रेल किराया नहीं बढ़ाया गया है, लेकिन पब्लिक को सुविधाएं चाहिए। देखना यह होगा कि अब जितनी बाते कहीं है उनमें कितनों में इम्पिलिमेंटेशन होता है।

-उग्रसेन सिंह, शाखा सचिव, नार्दर्न रेलवे मैंस यूनियन

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सुरक्षा के साथ विस्तार होना जरूरी

महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से रेलवे बजट में जोर दिया गया है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे लगाने की बात कही है, यहां तक तो सही है। कोचों में महिला सिपाही भी अधिक मात्रा में सुरक्षा के लिए तैनात की जानी चाहिए।

-पुष्पा डंगवाल

पिछली बार बद्री व केदारनाथ तक रेल लाइन पहुंचाने की बात हुई थी, लेकिन इस बार इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की गई। यह दोनों धाम इंटरनेशनल लेवल पर आस्था का प्रतीक है। वहां तक परिवहन की सुविधा पहुंचाया जाना जरूरी है।

-गीता रावत

उत्तराखंड में पुरानी योजनाओं पर चर्चा नहीं हुई इसके लिए कुछ निराशा जरूर हुई, लेकिन किराया नहीं बढ़ाया गया यह यात्रियों के लिए राहत देने वाली खबर है।

-सुरेश रतूड़ी

स्टेशनों को हाईटेक बनाए जाने की बात कही गई है। इनमें अगर उत्तराखंड के स्टेशन भी हाईटेक होते हैं तो यहां के लोगों को भी यह सुविधा मिलेगी। नई घोषणाएं न करके पुरानी चीजों पर सुधार करने पर फोकस किया गया है।

-वीएस रावत